स्वरोजगार स्थापित करने में योजना के तहत मिल रही मदद
बिलासपुर:- राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के तहत स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की योजना है ‘लखपति दीदी योजना‘। इस योजना के तहत समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद की जाती है और पात्र महिलाओं को स्व रोजगार शुरू करने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। योजना से लाभान्वित बिल्हा ब्लॉक के ग्राम मुढ़ीपार की ‘‘समृद्धि स्व सहायता समूह‘‘ की महिलाओं ने लखपति दीदी योजना से आर्थिक आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल किया है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1 से 3 लाख रूपए तक का ऋण दिया जाता है।
केन्द्र सरकार की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की पहल है लखपति दीदी योजना। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलता है। जिले के बिल्हा ब्लॉक के ग्राम मुढ़ीपार की लखपति दीदी अंजली बंजारे ने बताया कि लखपति दीदी योजना से अब वह न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है बल्कि योजना से मिली राशि का उपयोग करते हुए उन्होंने अपने पति के लिए इलेक्ट्रिक ई-रिक्शा खरीदकर उनका भी व्यवसाय स्थापित किया है। अंजली बताती है कि लखपति दीदी योजना से प्राप्त ऋण से उन्होंने अपने घर पर किराना दुकान खोला है जो अब अच्छी तरह स्थापित हो चुका है, इसी दुकान में वह सिलाई का भी काम करती है जिससे अतिरिक्त आमदनी भी हो जाती है।
अंजली का कहना है कि स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और इस माध्यम से वे बहुत कुछ सीख रहीं है। लखपति दीदी योजना के विषय मंे जानकारी मिलने के बाद स्व रोजगार स्थापित करने के संबंध में भी मार्गदर्शन मिला। योजना के तहत ऋण राशि स्वीकृत की गई, जिससे उसे अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद मिली। अब उसका परिवार आर्थिक रूप से सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है। इसी तरह लखपति दीदी योजना से लाभान्वित महिला है श्रीमती सत्या सोनी जिन्होंने योजना से प्राप्त राशि से फैंसी स्टोर की दुकान खोली है और इसके साथ सिलाई भी करती है। सत्या ने बताया कि पहले वह केवल घर पर रहती थी, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद उन्हे बहुत कुछ सीखने को मिला और शासन की योजनाओं की जानकारी मिली जिसका लाभ लेकर अब वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है।
उल्लेखनीय है कि लखपति दीदी योजना के तहत स्व सहायता समूह में जुड़ी महिलाओं को विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जोड़ते हुए उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर कम से कम 1 लाख रूपए वार्षिक तक परिवार की आय सुनिश्चित करना है। जिले में योजना के तहत अब तक 12 हजार 206 दीदियां लखपति बन चुकी हैं।