एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने भ्रष्टाचार में लिप्त कुलसचिव अटल बिहारी वाजपेई के विरुद्ध सैकड़ों कार्यकर्ता के घेराव कर कुलपति को ज्ञापन सौप खोला मोर्चा उठाई
कुलसचिव को हटाने की मांग
रंजेश सिंह ने बताया कि लगातार अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय कुलसचिव अपनी प्रशासनिक अक्षमता और छात्र विरोधी गतिविधि करते आ रहे है, जो निम्न बिंदु के अनुसार है –
01. अशासकीय महाविद्यालयों को शोध केंद्र बनाया गया है, लेकिन वहां अवैध वसूली हो रही है। रजिस्ट्रार इन्हें संरक्षण दे रहे हैं।
02. कई अशासकीय महाविद्याल यूजीसी के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। क्योंकि शिकायत के बाद प्राइवेट फॉर्म के पोर्टल से हटाया गया, लेकिन इसे चोरी छुपे फिर से शामिल कर लिया गया।
03. बिना नियम के अशासकीय महाविद्यालयों को परीक्षा केंद्र बना दिया जाता है, केंद्र बनाने से पहले इनकी जांच तक नहीं कि जाती है
04. विश्विद्यालय एक फिर फीस अनेक क्यों, प्राइवेट कालेजों में मेहरबानी बंद करें। पीएचडी शुल्क मामले में शासकीय व अशासकीय के बीच बड़ा अंतर है। शोधार्थियों का पैसा वापस किया जाए।
05. विश्वविद्यालय के ऑफिसियल वेबसाइट पर किसी भी प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं है। न ही वेबसाइट अपडेट होता है।
06. अधिकांश प्राइवेट कॉलेज बिना प्राचार्य और स्टाफ के संचालित है। यूजीसी के धारा 28 के अंतर्गत कागजों में भर्ती हुई है। इसकी जांच की जाए। बिना नियुक्ति वाले कालेजों की तत्काल संबंद्धता समाप्त की जाए।
07. विश्वविद्यालय में कुछ चुनिंदा लोगों के द्वारा अवैध रूप से पैसे लिए गए हैं, जिसकी जांच कराई जाए।
08. प्रशासनिक अधिकारी अपने स्वंय के लाभ के चक्कर में चहेतों को ठेका सहित अन्य काम दे रहे हैं, यह बिल्कुल गलत है। सारी प्रक्रिया नियमानुसार होनी चाहिए।
09. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तरह यूजी में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की तैयारी है। छात्रों को इसकी जानकारी नहीं है। हेल्पडेस्क खोला जाए। पूरे प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाए.
10. डिपार्टमेंट ऑफ योगा प्रारंभ से विवादों में है। विवाद करने वाले दोनों शिक्षक तत्काल हटाए जाएं। विभाग में पारदर्शिता और नए शिक्षकों की भर्ती की जाए। कैंटीन से लेकर खरीदी-बिक्री की पुन: जांच कराई जाए।
11. कुलसचिव की कार्यशैली अत्यंत कमजोर है। इनके कार्यकाल में धांधली, वित्तीय अनियमित्ता और ढ़ेरों गड़बड़ियां हैं। जांच कमेटी गठित कर जांच कराई जाए। तत्काल इन्हें पद से हटाया जाए।
12. जिस पर कुलपति ने जल्द जांच कर कार्यवाही करने एवम छात्रहित में निर्णय आने कि बात कही साथ में वहा उपस्थित नायब तहसीलदार महोदय बिलासपुर को कलेक्टर महोदय के नाम से भी ज्ञापन सौंपकर नायिका जांच एवम छात्रहित में फैसला लेने की बात कही गई
रंजेश सिंह एवम एनएसयूआई छात्रनेता ने सीधे तौर पर कहा की इन सभी उक्त बिंदु से ये सिद्ध होता है कि कुलसचिव इस कुर्सी की गरिमा और पद को तार तार कर रहे है। अतः छात्रहित में निर्णय लेते हुए कुलसचिव को पद से हटाया जाए एवम निष्पक्ष इन सभी विषय में जांच भी किया जाए। अगर एक हफ्ते के भीतर हटाने का निर्णय नहीं लिया जाता है, तो हम क्रमबद्ध तरीके से उग्र आन्दोलन की ओर अग्रसर होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
पुष्पराज साहू ने कहा सालो से नयुक्त कुलसचिव भ्रष्टाचार के अलावा छात्रहित में 1 उपलब्धि बताए,
प्रदीप से ने कहा प्राइवेट महाविद्यालय को संरक्षण देने का काम करता है कुलसचिव ,
ज्ञापन सोपते हुए रंजेश सिंह एनएसयूआई प्रदेश सचिव ,पुष्पराज साहू,प्रदीप सिंह, करन यादव, विक्की साहू ,विक्की यादव, विन्नि विश्वकर्मा ,कल्याणी साहू, उद्रांडी साहू, विक्की बनर्जी, सुमित सिंह, ओमप्रकाश मानिकपुरी ,राजा खान, गोपू यादव, जित्तू ठाकुर, चंदू निषाद, दीपक सिंह, धमेंद्र सिंह, मीत सोनवानी, अमित घृतलहरे, विक्की साहू, पंकज सोनवानी, मनु ठाकुर, शुभम जायसवाल, सूरज साहू, वेदप्रकाश, अंशु महराज, अतुल रजक, शेसू साहू, सुदामा साहू एवम सैकड़ों एनएसयूआई कार्यकर्ता एवम छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।