विजय की कलम
(संपादकीय)
2024 समापन की ओर है 2025 का आगमन होने वाला है इस 1 साल में पूरे देश भर में कई सारी घटनाएं घटी कई सारे कांड हुए राजनीतिक में भी कई सारी उथल-पुथल मची कई जगह सत्ता परिवर्तन हुए कई ऐसे चौंकाने वाले रिजल्ट भी आए चुनाव में और कई ऐसी सारी बातें हैं जिन्हें लोग भुलाकर 2025 का स्वागत करना चाहते हैं समाज में भी बहुत सारी उथल-पुथल मची कुछ घटनाएं हुई पर क्या कुछ लोग अपनी गलतियों से सबक लेंगे या जो गलत कार्य किए हैं उन्हें अब नहीं करेंगे?
क्या समाज हित के लिए वह समाज उद्वार के लिए अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे सच बोलेंगे?
और कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरे के कंधे पर 🔫बंदूक रखकर चलाने की जो आदत है वह बदलेंगे? और सच को स्विकार करेंगे कि उन्होंने भी धोखा किया है जो आज लंबी-लंबी फैक रहे हैं?
क्योंकि ऐसे लोगों को ईमानदारी की बातें वह ईमानदारी की रोटी हजम नहीं होती है बेईमानी की रोटी और हराम की खाने की आदत हो गई है? इसीलिए हर जगह हराम की खोजते हैं पर ऐसे लोगों को का कभी भी उद्धार नहीं होगा वह गंदी नाली के कीड़े की तरह रहते हैं जिन्हें गंदगी ही पसंद होती है और मरने के बाद भी उन्हें गंदगी ही नसीब होती है
ऐसे गंदे लोगों के कारण ही आज समाज शहर प्रदेश देश अंधकार की ओर बढ़ रहा है चंद स्वार्थी और पापी लोगों के कारण ही समाज प्रदेश देश का नुकसान हो रहा है ऐसे लोगों को निकाल कर बाहर फेंक देना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग नासूर है हमारे समाज के लिए?
क्योंकि यह कभी सुधरने वाले नहीं है और ना ही कभी सुधरना चाहते हैं सिर्फ नाटक व झूठ बोलना जानते हैं मुंह में राम और बगल में छुरी रखते हैं? राम राम नाम जपना ओर पराया माल अपना जैसा कार्य करते हैं?
जिस थाली में खाते हैं उसी में ही छेद करते हैं जिस डाली पर बैठे हैं उसे ही काटने की कोशिश करते हैं?
हर जगह मुंह मारने की उनकी आदत हो गई है कुत्ता भी वफादार होता है पर यह तो उससे भी गए गुजरे गए हैं?
अब देखना यह है कि 2025 में क्या यह नेक बनते हैं?
क्या अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं?
क्या यह सच बोलेंगे?
यां 2024 की तरह पाप अधर्म की राह पर चलेंगे झूठ फरेब धोखा और विश्वास घात करते रहेंगे?
याद रखना कफन में जेब नहीं होती है जैसा करोगे वैसा ही भरोगे काम ऐसा करो कि मरने के बाद भी लोग आपकी तारीफ करें ना कि आपको गालियां दें?
पैसा कमाने से कुछ नहीं होता ईमानदारी की भी कमाई करो भक्ति की कमाई करो नाम की भी कमाई करो और सच और पुण्य की भी कमाई करो? छोटे और बड़ों का भेदभाव ना करो, पैसे की चमक दमक में घमंड मत करो?
कोरोना काल को याद करो कि यह पैसा भी काम नहीं आ रहा था लोगों को एक स्वास लेने के लिए और करोना काल में जितने लोग मरे हैं ना वह पैसे वाले लोग ही ज्यादा मरे हैं गरीब लोग ज्यादा नहीं मरे हैं इस बात को ध्यान रखना?
घर और दुकान में गुरु का बड़ा फोटो लगाना सत्संग में जाना यह दिखावा बंद करो आप कहीं मत जाओ कोई फोटो मत लगाओ पर अपने भीतर जो आपकी आत्मा है उसको जगाओ और सत्य की राह पर चलो सत्य बोलो परमात्मा आपको स्वयं मिल जाएंगे कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी?
अच्छा है कि 2025 का सूर्य उदय होगा अमन चैन शांति आपसी भाईचारा का संदेश लाऐगा अंधेरे को दूर करेगा सत्य धर्म प्रेम और विश्वास का नया उजाला करेगा , 2025 की शुभकामनाओं के साथ सत्य धर्म और न्याय पर चलने वालों का जीवन मंगल मेय हो
भवदीय
विजय दुसेजा
