सिंधी समाज की महिलाओं ने अखंड़ सौभाग्य के लिए मनाया टिजडी पर्व


टिजडी पर्व को सिंधी समाज का करवा चौथ कहा गया है

खंडवा।। नगर के सिंधी बहुल्य क्षेत्रों में रविवार को सिंधी समाज की महिलाओं ने अखंड़ सौभाग्य के लिए टिजडी पर्व श्रद्धा, भक्ति के साथ पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर मनाया गया। इस दौरान टिजड़ी माता का पूजन कर झूले में झुलाया गया। महिलाओं द्वारा सुहाग सामग्री पहनी एवं हाथों मे आकर्षक मेहंदी रचाई गयी। रात्रि में चंद्रमा को देखकर व्रत खोला गया। यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय सिंधी समाज प्रदेश प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि सिंधी समुदाय में इस व्रत की विशेष मान्यता है। सिंधी कालोनी स्थित बालक धाम, शिवधाम, पदम नगर आदि सहित अनेक स्थानों पर पंडितजनों ने टिजडी पर्व के अवसर पर टिजडी माता की कथा का आयोजन किया गया। जिसमें बडी संख्या मे सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्याओं को टिजडी का महत्व व कथा सुनायी और सभी को आशीर्वाद दिया। पंडित श्याम शर्मा एवं धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि यह आस्था और विश्वास का पर्व है। सुहागिन महिलाएं उमंग व सच्ची श्रद्धा के साथ इसे मनाती हैं और अपने पति की लम्बी आयु होने की कामना करती है। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर और संस्कारी परिवार मिलने की कामना करती हैं। रात्रि में थाली सजाकर जिसमें दीप जलाकर, कच्चे दूध व मीठे व्यंजन के साथ चंद्रमा की पूजा अर्चना व जल चढाकर अन्न जल ग्रहण करती हैं। टिजडी पर्व को सिंधी समाज का करवा चौथ कहा गया है। बालक धाम प्रमुख स्वामी माधवदास उदासी ने बताया कि पति की दीर्घ आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत करवा चौथ हिंदू मान्यता के अनुसार चौथ को रखा जाता है। वहीं सिंधी समाज का टिजडी व्रत कृष्ण पक्ष की तृतीया को रखा जाता है, सुहाग की लंबी उम्र एवं परिवार में सुख शांति के लिए व्रत करते है, ठीक उसी प्रकार सिंधी समाज की महिलाओं द्वारा टिजडी उपवास को रखा। इस व्रत को लेकर महिलाएं काफी उत्साहित होती है। महिलाओं व्दारा सुहाग सामग्री के साथ वस्त्र धारण, हाथों में मेहंदी आदि लगाई गयी। साल में एक दिन ऐसा आता है जब पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। रात्रि में चंद्रमा के उदय होने पर अघ्र्य देकर और पति का चेहरा देखकर व्रत को खोला गया।