30 बटूको का हुआ जनेऊ संस्कार बाबा आनंद राम दरबार चक्करभाठा में

ब्रह्मालीन बाबा भगत राम साहब जी कि 9 वी, वर्षि उत्सव के अवसर पर दूसरे दिन सुबह 12:00 बजे 30 बटूको का हुआ जनेऊ संस्कार कार्यक्रम की शुरुआत बाबा आनंद राम ,बाबा भगत राम जी की मूर्ति पर फूलों की माला पहनाकर दीप प्रजवलित करके की गई पंडित रमेश लाल शर्मा एवं उनके सभागियों के द्वारा विधि विधान के साथ 30 बटूको का जनेऊ संस्कार दरबार साहब में संपन्न कराया गया पंडित जी के द्वारा बताया गया कि जनेऊ संस्कार धारण क्यों किया जाता है उसका महत्व क्या है इसके बारे में विस्तार से उन्होंने बताया ,
जनेऊ यानी दूसरा जन्म, पहला, जन्म माता के गर्भ से प्रवेश को माना गया है
उपनयन, यानी ज्ञान के नेत्रों का प्राप्त होना यज्ञोपवीत, यानी यज्ञ हवन करने का अधिकार प्राप्त होना
सनातन धर्म की पहचान हिंदू धर्म में प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है जनेऊ धारण कर के, उसके नियमों का पालन करना जनेऊ धारण करने के बाद ही बालक को यज्ञ तथा पूजा पाठ करने का अधिकार प्राप्त होता है जनेऊ धारण करने की उम्र कम से कम 6 वर्ष ऊपर होनी चाहिए ताकि बच्चे को जब पंडित जी के द्वारा विधि विधान के साथ जनेऊ धारण कराया जाए वह उसके बारे में बताया जाए तो उसे समझ में आ सके और उसका महत्व को समझ सके जनेऊ को संस्कृत भाषा में यागोपवित कहा जाता है यह तीन धागों वाला सूत्र से बना पवित्र धागा होता है जिसे 👤 बाए कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है अर्थात इस गले में इस तरह डाला जाता है कि वह बाए कंधे के ऊपर रहे जनेऊ में तीन सूत्र,,, होते है जिसका अर्थ है त्रिमूर्ति ब्रह्मा विष्णु और महेश के प्रतीक, देव ऋण पितृ ऋण और ऋषि ऋण , सत्व ,रज ,और तम ,के प्रतिक होते हैं साथ ही यह तीन सूत्र गायत्री मंत्र के तीन चरणों के प्रतिक हैं तीन आश्रमों के प्रतीक भी है जनेऊ के एक-एक तार में तीन-तीन तार होते हैं अंत कुल तारों की संख्या 9 होती है इनमें एक मुख, दो नासिका, दो आंख, दो कान ,मल और मूत्र के दो द्वारा मिलाकर कुल 9 होते हैं इनका मतलब है हम ,मुख से अच्छा बोले और खाएं आंखों से अच्छा देखें और कानों से अच्छा सुने, जनेऊ में पांच गांठ लगाई जाती है जो ब्रह्म धर्म अर्ध काम और मौक्ष का प्रतीक है यह पांचो यज्ञो, पांच ,ज्ञानेंद्रियों, और पांच कर्मों के भी प्रतीक हैं

यज्ञ संपन्न कराया गया और प्रमुख चार बातें बालकों को बताई गई जनेऊ धारण करने वाले को याद रखनी चाहिए अमल करना चाहिए
1 विद्यया, 2 परिश्रम,3 अनुशासन अपने ऊपर नियंत्रण रखना,4 धर्म को समझना और और धर्म के बताए हुए रास्ते पर चलना , अपने माता-पिता व गुरु की आज्ञा का पालन करना
मंत्र विधि विधान के साथ जनेऊ संस्कार कराया गया, ,जनेऊ धारण करने के बाद बालकों के द्वारा सांई,कृष्ण दास , जी से आशीर्वाद लिया सांई जी के द्वारा सभी बच्चों को आशीर्वाद दिया गया और उपहार भी दिए,गए वह सभी बच्चों को आज के इस जनेऊ संस्कार धारण करने की बहुत-बहुत बधाइयां दी और शुभकामनाएं दी इस अवसर पर सिंधी लाडा का आयोजन किया गया था दरबार साहब के सेवादारियों के द्वारा शानदार सिंधी लाडा गीत के प्रस्तुति दी उपस्थित सभी भक्तजन मेहमानों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया वह आज कै ईस कार्यक्रम में पहुंचकर अपने आप को बड़ा भाग्यवान माना और आए हुए सभी अतिथियों, मेहमानों , भक्तों के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तों, ने भंडारा ग्रहण किया आज के इस आयोजन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या भक्तजन छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों से आकर शामिल हुए
आज के इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा आनंद राम सेवा समिति चक्करभाटा के सभी सेवादारियों का विशेष सहयोग रहा