बिलासपुर –:::—समय-समय पर बदलते हुए मौसम के कारण मानव अत्यधिक प्रभावित होता है किंतु ईश्वर के बनाए हुए प्रकृति के मौसम इतने प्रभावित नहीं करते हैं जितना बे मौसम का परिवर्तित होना इंसान को अत्यधिक प्रभावित करता है.वर्तमान में बिलासपुर एवं प्रदेश का मौसम बार-बार औचक बदल रहा है इस दौरान अत्यधिक गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए इंसान शीतल जल पीकर अपने को तृप्त करता है.इसी को देखते हुए चंदिया जिला उमरिया मध्य प्रदेश से कुम्हार कारीगर अपनी रोजी-रोटी की तलाश में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी पिछले माह से वहां के प्रसिद्ध घड़े बनाकर यहां बेच कर उसे अपना गुजारे की उम्मीद में आए हैं किंतु बेमौसम बरसात के कारण उनका व्यापार भी प्रभावित हुआ है जो मटका ₹140 बेचा जाता था मौसम को देखते हुए उन्हें उसे ₹100 बेचने पर मजबूर हो गए, मिट्टी की बनाई पानी की जग ₹100 बिक्री होती थी उसे ₹70 बेचकर संतुष्ट होना पड़ता है इसी प्रकार पानी बोतल भी ₹100 बेची जाती था बिक्री ना होने के कारण वह भी ₹70 में बेचा जा रहा है ऐसे ही मटके बेचने वाले कारीगर आपको शहर के पुराने बस स्टैंड, शनिचरी बाजार, बृहस्पति बाजार, बुधवारी बाजार एवं अन्य सार्वजनिक बाजार वाले इलाकों में देखने को मिलेंगे.उन्होंने बताया कि कुछ अपनी लागत एवं कुछ बाजार से उधारी लेकर हम यहां आते हैं और पूरा माल बेचकर वापस अपने गांव जाकर पुरानी उधारी चुकाते हुए बाकी के पैसों एवं अन्य कार्य करके हम अपना परिवार हालातों से संघर्ष करके गुजारा करते हैं
इस बार साहुकार से ₹50000 उधारी लेकर मटका बनाने के काम चालू किए थे भाड़ा भी बहुत लगता है 15000 भाड़ा में बिलासपुर पहुंचे हैं बीच में जो लगातार बारिश हुई उससे धंधा चौपट हुआ है अब बस यही विनती है जल्दी से जल्दी मटका बीके तो अपने घर को जाए घर की बहुत याद आती है घर में भी और बच्चे हैं या हम 10 से 15 परिवार आए हैं कुछ लोग भी आते हैं बीच-बीच में वसूली करके चले जाते हैं सुना है यहां का विधायक बहुत अच्छा है अबकी बार आएंगे तो उससे मुलाकात जरुर करेंगे और अपना दुखड़ा सुनाएंगे. विजय दुसेजा कि रिपोर्ट