भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के बाल स्वरूप के घर आगमन पर गदगद हुए परिवार जन

गोंदिया : संपूर्ण भारत में ही नही बल्कि पूरे विश्व में भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को बड़े ही श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया। हमारे महाराष्ट्र के छोटे से शहर गोंदिया के मिर्चुमल कोट में यह उत्सव एक अनूठे तरीके से मनाया गया । अयोध्या में श्रीराम भगवान के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में गोंदिया शहर के मिर्चुमल कोट परिसर (मोहल्ले) में तीन दिन तक अलौकिक व अविस्मरणीय कार्यक्रम किए गए जिसमें मोहल्ले के सभी घरों ने सपरिवार अपना सहयोग दिया । जिस तरह अयोध्या में वहां उपस्थित अतिथियों ने श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हो खुशी महसूस की, वही उत्साह और दिव्यता त्रिदिवसीय कार्यक्रमों में यहां मोहल्ले के परिवार के हर सदस्य को यहां देखने को मिली ।

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दि. 20/01/2024, शनिवार को कोट परिसर में 151 दीपो की ज्योत प्रज्वलित की गई । एक लघु नाटिका का मंचन किया गया । सोशल मीडिया के लिए कई स्टेटस और रील्स बनाई गई । ढोल बजाकर आनंदोत्सव मनाया गया ।

दि. 21/01/2024, रविवार को रात 10.00 बजे अयोध्या में हो रहे भव्य महोत्सव के पीछे छिपे इतिहास, त्याग और संघर्ष की संपूर्ण जानकारी वीडियो के रूप में दिखाई गई । साथ ही नवनिर्मित राम मंदिर, वहां स्थापित राम मूर्ति और अयोध्या के सभी दर्शनीय धार्मिक स्थलों की संपूर्ण जानकारी वीडियो के माध्यम से दी गई । साथ ही भाव विभोर कर देने वाले राम भजन भी प्रदर्शित किए गए। यह वीडियो बच्चों से लेकर बढ़ो तक सभी ने बिना अपनी जगह से हिले एकचित होकर टीवी स्क्रीन पर देखकर अयोध्या और श्रीराम से संबंधित अपना ज्ञान बढ़ाया ।

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दि. 22/01/2024 सोमवार को भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा का अयोध्या से सीधा प्रसारण सामूहिक रूप से देखने के लिए सुबह 11.30 बजे से टीवी स्क्रीन पर किया गया । दोपहर ठीक 1.00 बजे से बाल स्वरूप भगवान श्रीराम (अभी) और लक्ष्मण (युवी) कोट के प्रत्येक घर में गए जहां प्रत्येक घर ने अलग अलग अपने तरीके से श्रीराम और लक्ष्मण का स्वागत किया , फूल माला तोरण, रंगोली, दीप आदि से अपने घर और मंदिर की सुंदर सजावट की , भगवान को स्वादिष्ठ भोग खिलाए, फटाके फुलझड़ी जलाए, भजन कीर्तन नृत्य किए गए । शबरी के रूप में परिवार का एक सदस्य उनकी मेहमान नवाजी करता दिखा । इस पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग दो-तीन मोबाइलों द्वारा अलग अलग तरीके से की गई । कार्यक्रम में और अधिक उत्साह लाने के उद्देश्य से सभी परिवारों के बीच प्रतियोगिता भी रखी गई। जिसके लिए दो जज नियुक्त किए गए और प्रत्येक परिवार को उनकी सजावट, स्वागत, भोग और शबरी के स्वरूप के आधार पर उन्हें अंक दिए गए । विजेता परिवार को आकर्षक ईनाम भी दिया गया ।

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भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के बाल स्वरूप दोनों बालक कुल आठ घरों में केवल 10 से 15 मिनट ही रुके । परंतु इन कुछ पलों में ही घर का संपूर्ण वातावरण बहुत ही दिव्य और अलौकिक महसूस होने लगा ।

उसके पश्चात बाल स्वरूप भगवान श्रीराम और लक्ष्मण की ढोल नगाड़े संग सभी परिवार के सदस्यों द्वारा शोभा यात्रा निकाली गई । शहर के प्रमुख शंकर चौक पर जय झूलेलाल महिला समिति व शिव मंडल समिति द्वारा शोभा यात्रा का भव्य स्वागत सत्कार किया गया ।