बिलासपुर : संत श्री आशाराम बापू जी के कृपा पात्र शिष्य श्री रामा भाई के द्वारा दो दिवसीय सत्संग कार्यक्रम सेंदरी आश्रम में संपन्न हुआ एवं शनिवार की शाम बिलासपुर सिटी मे भव्य हरिनाम संकीर्तन यात्रा खाटू श्याम मंदिर से सदर बजार होते हुऐ सिपत चौक सरकंडा मे समापन हुई, रविवार की सुबह सेंदरी आश्रम मे विद्यार्थियों के लिये विशेष सत्र रखा गया जिसमे सेकड़ो विद्यार्थियों ने लाभ लिया,श्री रामा भाई जी ने बताया कि- बच्चे कच्चे घड़े की तरह होते हैं। यदि बच्चों को बचपन में ही भक्ति, ध्यान और संयम के संस्कार मिल जाएं तो वह भौतिक उन्नति के साथ-साथ मानव जीवन के अंतिम लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकता है। यदि बालक अपने विद्यार्थी जीवन का ध्यान रखता है तो उसका भावी जीवन भी संभलता है क्योंकि बचपन के मूल्य ही बच्चे के जीवन की आधारशिला होते हैं।
बच्चों को सही मार्गदर्शन देने के लिए व उन्हें संस्कारवान बनाने के लिए पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की पावन प्रेरणा से संपूर्ण भारत में साधकों द्वारा नि:शुल्क बाल संस्कार केंद्र चलाए जा रहे हैं, और समय-समय पर इस प्रकार के विद्यार्थी शिविर एवं योग व उच्च संस्कार कार्यक्रम का आयोजन करते रहते हैं। शिविर के द्वारा बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ा जाए, परीक्षा में अच्छे अंक कैसे अर्जित करें, स्वस्थ रहने की कुंजियां, आसन, प्राणायाम और अपनी योग्यताओं को विकसित करने की बातें भी सिखाई, सत्संग कार्क्रम मे सिंधी समाज के वरिष्ठ माननीय मोती लाल पमनानी,राजकुमार
विरवानी मिडिया प्रभारी संतोष साहू, जे.पी बाजपेई, अनूप तिवारी, महिला उथान मण्डल की माताएँ,बहने,व सेकड़ो लोग उपस्थित हुये बाल संस्कार प्रभारी रवि राम रख्यानी ने बताया की पूज्य आशाराम बापूजी के कृपा पात्र शिष्यों के द्वारा पुरे भारत भर मे ऐसे सत्संग कार्क्रम चल रहें हैं,कई गरीब आदिवासी क्षेत्रों में जहां धर्ममांत्रण बहुत धहडले से हो रहे हैं, ऐसी जगहों पर भी सत्संग व हरि नाम कीर्तन यात्रा के माध्यम से लोगों को अपने सनातन धर्म में वापस लाया जा रहा हैं, गरीब बुजुर्गों के लिए आश्रम द्वारा भजन करो भोजन करो,50 रु दक्षिणा पायो के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।