लोगों को स्वार्थी नहीं होना चाहिए जरूरत  से ज्यादा अगर हमारे पास कुछ है तो उसे जरूरतमंदों को दे देना चाहिए,,, संत सचो सतराम दास






सचो सतराम दास धाम बिलासपुर के सेवादारियों के द्वारा प्रति महा चंद्र के बाद आने वाले गुरुवार को साहि विस्पत
के रूप में मनाया जाता है इस बार भी 13 जून को साही  विस्पत  बड़े ही  श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया सिंधी कॉलोनी में सत्संग की शुरुआत सांई  सतराम दास जी के फोटो पर फूलों की माला पहनाकर दिप  प्रजवलित करके की गई वह सत्संग कीर्तन का आयोजन किया गया इस अवसर पर भक्तजन के द्वारा सांई सतराम दास जी की अमृतवाणी में दिए गए अमृत  वचनों को साध संगत को बताया गया कि सांई  जी कहते थे इंसान को स्वार्थी नहीं होना चाहिए और जो कुछ भी अगर हमारे पास अधिक है उसे जरूरतमंद लोगों में बाट देना चाहिए चाहे वह ज्ञान हो धन हो या जरूरत का समान हो और हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए सच बोलना चाहिए इस राह पर चलोगे तभी तुम्हें भगवान की प्राप्ति होगी और सुख शांति मिलेगी दुख और सुख तो जीवन के दो पहिए हैं  जेसे धूप और शाव  व दिन और रात सूरज और चांद वैसे ही सच और झूठ आपको अपने मन को कंट्रोल करना है जिसने मन को कंट्रोल किया और भक्ति में लगाया वही इंसान आगे बढ़ता है वह प्रभु को पता है मन ऐसा घोड़ा है जो किसी के काबू में नहीं आता है जल्दी से इसे काबू में करने के लिए आपको गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलना होगा आध्यात्मिक मार्ग में चलना होगा सत्संग कीर्तन में जाना होगा भक्ति की राह में चलना होगा तभी आप इस घोड़े को काबू कर सकते हो  संत सतराम दास साहब जी सत्य के खोजी थे रहडकी साहब सिंध  में इस महान संत के जन्म ने इस छोटे से गांव को एक पवित्र पूजा स्थल बना दिया , यहां पर दुनिया भर से सभी क्षेत्र के लोग आते हैं और  जो सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है वह कुछ मांगता है  वह खाली नहीं जाता है आज देश-विदेश में कई आश्रम है मंदिर हैं और आज भी उनकी    ज्योत  जगह-जगह जल रही है जहां-जहां उनके निवास है जहां उनके फोटो हैं जहां-जहां उनके मंदिर है जहां-जहां उनके भक्त है उनका सत्संग कीर्तन होता है वहां पर सांई  संत सतराम दास जी  विराजमान होते हैं बड़े संतों का  आशीर्वाद प्राप्त होता है सत्संग और कीर्तन में शामिल होने का मौका मिलता है कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई अरदास की गई , पल्लव पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आज के इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में  एस एस डी धाम के सभी सदस्यों का सेवादारियों का विशेष सहयोग रहा

भवदीय
विजय दुसेजा