अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर सब्जी टके सैर खाजा?

बचपन में स्कूलों में बहुत सारी कहानियां पढी थी जो आज के इस समय में वह कहानी सच लगने लगी हैं अभी जो देश के पांच प्रदेशों में चुनाव हो रहा है और जिस तरह राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने के लिए फ्री फ्री बोल बोल कर अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं छत्तीसगढ़ में प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों भाजपा व कांग्रेस दोनों का विकल्प बनने की कोशिश कर रही है आम आदमी पार्टी पूरा जोर लगा रही है जैसे दिल्ली और पंजाब में फ्री फ्री करके सत्ता हासिल की है इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी सत्ता मिले या किंग मेंकर की भूमिका में आ जाऊं इस कोशिश में लगी हुई है कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता है सभी राजनीतिक पार्टियां हर वर्ग को खुश करने के लिए फ्री फ्री का नारा दे रही हैं पर इसका फायदा जनता को कितना होगा यह तो समय ही बताएगा क्योंकि यह राजनीतिक पार्टियां
सत्ता में आने के बाद किंतु परंतु और बहुत सारे ढोंग करके सबको सब कुछ नहीं देती हैं कुछ लोगों को ही इसका फायदा होता है बाकी को तो रोजमर्रा की तरह अपनी जिंदगी और जीवन काटना पड़ता है पर इससे सत्ता तो मिल जाती है लेकिन इसका असल नुकसान जनता को भुगतना पड़ता है क्योंकि नेता या राजनीतिक पार्टियां अपनी जेब से तो तुमको कोई फ्री सामान देंगे नहीं आखिर कहीं ना कहीं यह कर्ज लेंगे और कर्ज को चुकाने के लिए टैक्स लगाएंगे और टैक्स में बढ़ोतरी करेंगे उससे घूम फिर कर जनता के ही जेब में ही डाका पड़ेगा जनता के जेब से ही पैसा जाएगा यह बात जनता के पल्ले नहीं पड़ रही है बस हर किसी को लोक लुभाने घोषणा जो हो रही है वही दिखाई दे रही है कोई गारंटी दे रहा है तो कोई गारंटी कार्ड इशू कर रहा है तो कोई पक्के वादे कर रहा है अगर ध्यान से इनके घोषणा पत्र और गारंटी कार्ड को पढ़ा जाए तो इसका लाभ कुछ समय के लिए ही होगा और कुछ वर्ग के लोगों को ही मिलेगा इससे अच्छा यह होता फ्री के जाल में जनता न फस कर मेहनत की कमाई से सामान खरीदे तो वह अच्छा है हां राजनीतिक पार्टियों को भी फ्री फ्री एवं जरूरत से ज्यादा सुविधाएं देने के बदले
कम रेट में समान मिले महंगाई कम हो पेट्रोल डीजल रेट आधा हो हर किसी को इसका फायदा हो शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं हर किसी को मिले वह अच्छी मिले इस ओर ध्यान देना चाहिए ।
विकास कैसे हो इसको ध्यान देना चाहिए यह फ्री की घोषणा बजाज फाइनेंस लोन की तरह है जो किस्तों में वापस तुम्हें ही लौटानी पड़ेगी अब देखना यह है कि जनता कितनी इनके माया जाल में फंसती है और कौन सी पार्टी अच्छी तरह फंसा पाती है जो अच्छी तरह विज्ञापन करेंगे अच्छा पैकेज देंगे वही सत्ता पर काबिल होगा हर राजनीतिक पार्टियां हर वर्ग और हर समाज का ध्यान रखकर कार्य कर रही है अब फैसला 17 नवंबर को होगा जब मतदान होगा और और सभी प्रत्याशियों का भाग्य का फैसला मत पेटीयो में बंद हो जाएगाऔर इसका परिणाम 3 दिसंबर को सबके सामने आएगा।
इतना तो जरूर है इस बार एकतरफा फैसला तो नहीं होगा ना इस बार कांग्रेस को दो तीहाई बहुमत मिलेगा ना बीजेपी को हार जीत ज्यादा सीटों से नहीं होगी अब देखना यह होगा कि मोदी का मैजिक काम आता है या काका के (मुख्यमंत्री भूपेश बघेल) जादू की झपकी कांग्रेस को बचाती है!!