कलयुग का धन हरि नाम संकीर्तन है : भक्त भागवत।

श्री झूलेलाल चालिहा महोत्सव के पूर्व संध्या पर वृंदावन उत्तर प्रदेश से पधारे भक्त भागवत जैसे ही इसका आगमन श्री झूलेलाल मंदिर में हुआ ढोल बाजे वह फूलों की वर्षा के साथ भक्त भागवत का स्वागत सत्कार किया गया कई लोग सोचते होंगे कि कोई बड़ा बुजुर्ग व्यक्ति होगा बड़ी उम्र का होगा जिसने नहीं देखा था नहीं 👂सुना था पर जैसे ही वह अपने पिता के गोद में सबके सामने आए तो सभी की नजरे तकी की तकि रह गई मानो भगवान श्री कृष्ण बाल रूप में पधारे हो सुंदर मुखड़ा मधुर सी मुस्कान टम टमाटी चमकती हुई आंखें वह अद्भुत रूप और वस्त्र गेहूंवा पहने गले में माला और मुंह में नाम श्री हरी कृष्ण का सभी की नजर भक्त भागवत की ओर और जब कहा हरि बोल सभी लोगों ने हाथ उठाकर हरि बोल हरि बोलने लगे श्री कृष्ण जय श्री कृष्णा राधे राधे जपने लगे भक्त भागवत के पिताजी ने उनके गुरु का विस्तार से परिचय दिया और उनके गुरु ने इस मानव जीवन क्यों मिला है पशु और मानव जीवन में क्या अंतर है धर्म क्या है इसके बारे में विस्तार से साध संगत को अपनी अमृतवाणी में बताया रात्रि के 1:00 बज रहा था पर साध संगत की आंखें तो भक्त भागवत की अमृतवाणी सुनने में इंतजार से बैठी थी अब वह घड़ी भी आ गई जब भक्त भगवत उठे गुरु को प्रणाम किया और पहले ही शब्द कहा हरि बोल और अपनी मीठे मीठे बातों से सबका मन मोह लिया बच्चों से लेकर बड़ो तक सबको हरि नाम की प्याली पीलाई और ऐसे ऐसे वचन सत्संग के माध्यम से उन्होंने बताएं कि सुनने वाले सुनते ही रह गए और भाव विभोर हो गए भक्त भागवत ने कहा कि कलयुग का धन सह कीर्तन ही है यह मानव जीवन जो हमें मिला है उसे यूं ही नहीं गवना है बल्कि प्रभु के नाम में भक्ति में सिमरन में लगाना है ताकि यह 84 लाख योनियों से मुक्ति मिल सके और जैसा कि हमारे गुरु ने बताया है इंसान में और जानवर में क्या अंतर है

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जानवर 🐵🐶🐷 चार पांव का होता है और इंसान दो पांव का होता है पर जानवर भक्ति सिमरन नहीं कर सकता है और हम भक्ति सिमरन कर सकते हैं तो इसलिए पशु मत बनिए मनुष्य बनिए और इस जीवन को सवारीए मेकअप से नहीं भक्ति के रंग से श्री कृष्ण के सिमरन से हरि नाम के जाप से जीवन को प्रभु से जोड़े,
भागवत का अर्थ क्या है उन्होंने बताया भागवत सारे धर्म का ज्ञान है वह रस है जीसके पीने के बाद और किसी चीज की भूख नहीं लगती है औ भागवत पढ़ना और ज्ञान प्राप्त करना बचपन में ही चाहिए ताकि जब हम उस उम्र तक पहुंच जाए जब हमें भगवान के पास जाना है तो हम खाली हाथ न जाए जो भागवत से हमें मिलेगा भक्ति का खजाना वह साथ में लेकर जाएं कार्यक्रम के आखिर में भक्त भागवत का सम्मान किया गया और आरती की गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी भक्तजनों के लिए आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया आज के इस पूरे आयोजन का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों नेआज के कार्यक्रम का आनंद लिया इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्त जन छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान दिल्ली यूपी गुजरात से आए थे इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति सश्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा