सतना/बिलासपुर:- सिंधी समाज द्वारा टिजड़ी पर्व श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी राखी के तीसरे दिन और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पांच दिन पूर्व बुधवार 21 अगस्त को टिजड़ी पर्व हरियाली तीज को करवा चौथ के रूप में मनाया गया । यह जानकारी देते हुए पं. अशोक जी शर्मा ने बताया कि सिंधी समाज द्वारा हरियाली तीज टिजड़ी पर्व को महोत्सव के रूप में मनाया गया । इस दिन सुहागिन महिलाएं जल्दी उठकर मिठाई और फल खाकर (असुर कर) व्रत आरंभ करती हैं। हाथों में मेहंदी रचाकर पति की लंबी उम्र और सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती है तो वही कुंवारी कन्यायें अच्छे घर वर की कामना के साथ यह व्रत श्रध्दा पूर्वक रखेंगी। समाज की माता बहनों द्वारा मंगल गीत गाते हुए टिजड़ी माता को झूला झुलाया जाएगा। रात्रि में चंद्रमा उदय पर अघ्र्य देकर पति के हाथों से पानी ग्रहण कर व्रत समाप्त किया जाता है। इसीलिए टिजड़ी व्रत को सिंधी समाज का करवा चौथ कहा गया है। रात्रि में शहर के सिंधी बहुल क्षेत्र सिंधी कॉलोनी, डालीबाबा, कृष्णनगर, भरहुत नगर, पुष्पराज कालोनी, बजरहा टोला की महिलाओं-बहनो द्वारा तिजड़ी माता का पूजन व कथा का श्रवण किया गया ।