बिलासपुर:- सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी के 555 वैं प्रकाश पर्व के अवसर पर दयालबंद स्थित पंजाबी गुरुद्वारा से नगर कीर्तन गुरु ग्रंथ साहब की सरपरस्ती में, व पंज प्यारों की अगुवाई में
नगर कीर्तन निकाला गया
जो की ,दयालबंद, गांधी चौक जूना बिलासपुर ,हटरी चौक, श्याम टॉकीज गोल बाजार, सदर बाजार, होते हुए घोडपारा स्थित पंजाबी गुरुद्वारा में पहुंचकर समापन हुआ इस नगर कीर्तन में गुरु नानक देव जी की जीवनी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाई गई महिलाओं व कन्याओं के द्वारा सबसे आगे आगे झाड़ू लगाते हुए साफ सफाई करते हुए चल रहे थे उसके पीछे सिख धर्म का ध्वज लिए गुरु का प्यारा चल रहा था और उसके पीछे पंज प्यारे चल रहे थे छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा गता का प्रदर्शन किया गया है तलवारबाजी की गई जो लोगों का आकर्षण केंद्र रही साध संगत के द्वारा शबद कीर्तन करते हुए चल रहे थे एक गाड़ी में पोस्टर के माध्यम से संदेश दे रहे थे मानवता के पथ पर चले जात-पात भेदभाव को भुलाकर ,
उस संदेश का अर्थ यह है कि गुरु नानक देव जी ने कहा था कि ईश्वर एक है सभी जाति और धर्म के मनुष्य उस ईश्वर की संतान है इसलिए मनुष्य को उच नीच जात-पात के भेदभाव को भुलाकर आपसी, प्रेम और मानवता के पथ , मार्ग पर चलना चाहिए इस नगर कीर्तन का जगह-जगह सर्व समाज के द्वारा आतिशबाजी के साथ फूलों की वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया वह फल वितरण किए गए खाद्य सामग्री वितरण की गई 1 किलोमीटर लंबा यह नगर कीर्तन था जोकि सेंट्रल गुरुद्वारा घोडपारा पहुंचकर समापन हुआ
भवदीय
विजय दुसेजा