जीवन में जब भी समय मिले संतों का संग जरूर  करे ,,सांई शहेरावाले








पूज्य  सिंधी पंचायत कटघोरा के द्वारा अहमदाबाद गोधरा से आए संत सांई शहेरावाले जी का सत्संग का आयोजन किया गया  सतसंग दोपहर 3:00 बजे आरंभ हुआ 4:00 बजे समापन हुआ सत्संग की शुरूआत भगवान झूलेलाल जी के फोटो पर  पुष्प  अरपण कर  दिप प्रजवलित करके की गई सांई जी ने सत्संग में फरमाया कि जीवन में जब भी समय मिले संतों का संग  जरूर करें सत्संग कीर्तन में जरूर जाए , घर में रहो या दुकान में रहो या बाहर में रहो प्रभु का नाम हरि का नाम भगवान का नाम , सिमरन जरूर करते रहें दुख में रहो या सुख में रहो भगवान को मत भूलो उसके नाम को मत भूलो नाम का सिमरन निरंतर चलना चाहिए अगर यह भवसागर पार करना है तो संतो के संग ही कर सकते हो बगैर संतों के संघ के बिना भवसागर पार नहीं कर सकते हो,
जेसे नदी पार करने के लिए माझी  की जरुरत रहती है बगैर माझी के नदी 🚣  पार  नहीं कर सकते हो उसी  तरह भवसागर पार करने के लिए संतों का संघ होना जरूरी है बगैर संत के संग ज्ञान नहीं मिलेगा और बगैर ज्ञान के जीवन  में अंधकार है सच्चा इंसान वही है जो अपने कर्तव्यों का पालन करें अपने धर्म का पालन करें यह मानव जीवन मिला है सत्य कर्म करने के लिए आज आप लोग संनातन धर्म में जन्म लिया ,हिंदू हो तो किसके  कारण हो भगवान झूलेलाल के कारण अगर वह अवतार नहीं  लेते सिंध की धरती पर तो क्या आप आज हिंदू होते नहीं होते तो जिस भगवान ने आपको आपके धर्म को बचाया है  आजकल कुछ लोग उसे ही भूल गए हैं जिस तरह बेटे की पहचान उसके बाप से होती है उसी तरह सिंधी समाज की पहचान भगवान झूलेलाल से है और अपनी पहचान को ही आप भूल जाओगे तो आपको कौन कहेगा कि आप सिंधी हो पैसा तो खूब कमाए बंगला गाड़ी भी बनाया पर क्या सुख शांति से हो नहीं दुख का कारण है आप लोग अपने  इस्ट देव को अपने पालनहार को भूल गए हो
बकरियों की तरह देखा देखी मैं इसके पीछे  उसके पीछे ना भागे  आपके पूरे दुखों की दवा है भगवान  झुलेलाल जब तक आप उसके शरण में  रहोगे दुख आपसे   कोसो दूर हो जाएगे
सुख आपके चारों तरफ फेल जाएगे आज की नई पीढ़ी को पता नहीं है कि हमारे इस्ट  देव कौन है हमारी इस्ट  माता कौन है हिंगलाज माता हमारी इष्ट देवी है हमारे इस्टदेव   भगवान झूलेलाल है यह आज की नई पीढ़ी को बताना होगा छोटे छोटे  बच्चों को अभी से ही  संस्कार देने होगे और अपने तीज त्योहार धूमधाम के साथ मनाना होगा जैसे आप लोग वेलेंटाइन डे मनाते हो और कई सारे ऐसे ऐसे त्योहार होते हैं जो हिंदू धर्म के नहीं होते हैं  क्या हमारे धर्म में हमारे समाज में तीज त्योहारों की कमी है 40 दोनों का भगवान  झुलेलाल का चालीहा महोत्सव आता है उसे मनाओ सबसे बड़ी दिवाली होली आपकी वही है
जुलाई माह से शुरू हो रहा है
सभी परिवार👨👦👧👩👴👵

  मिलकर मनाए रोज घर पर पूजापाठ करे आरती करे पललो पाए कखो पाए
रात्रि को झूलेलाल  धूनी करे
चालीहा  महोत्सव ऐसा मनाओ की लोग भी देखने को तुम्हारे  शहर आए
सभी परिवार अपने घर की सुख शांति  के लिए मटकी जरूर रखें
कार्यक्रम के आखिर में पललो पाया गया प्रसाद वितरण  किया गया
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में   पूज्य  सिंधी पंचायत कटघोरा के सभी सदस्यों का पूरे परिवारजनों का विषय सहयोग रहा


भवदीय
विजय दुसेजा