क्या राहुल की न्याय यात्रा कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचा पाएगी ?

सम्पादकीय : देशभर में भक्ति की गंगा बह रही है सभी लोग 22 तारीख का इंतजार कर रहे हैं जब अयोध्या में भगवान रामचंद्र जी का भव्य दिव्य मंदिर में प्रभु श्री राम जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी देश-विदेश का मीडिया वह कई देशों के वीआईपी लोग उपस्थित रहेंगे गांव से लेकर शहर तक शहर से लेकर प्रदेश तक प्रदेश से लेकर देश तक नगर से लेकर चौक चौराहे तक हर जगह यही चर्चा है भगवान रामचंद्र जी के समारोह होने जा रहे 22 तारीख के कार्यक्रम की सभी लोग अपने-अपने शहरों में गांव में बड़े ही धूमधाम से भक्ति से कार्यक्रम का आयोजन करेंगे दूसरी और भाजपा लोकसभा में 400 प्लस टारगेट को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है और विपक्ष गठबंधन इंडिया अभी तक सीटों का बंटवारा भी नहीं कर पाया है इन सब के बीच से 14 जनवरी को कांग्रेस पार्टी के नेता सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर यात्रा निकालना आरंभ किया है पर इस बार यात्रा पैदल की जगह बस पर होगी और पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से आरंभ की है जो कि देश के 15 राज्यों से गुजरेगी पिछली बार पैदल यात्रा में कांग्रेस को लाभ हुआ ऐसा उनका सोचना है क्योंकि कर्नाटक और हिमाचल में कांग्रेस सत्ता में वापसी की इसी को सफलता मानते हुए लोकसभा में भी इसका फर्क पड़ेगा यह सोचकर कांग्रेस पार्टी न्याय यात्रा निकाल रही है

पर क्या हकीकत में इसका फायदा कांग्रेस को होगा सत्ता तो बहुत दूर है क्या कांग्रेस पार्टी 100 सिट तक पहुंच पाएगी यह देखना लाजमी होगा
हिसाब किताब वह गणित जैसा अभी देश का माहौल चल रहा है उसे देखते हुए यही लग रहा है इस बार भी मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे देखना यह होगा की कितनी सिट बढ़ती है क्या भाजपा 400 पार पहुंचती है कांग्रेस ने अपने पांव में खुद ही कुल्हाड़ी मार दी है निमंत्रण पत्र को ठुकराकर उसको निमंत्रण पत्र स्वीकार करके 22 तारीख को अयोध्या में होने जा रहे भगवान राम जी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम में
शामिल होना चाहिए था और जनता को संदेश भी देना चाहिए था कि कांग्रेस भी चाहती है कि ऐसा भव्य मंदिर बने वह भगवान रामचंद्र जी उसमें विराजमान हो वह हिंदुओं के हितेषी है विरोधी नहीं है पर उन्होंने ऐसा ना करके हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचाई है इसका नतीजा तो चुनाव में उसे देखने को मिल ही जाएगा और भाजपा को बैठे-बैठे एक बड़ा मुद्दा हाथ में मिल गया 22 तारीख के बाद भाजपा इस मुद्दे को अच्छी तरह भूनाएगी
एक बात कहते हैं ना ( विनाश काले विपरीत बुद्धि ) लगता है कांग्रेस की बुद्धि काम नहीं कर रही है इसलिए वह ऐसे उलटे फैसले ले रही है जिससे खुद को नुकसान होगा और साथ में अन्य विपक्षी पार्टियों का भी काफी हाल कांग्रेस जैसा ही होगा कांग्रेस की 🚣 को भगवान रामचंद्र जी का नाम ही पार लगा सकता था उनकी सिट भी बड़ा सकता था कांग्रेस पार्टी ने अपनी ही नाव 🚣में अपने हाथों से ही छेद ⭕कर दिया
जब भाजपा राम का नाम लेकर दो से 200 के पार पहुंच गई दो बार सत्ता में पहुंच गई तीसरी बार भी सत्ता उसके करीब है ऐसे में कांग्रेस अभी भी अपनी छवि में सुधार नहीं कर पाई है कांग्रेस के नेता ही कांग्रेस को नुकसान पहुंचाते हैं अपने उल्टे सीधे बयान देकर और अब कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है इसीलिए

शुरुआत हो चुकी है कि कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़कर जाना शुरू कर दिए हैं और शुरुआत महाराष्ट्र से हो चुकी है हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में चार प्रदेशों में कांग्रेस को हार मिली मात्र एक प्रदेश तेंलगाना में कांग्रेस को सत्ता मिली और वह भी इसलिए मिली क्योंकि वहां की जनता सत्ता पक्ष पार्टी से दुखी हो चुकी थी उनके भ्रष्टाचार से परेशान हो चुकी थी और कांग्रेस के अलावा कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण कांग्रेस को उसका फायदा मिला नहीं तो वहां पर भी भाजपा सत्ता में होती कांग्रेस को जमीन पर उतरना चाहिए उसको समझना चाहिए की जनता क्या चाहती है जनता को क्या पसंद है क्या ना पसंद है जनता की क्या परेशानी है क्या तकलीफ है सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए और सुर्खियों में बने रहने के लिए बयान बाजी देना ठीक नहीं है जनता के जब तक दुखों में शामिल नहीं होंगे जनता से जुड़ेंगे नहीं तब तक कांग्रेस का उद्घार भी नहीं होगा चाहे वह कितनी भी यात्राएं निकाल ले जनता के दर्द को समझाना पड़ेगा उनके दिलों की बात को जानना पड़ेगा जब तक यह सब नहीं होगा तब तक कांग्रेस हारती रहेगी वह अपने पार्टी को बचाने के लिए लड़ती रहेगी मोदी जो भी कार्य करते हैं दूर दृष्टि से सोच समझकर देखकर कार्य करते हैं कुछ भी बोलते हैं तो उसके कई अर्थ होते हैं और कांग्रेस हर बार उसका अनर्थ निकाल कर बयान दे देती है जिसका नुकसान उसे ही होता है

अच्छी बात है इस यात्रा से कम से काम कांग्रेस के नेता जुड़े तो रहेंगे कुछ तो कार्य करेंगे नहीं तो तीन चुनाव हारने के बाद वउह शांत बैठे थे इस यात्रा से कांग्रेस पार्टी को यह लाभ जरूर होगा कि उसके कार्यकर्ता रिचार्ज होंगे वह लगातार राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी सुर्खियों में बनी रहेगी यह फायदा जरूर मिलेगा पर इस यात्रा में जुट रही भीड़ 👪 वोटो में तब्दील होगी यह कहा नहीं जा सकता है चुनाव में अभी 3 माह का और वक्त बाकी है देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है कांग्रेस की न्याय यात्रा क्या अपनी पार्टी के नेताओं को ही न्याय दिला पाएगी क्या जनता के दिलों में अपनी शॉप छोड़ पाएगी क्या राहुल गांधी की
मेहनत रंग लाएगी कांग्रेस की सिट में इजाफा होगा यह तो वक्त ही बताएगा और समय का इंतजार करें
इस यात्रा से किसे फायदा होगा कांग्रेस को या भाजपा को यह लोकसभा चुनाव में ही पता चलेगा लोकतंत्र की मजबूती के लिए विपक्ष होना जरूरी है और विपक्ष मजबूत हो तो और अच्छा है पर विपक्ष मजबूर हो तो ठीक नहीं है कांग्रेस को मजबूत बनना पड़ेगा ना कि मजबूर