15 वर्षो कि पीड़ा फूटकर बाहर निकली दिया आंदोलन कि चेतावनी
बिलासपुर —: भारतीय कोयला खदान मजदूर संगठन जो कि भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्धता रखती है महाप्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन एसईसीएल बिलासपुर को ज्ञापन सौपा है जिसमे श्रमिकों का वार्षिक बोनस एवं अन्य विसंगतियों को दूर करने कि मांग करते हुए कई गंभीर आरोप लगाते हुवे मैन प्रवेश द्वार को बाधित करते हुवे आवाज बुलंद कि और चेतावनी देते हुवे मांगो को अतिशीघ्र मंजूरी करने की मांग कि गई है दिवाली बोनस के आलावा ठेका श्रमिकों को वेतन पर्ची प्रदान करना ,परिवर्तित महंगाई भत्ता के साथ पूरा वेतन बिना कटौती किये ,अवकाश के दिनों क वेतन प्रदान के साथ अवकाश के दिन काम करने पर दो गुना वेतन प्रदाय करना ,श्रमिकों को ईएसआईसी कि सुविधा प्रदाय करना ,पोषाक और जूता प्रदाय करना,श्रमिकों की हजारी बायो मैट्रिक मशीन से द्वारा करना , श्रमिकों को कार्य अनुसार सुरक्षा टूल किट प्रदाय करना ,ई पी एफ कटौती एवं एवं नियोक्ता राशि जमा करने की विसंगति दूर करना
संगठन के मांगो को देखते हुवे यह समझना लाजमी है कि ठेका श्रमिकों का शोषण एसईसीएल करते चली आ रही है साथ ही अपने काम निकलवाने केलिए श्रमिकों को लोकलुभावन प्रस्ताव भी देती है जैसे की दिवाली बोनस किन्तु दूसरी विसंगति पर कोई बात नहीं करना चाहती है .संघ के नौ मांगो को बारीकी से समजने की जरूरत है कि आखिर एसईसीएल कोल इंडिया के इन श्रमिकों का हिसाब किताब किसी कच्चे रजिस्टर में लिख रही है जिसका कोई आधार नहीं है इसी कारण से संघ ने वेतन पर्ची कि मांग रखी है साथ इनकी हाजरी भी बड़ा विवादस्पद प्रतीत हो रहा है .मन चाहे ढंग से हाजरी लग रही है क्योंकि श्रमिक कम पढ़े होते है या बिलकुल नहीं पढ़े लिखे होते है जिसका बेजा फायदा एसईसीएल पता नहीं कितने दिनों से उठा रही है साथ में इन श्रमिकों के सेहत के साथ खिलवाड़ हो रही है न तो इनको बॉडी प्रोटेक्शन टूल किट दिया जाता है और न ही बीमार या चोटिल होने पर ईएसआईसी कि सुविधा जिससे हायर हेल्थ सेंटर में इलाज हो सके ऐसे स्थिति में श्रमिकों के साथ क्या कुछ गलत और भेदभाव हो रहा होगा उनकी पीड़ा सुनने एसईसीएल बिल्कुल तैयार नहीं है
रौशन क्रिसमक्स
शाखा सचिव बी.के.के.एम एस, एस ई सी एल , बिलासपुर द्वारा हमारे संवाददाता से विशेष चर्चा केके दौरान बहुत से अंदरूनी समस्याओ का जिक्र करते हुए बतलाया कि सभी श्रमिक 15वर्षो से अधिक ऑफिस कार्य ,ड्राइवर,माली ,कुली,खदानों प्लांटों में कार्यरत है किन्तु सेन्ट्रल गवर्नमेंट के दिशा निर्देशों का बिल्कुल भी एसईसीएल पालन नहीं करता है जो कि घोर गैरजिम्मेदाराना व्यवहार श्रमिकों के साथ एसईसीएल करते चली आरही है मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन होगी