क्या भाजपा रायपुर दक्षिण  विधानसभा उपचुनाव में सिंधी समाज को टिकट देगी ?



(संपादकीय)





2024 में हुए लोकसभा चुनाव में जिस तरह सभी राजनीतिक पार्टियों के समीकरण बदल दिए उससे कोई पार्टी अशुती नहीं रही है किसी को फायदा हुआ तो किसी को नुकसान हुआ तो कोई बराबर में रहा पर इसका सबसे ज्यादा जो असर था वह राष्ट्रीय दो पार्टियों में पड़ा एक कांग्रेस दूसरी  बीजेपी ,
प्रदेश में तो कांग्रेस का हाल बुरा रहा पर भाजपा,  ➕प्लस में रही,ओर
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के  गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया और भाजपा के गठबंधन ने  निराशा भरा प्रदर्शन किया 2019 के सामने और सबसे बड़ा जो सवाल उठा
वह भारतीय जनता पार्टी का जिस तरह 303 सिटे 2019 में जीती थी और 24 में 240 पर अटक गई उससे बड़ा झटका लगा है कहां 400 पार का लक्ष्य लेकर चले थे और आधे पर ही अटक गए जितनी सिटे पिछली बार जीती थी उतनी भी नहीं मिली पूरा बहुमत भी नहीं मिला तो उससे कहीं ना कहीं उसकी किरकिरी हुई है राष्ट्रीय स्तर पर और जो मोदी का मैजिक था वह फीका पड़ा है इसकी कई सारी वजह हैं फिलहाल हम बात करते हैं छत्तीसगढ़ प्रदेश में जिस तरह भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदक्षण किया है 11 में से 10 लोकसभा सिटे जीतकर अपनी स्थिति मजबूत की है अब बात है रायपुर दक्षिण विधानसभा सिट की जहां से विधायक थे बृजमोहन अग्रवाल जी जो विगत 7 बार के विधायक रहे जो एक रिकॉर्ड है पार्टी ने उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाया रायपुर का जिसमें उन्होंने पूरे प्रदेश में भारी वोटो से जीत हासिल  करने वाले सांसद बने  उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दिया वह मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दिया अब वह एक सांसद हैं रायपुर लोकसभा क्षेत्र के और सवाल यह उठता है कि 6 माह बाद होने वाले नगरिय निकाय चुनाव के साथ हि  विधानसभा उपचुनाव भी होगा जैसा की अनुमान है तो क्या भाजपा अपनी गलती को सुधार करेगी जो विधानसभा में उन्होंने सिंधी समाज को एक भी टिकट नहीं दी थी क्या अब वह रायपुर दक्षिण से सिंधी समाज को टिकट देकर अपनी गलती को सुधार करके उनका भरोसा वापस जीतेगी ? सिंधी समाज ने तो पार्टी पर पूरा भरोसा किया है और विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा में भी बढ़ चढकर पार्टी का सपोर्ट किया है
  क्या,उसका लाभ समाज को मिलेगा ?
वैसे भी रायपुर उत्तर के साथ-साथ दक्षिण में भी सिंधी समाज की, जन संख्या बहुत ज्यादा है और बृजमोहन जी हमेशा हि से कहते आए हैं कि सिंधी समाज का बड़ा शुक्रगुजार हूं उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है और मेरी जीत 🏆में उनका बहुत बड़ा योगदान होता है क्या अब  बृजमोहन अपना कर्ज उतारना चाहेंगे ❓
किया वह भी चाहेंगे कि सिंधी समाज को टिकट मिले ?
क्योंकि पार्टी तो बृजमोहन से जरुर पूछेगी कि किस उम्मीदवार को टिकट दी जाए उनकी भी राय जरूर जानेगी,   अभी से ही अंदर खाने हर उम्मीदवार जो चुनाव लड़ना चाहता है टिकट के लिए लॉबिंग करना शुरू कर दिया है अब पूरे प्रदेश के सिंधी समाज की नजर रायपुर दक्षिण में है कि इस बार भी क्या समाज को खाली हाथ रहना पड़ेगा ? या समाज को टिकट मिलेगी कहीं ऐसा भी हो सकता है कि कांग्रेस इसका फायदा उठा ले और जो  विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गलती की थी वह गलती को सुधार करके रायपुर दक्षिण से सिंधी समाज को टिकट दे दे अगर ऐसा होता है तो बड़ा राजनीतिक उलट फेर  हो सकता है उपचुनाव में?
वैसे भी कांग्रेस के पास  खोने के लिए अब कुछ बचा नहीं है विधानसभा और लोकसभा में उसके  खिलाड़ी  चुनाव हारने के साथ हि,उनका  विश्वास,ओर मनोबल, टूट गया  है और  रायपुर दक्षिण विधानसभा से विगत 7 बार से भाजपा जीतते आई है जो भाजपा का गढ़ हो वहां से कांग्रेस का जितना   टेढ़ी खीर  है ओर  बड़ी मुश्किल है
हां अगर वह सिंधी समाज के उम्मीदवार पर दाव
खेलती है तो  जीतने की उम्मीद 50% बढ़ सकती है ?
अब ऊथ किस करवट बैठेगा यह तो   बाद में  पता चल जाएगा पर अंदर खाने ही   चर्चा शुरू हो गई है फिलहाल तो मंत्रिमंडल में जो दो पद रिक्त हैं उन्हें भरा जाएगा और कुछ आयोग के निगम मंडलों के भी पद खाली है उन्हें भी भरा जाएगा उसके बाद इधर ध्यान लगाया जाएगा क्योंकि नगरी निकाय चुनाव भी है तो बीजेपी नहीं चाहेगी कि सिंधी समाज में गलत संदेश जाए,
  क्योंकि इसका असर नगरी निकाए चुनाव में भी पढ़ सकता है वैसे भी भाजपा का  पिछले समय में एक भी महापौर नहीं रहा तो वह चाहेगी इस बार अधिक से अधिक महापौर व पार्षद  हमारे हो  इसलिए वह कोई रिस्क लेना नहीं चाहेगी ,
लोकसभा चुनाव में मात्र एक सांसद सिंधी समाज का है शंकर लालवानी जो की दुबारा भारी वोटो से जीत कर संसद में पहुंचे हैं उन्हें भी मंत्रिमंडल में मोदी सरकार में जगह नहीं मिली जिससे पूरे भारत के सिंधी समाज को निराशा हुई है और ऐसे में अगर रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में भी समाज को टिकट नहीं मिलती है तो आने वाले नगरी निकाय चुनाव में बहुत कुछ खेला हो सकता है ?
अब सोचना भारतीय जनता पार्टी को है कि उसे क्या करना है आने वाला समय ही बताएगा कि समाज को टिकट मिलती है कि नहीं मिलती है


भवदीय
विजय दुसेजा