अमृत कथा उन भक्तों को सुनने के लिए मिलती है जिन पर 40 दिन तक भगवान श्री झूलेलाल जी की मेहर होती है- साईं लालदास जी


खंडवा।। श्री झूलेलाल समर्थ पैनल के तत्वावधान में सिंधी कॉलोनी स्थित प्राचीन श्री झूलेलाल मंदिर में चालिहा पर्व के दौरान सोमवार को बिलासपुर चकरभाटा से पधारें सांई लालदास साहिब जी के मुखारविंद से नगर में प्रथम बार भगवान श्री झूलेलाल जी की अमर कथा के माध्यम से अमृतवाणी वर्षा हुई। यह जानकारी देते हुए मंडल अध्यक्ष मोहन दीवान एवं प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि संत साईं जी व्दारा कार्यक्रम का आरम्भ हनुमान चालीसा के संगीतमय पाठ से हुआ। तत्पश्चात सांई झूलेलाल जी की आरती की गयी। कथा में सांई लालदास साहिब जी ने उपस्थित श्रध्दालुओं पर अमृतवाणी वर्षा करते हैं कहा कि यह झूलेलाल जी की अमृत कथा उन भक्तों को सुनने के लिए मिलती है जिन पर 40 दिन तक भगवान श्री झूलेलाल जी की मेहर होती है। मेरा समाजजनों से निवेदन है कि जहाँ भी चालिहा पर्व आयोजित हो वहां श्री झुलेलाल जी की अमर कथा सुनी जाना चाहिए। कथा सुनने से पहले हमें कथा से होने वाले लाभ एवं प्राप्त होने वाले पुण्यफलों के बारे में जानना चाहिए। कथा सच्ची होना चाहिए। कलयुग का आरम्भ राजा परीक्षित से हुआ है। जो की अभिमन्यु के पुत्र थे। राजा परीक्षित बहुत ही दानवीर एवं दयावान राजा थे। महाभारत में अश्वथामा ने इन्हें गर्भ में ही मरने की कोशिश की थी। किन्तु भगवान ने उनकी रक्षा की। राजा परीक्षित से एक गलती हो गयी की उन्होंने कलयुग को भी अपनी दानवीरता एवं परोपकार के कारण अपने राज्य में शरण दी और कलयुग प्रारंभ हुआ। इस दौरान श्री झुलेलाल नवयुवक मंडल, पूज्य सिंधी पंचायत पदाधिकारियों के साथ प्रदीप कोटवानी, हरीश असवानी, राहूल गेलानी, रवि गिदवानी, जयरामदास खैमानी, मनोहर असवानी, प. श्याम शर्मा, संजय सबनानी, राजेश मिरचंदानी, सुरेश पंजाबी, अशोक मंगवानी, श्री झूलेलाल समर्थ पैनल सदस्यों आदि सहित बड़ी संख्या में माता बहनें एवं समाजजन उपस्थित थे।