जिसने प्रेम किया भगवान से उसने सब कुछ है पाया और जिसने प्रेम किया संसार से उसने दुख ही पाया, सांई कृष्ण दास

ब्रह्मलीन संत सतगुरु सांई बाबा भगत राम साहब जी का 60 वां अवतरण”दिवस, बाबा आनंद राम दरबार चक्कर भाटा में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत
रात्रि 8:00 बजे हुई समापन 10:00 बजे हुआ , कार्यक्रम आरंभ करने से पहले ब्रह्मालीन बाबा आनंद राम ब्राह्मलीन बाबा भगत राम साहब जी के मूर्ति पर फूलों की माला पहनाकर दीप प्रज्वलित करके शुरुआत की गई इस अवसर पर शिव शांति आश्रम लखनऊ के संत सांई चांडूराम साहब जी के पुत्र सांई हरीश लाल जी विशेष रूप से आज के कार्यक्रम में शामिल हुए इस अवसर पर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के भी कई संत महात्मा पहुंचे और अपने रूहानी दर्शन देकर वह सत्संग कीर्तन से साध संगत को निहाल किया बाबा आनंद राम दरबार रायपुर के सांई सुदामा भैया जी के द्वारा बाबा भगतराम साहिब जी के जीवन के बारे में प्रकाश डाला वह बताया कि किस तरह भक्तों का दुख दर्द दूर करते थे और अपने लिए नहीं सारी संगत के लिए जीते थे और उनमें ही अपने प्रभु के दर्शन करते थे सरल और स्वभाव के थे अपनी मधुर वाणी से सुरीली बांसुरी बजाते थे जीसे सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो जाते थे बलराम भैया जी के द्वारा कई भक्ति भरे भजन गाए जीसे सुनकर भक्तजन झूम उठे सांई कृष्ण दास जी के द्वारा एक प्रसंग सुनाया गया की जो व्यक्ति भगवान से प्रेम करता है उसे सब कुछ मिल जाता है और जो व्यक्ति संसार से प्रेम करता है वह दुख ही पता है
, गुरु और शिक्षय की एक कथा सुनाई की गुरु का महत्व कितना बड़ा है कि भगवान भी आकर गुरु की सेवा करते हैं उन्होंने बताया कि एक गांव में एक संत महात्मा रहते थे और एक सखुबाई नाम की महिला प्रत्येक दिन सत्संग में जाती थी संत का सत्संग सुनती थी और संत से नाम दान की दीक्षा भी ली और हरदम श्री कृष्ण हरे गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवाय नाम जपती रहती थी और गुरु की सेवा भी करती थी सच्चे मन से प्रभु का नाम जपती थी सिमरन करती थी गुरु की सेवा करती थी एक बार गुरु का बिस्तर लगाने के बाद जैसे ही गुरु बिस्तर पर सोने वाले थे उसका हाथ तकिया के नीचे आ गया और गुरु सो गए सीता भी चुपचाप वहीं बैठ गई क्योंकि उसका हाथ तकिया के नीचे था और गुरु सोए हुए थे तो उसने गुरु को नहीं जगाया बल्कि बैठी रही और प्रभु का नाम सिमरन करती रही श्री कृष्ण श्री कृष्ण कुछ समय के बाद दरवाजे पर ठक-ठक की आवाज आई उसने कहा कौन है तो बाहर से आवाज आई जिसको तुम याद कर रही हो मैं वही हूं फिर ठक-ठक की आवाज आई फिर से सखुबाई ने पूछा अरे भाई आप कौन हो फिर से बाहर से आवाज आई जिसे तुम याद कर रही हो मैं वह कृष्ण हूं द्वारकाधीश हूं दरवाजा खोलो सीता ने कहा आ जाओ अंदर प्रभु दरवाजा खुला है जैसे भगवान अंदर आए सीता उन्हें देखकर मन ही मन मुस्कुराने लगी पर उठ नहीं सकती थी क्योंकि उसका हाथ ताकिए के नीचे था तब भगवान ने कहा अरे भाई जिसे तुम याद करती हो दिन रात , वह तुम्हारे सामने खड़ा है उठो सेवा करो तुम्हारे पास आया हूं कुछ मुझे भोजन करवाओ भोग लगाओ तब सीता ने कहा प्रभु आज मुझे क्षमा करें मैं आपकी सेवा नहीं कर सकती आप बाद में आना कुछ समय तब श्री कृष्ण ने कहा अरे यह तुम क्या बोल रही हो साधु महात्मा संत इतनी तपस्या करते हैं तब भी उन्हें दर्शन नहीं मिलता है और मैं तुम्हें सिमरन करने से ही तुम्हें दर्शन दे राह हूं और तुम कह रही हो कि मैं चले जाऊं अभी तुम्हारे पास समय नहीं है बाद में आओ कहीं तुम बोरिया तो नहीं गई हो तो उन्होंने कहा हे प्रभु मुझे क्षमा करें मैं अभी अपने गुरु की सेवा में लगी हूं इसलिए मैं आपकी सेवा नहीं कर सकती हूं आप जाइए कुछ दिन बाद आना भगवान ने कहा लोग तरसते हैं मेरे दर्शन के लिए और तुम ऐसा बोल रही हो तब सीता ने कहा मै अपने गुरु की नींद हराम करके आपकी सेवा नहीं कर सकती हूं आप दोबारा आ जाओगे यह मुझे विश्वास है क्योंकि जीस गुरु की सेवा करते हुए आप मुझे मिले हो तो आप दोबारा भी आ जाओगे अगर मैं गुरु की सेवा नहीं करती गुरु मुझे नाम दान नही देते तो मैं कैसे आपको पाती कैसे आप आते , मुझे भरोसा है आप फिर आओगे भगवान यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुए और उसने कहा मुझे भी कुछ मौका दो अपने गुरु की सेवा करने के लिए तो सीता ने कहा यह सामने हाथ पंखा पड़ा है आप हाथ पंखा हिलाएं तो भगवान श्री कृष्ण भी हाथ पंखा लेकर उसके गुरु की सेवा करने लगे इस कहानी का तात्पर्य यह है कि भगवान भक्तों के अधीन है और भगवान के माध्यम से गुरु नहीं मिलता है बल्कि गुरु के माध्यम से भगवान की प्राप्ति होती है तो अगर आपको गुरु पर भरोसा है तो आपको भगवान की प्राप्ति जरूर होगी आपको सद्गुरु की प्राप्ति जरूर होगी आपको मोक्ष की प्राप्ति जरूर होगी , आखिर में पूज्य माता साहिब व संत जनों के द्वारा केक काटा गया भोग लगाया गया साध संगत में वितरण किया गया एवं अरदास की गई पल्लो पाया गया आए हुए सभी भक्त जनों को आशीष देते हुए प्रसाद वितरण किया गया सभी भक्तों के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्त जनो ने भंडारा ग्रहण किया
इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया
आज के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भक्तजन छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों से पहुंचे थे इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा आनंद राम सेवा समिति चक्करभाटा, बिलासपुर, कोरबा, रायपुर, भिलाई, के सभी सेवादारियों का विशेष सहयोग रहा