जो अपना धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में जाता है वह सबसे बड़ा पाप  है,, सांई   शहेरावाले ,,







छत्तीसगढ़ के ऊर्जा नगरी कहे जाने वाले कोरबा शहर में प्रथम बार अहमदाबाद गोधरा के संत सांई शहेरावाले  जी का प्रथम बार सत्संग कीर्तन का आयोजन सिंधी धर्मशाला सिंधी कॉलोनी कोरबा में आयोजित किया गया  रात्रि 9:00 बजे सत्संग आरंभ हुआ 11:00 बजे समापन हुआ जैसे ही ऊर्जा नगरी में  सांई जी का आगमन हुआ भक्तों के द्वारा सांई जी का आतिशबाजी कर फूलों की वर्षा के साथ स्वागत सत्कार किया गया कार्यक्रम की शुरुआत सांई  जी के द्वारा झूलेलाल मंदिर में पहुंचकर भगवान झूलेलाल जी की पूजा अर्चना करके माथा टेक ,कर धर्मशाला पहुंचे जहां पर महिला विंग द्वारा सांई जी की आरती उतारी गई और पुष्प वर्षा की गई कार्यक्रम में पंचायत के अध्यक्ष व सदस्यों के द्वारा सांई जी के साथ भगवान झूलेलाल जी की आराधना की गई दिप प्रजवलित किया गया इस अवसर पर पंचायत के अध्यक्ष सभी सामाजिक संस्थाओं के अध्यक्ष पदाधिकारी चांपा से आए हुए समिति के सदस्यों के द्वारा सांई जी का स्वागत और सत्कार किया गया,
पूज्य    सिंधी पंचायत छत्तीसगढ़  के कार्यकारी अध्यक्ष महेश रोहरा का भी शाल ओढाकर,  फूलों की माला पहनाकर स्वागत, सत्कार किया गया  महेश भाई ने छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के द्वारा किए जा रहे समाज हित  के कार्यों के बारे में जानकारी दि  जिसमें ऑनलाइन सिंधी भाषा सीखने  के लिए प्रतिदिन क्लासेस ली जा रही है एवं सिंधी समाज में युवक एवं यूवतीयों की उम्र बढ़ती जा रही है और शादी में जो परेशानी हो रही है उसके लिए भी बहुत जल्द पंचायत की तरफ से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म लिया जाएगा वह एक वेबसाइट बनाई जा रही है जिसका समाज के लोग लाभ लेकर अपने-अपने बच्चों का विवाह कर सकते हैं,
सांई शहेरावाले जी ने
अपनी अमृतवाणी में सभी भक्तों को सत्संग में भगवान झूलेलाल की महिमा बताइ  और कई प्रसंग सुनाए सांई जी ने फरमाया जो व्यक्ति अपना धर्म छोड़कर दूसरे  धर्म में जाता है या दूसरा धर्म अपनाता है वह व्यक्ति सबसे बड़ा पाप करता है और  सबसे बड़ा पापी कहलाता है क्योंकि भगवान ने तुम्हें जिस धर्म में भेजा है और तुम्हारा जन्म हुआ है वही तुम्हारा सबसे बड़ा और सच्चा धर्म है और
इस धर्म का पालन करते हुए तुम्हें अपना जीवन प्रभु के चरणों में निछावर कर देना है दान पुण्य के काम करो कोई मना नहीं है  ,सभी धर्मो का सम्मान करो कोई मना नही है,  पर

( अपने धर्म को छोड़कर अन्य धर्म में जाना माना है )

अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी मोक्ष चाहिए भगवान को पाना चाहते हो तो संनातन धर्म में ही रह कर पा सकते हो अन्य धर्म  में जाकर नहीं ओर  अन्य धर्म में तुम्हें
रामकृष्ण भगवान झूलेलाल नहीं मिलेंगे वह संनातन धर्म में ही रहकर तुम्हें मिलेंगे
आजकल कुछ लोग थोड़े से लालच वह कुछ लोग थोड़े सी  समस्या के कारण अपना धर्म छोड़कर अन्य धर्म अपना रहे हैं जो कि सरासर गलत है जिस धर्म की रक्षा के लिए भगवान झूलेलाल ने अवतार लिया जिस धर्म की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजो ने अपना 🏠घर बाहर छोड़ सिंध छोड़ा आज कुछ लोग इसी धर्म को छोड़कर जा रहे हैं पैसा हाथ की मेल है आज आएगा और
कल चला जाएगा,जो समस्या है वह भी ठीक हो जाएगी किसी के  बहकावे में आकर अपने धर्म को छोड़ना उचित नहीं है यह करके आप अपने पूर्वजों का अपमान कर रहे हैं ऐसा कर के वह इंसान सुखी नहीं रह सकता है चाहे वह करोड़ों रुपए कमा ले गाड़ी बंगला सब खरीद ले फिर भी वह दुखी रहेगा और जो व्यक्ति अपने धर्म में रहकर एक वक्त की रोटी भी खाता है झोपड़ी में रहता है वह सुखी है वही मोंक्ष प्राप्त कर ,प्रभु के श्री चरणों में समा जाएगा
जीवन में जब भी समय मिले संतों का संग  जरूर करना सत्संग कीर्तन में जरूर जाना भक्ति जरूर करना सिमरन जरूर करना पूजा अर्चना करना जो व्यक्ति यह करता है वह भय मुक्त हो जाता है
जिस तरह विज्ञान तरक्की कर रहा है और आए दिन नए-नए आविष्कार कर रहा है जैसे मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर और अभी जो सोशल मीडिया आ गया है जो हर घर में अपना घर बना लिया है आज इंसान कहता है कि मैं अपने मन से चलता हूं वह गलत है उसे कोई दूसरा चलाता रहता है जो मोबाइल चलाता है व्हाट्सएप्प चलाता है सोशल मीडिया में एक्टिव रहता है वह इंसान अपने मन में काबू नहीं कर पता है 80%  जो  कैस आज हो रहे हैं वह सोशल मीडिया के कारण ही हो रहे हैं विज्ञान जो भी आविष्कार करता है वह इंसान के भलाई के लिए करता है उसके अच्छाई के लिए करता है लेकिन कुछ इंसान उसका दुरुपयोग करते हैं और जिसका नतीजा पाप और अत्याचार व गलत रहा के रूप में सामने आता है आप सोशल मीडिया मैं एक्टिव है अच्छी बात है मोबाइल चलाएं अच्छी बात है पर उसका दुरुपयोग न होने दे शोशल मीडिया में बहुत अच्छे-अच्छे सत्संग कीर्तन संतो के आते हैं वह देखिए अच्छे-अच्छे जानकारी आती है उसे सुनिए समझिए और ज्यादा कुछ नहीं तो अपनी बोली भाषा संस्कृति के बारे में जानें  कि हमारे पूर्वज  सिंध में कैसे रहते थे सिंध में क्या-क्या करते थे  भगवान झूलेलाल का जन्म कैसे हुआ उन्होंने धरती पर जन्म क्यों लिया हमारा रहन सहन खान-पान कैसा था वह देखिए उस पर ध्यान दीजिए तो उससे आपका  वह सब का भला होगा,
एक स्कूल में कई बच्चे पढ़ाई करते हैं एक टीचर पूछता है एक बच्चे से तुम्हारा नाम क्या है वह बताता है
रामू तुम कौन हो वह कहता है मैं गुजराती हूं टीचर ने कहा बात करके बताओ तो गुजराती में बात करता है तो कोई बच्चा मराठी में बात करता है तो कोई बंगाली में कोई उड़िया में जो जीस जाती का बच्चा होता है वह अपनी-अपनी भाषा में बात करते हैं इतने में एक लड़का बैठा था सामने गोविंद उससे पूछा कि तुम कौन हो उसने कहा मैं सिंधी हूं तो टीचर ने कहा गोविंद तुम सिंधी में बात करके बताओ तो गोविंद सिंधी में बात नहीं कर पाया हिंदी में बात कर रहा था तो टीचर ने कहा तुम सिंधी हो तो सिंधी में बात क्यों  नहीं कर पा रहे हो ,
  जैसे हर बच्चा अपनी-अपनी  भाषा में बात कर रहा है तब 👦गोविंद कहता है कि मेरी मम्मी ने मुझे सिंधी भाषा नहीं सिखाई मुझे सिंधी नहीं आती है टीचर ने कहा फिर हम कैसे विश्वास करें कि तुम सिंधी हो जब तुम अपनी मातृभाषा में बात नहीं कर पा रहे हो तो तुम कैसे बच्चे हो और कैसे तुम्हारे माता-पिता है जो तुम्हें अपनी मातृभाषा में बात  करना  नहीं सिखाए हैं तब उसका चेहरा उतर जाता है और वह घर जाता है और सारी बात अपनी मां  प्रीति को बताता है और कहता है मम्मी आपके कारण आज मुझे सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ा जब मैं सिंधी हूं तो मुझे सिंधी क्यों नहीं सिखाई गई मुझे सिंधी में बात क्यों नहीं करते हो आप घर में,  क्या मैं सिंधी नहीं हूं प्रीति ने कहा , नहीं बेटा तुम सिंधी हो
गोविंद तो फिर सिंधी में बात क्यों नहीं करते हो आप लोग घर में मुझसे, क्या हमारी भाषा खराब है क्या हम खराब हैं  प्रीति ने कहा नहीं बेटा हमारी भाषा सबसे ऊंची भाषा
है सबसे अच्छी भाषा है हमारी बोली सबसे मीठड़ी बोली है हमारा इतिहास सबसे पुराना है तब गोविंद ने कहा मम्मी जब इतना सब कुछ है हमारे पास तो फिर मुझे  अपनी भाषा से दूर क्यों रख रही हो और आज से ही घर में मुझसे सिंधी में बात करना और मुझे सिंधी सिखाना ताकि मैं कुछ समय बाद जाकर टीचर को अपनी भाषा में बात करके बताऊंगा और बोलूगा कि मेरी भाषा सबसे अच्छी है मेरी बोली सबसे मीठड़ी है और हमारा  इतिहास सबसे पुराना है और हमारे  भगवान झूलेलाल हैं जो जल के अवतार हैं प्रीति ने कहा हां बेटा बिल्कुल सही कहा तुमने,
  हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है इसका ज्ञान होना भी जरूरी है लेकिन साथ-साथ अपनी मातृभाषा का  भी ज्ञान होना जरूरी है और उसमें बात भी करनी चाहिए अब 🙋 घर में सिंधी में बात करूंगी और सबको भी यही कहूंगी और अपने तीज त्यौहार भी हम सब मिलकर और अच्छे तरीके से मनाएंगे और मंदिर भी जाएंगे
हर शुक्रवार को अब हम लोग  पललो पाएंगे  अख्यो पाएंगे और
झूलेलाल चालिहा में हम मटकी भी रखेंगे और मैं अपने सभी पड़ोसियों को भी यह बात बताऊंगी इस कहानी में गोविंदा की मम्मी  प्रीति   तो समझ गई गोविंद ने उसकी आंखें खोल दी क्या यहां बैठे लोगों की भी आंखें खुली है क्या वह भी अब अपने घरों में सिंधी में बात करेंगे अपने बच्चों से अपने तीज  त्योहार मिलकर साथ में  मनाएंगे और चलिहा में प्रतिदिन भगवान की आराधना करेंगे घर-घर मटकी रखेंगे अगर आप ऐसा करेंगे तो आने वाली पीढ़ी आपको  दुआ🙏🙇 देगी और हमारे समाज का नाम भी ऊंचा होगा और अगली बार चांद में हमारा भगवान झूलेलाल का झंडा लहराएगा चांद में पहुंचने के बाद भी सबसे पहले जो खोज हुई वह पानी की मतलब भगवान झूलेलाल की जल के अवतार भगवान झूलेलाल है तो ऐसे भगवान के हम संतान हैं अपने आप को जानो समझो पहचानो आप हीरे से भी ज्यादा कीमती हैं बस जरूरत है जानने की समझने की जल और ज्योत की महिमा भी बताई बहराणा साहब की पूजा कैसे की जाती है बहराणा साहब क्यों निकाला जाता है वह  उसके निकलने से क्या-क्या फायदे होते हैं और सारी बातें विस्तार से
  सांई जी के द्वारा बताई गई
कार्यक्रम के आखिर में भगवान  झूलेलाल की धूनी लगाई गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी साध संगत के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बडी संख्या में भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया
आज के इस सत्संग में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या  में लोग कटघोरा पाली चांपा कोरबा दीपिका आसपास के अन्य क्षेत्रों से आए थे उन्होंने सत्संग का लाभ लिया और सांई जी  के  दर्शन किए आज के इस पूरे  आयोजन को सफल बनाने में पूज्य सिंधी पंचायत कोरबा  के अध्यक्ष किशनचंद देवड़ा एवं सचिव नरेश जगवानी ने सभी का आभार व्यक्त किया मंच का सफल संचालन पंचायत के संरक्षणक श्री परशराम रमानी ने किया सेवा में मंडल अध्यक्ष संतोष वाधवानी मंदिर समिति अनिल रोहरा रामसागरपारा से रवि सचदेव सुधो टीम से रवि लालवानी सिंधु महिला मंडल से मीत रोहरा संरक्षक कंवर राम मनवानी वरिष्ठ उपाध्याय चांदीराम केसवानी एंव
सभी सदस्यों का  विशेष सहयोग रहा
इस अवतार पर हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा और रोशनी न्यूज़ के संपादक विकास रोहरा विशेष रूप से बिलासपुर से कोरबा पहुंचे वह पूरे सत्संग   को कवर किया और सांई जी के द्वारा छाल ओढाकर, श्रीफल देकर सम्मान किया गया आशीर्वाद दिया पंचायत की तरफ से भी उनका आभार व्यक्त किया गया

भवदीय
विजय दुसेजा