सनातन धर्म के कई तिज त्यौहार पर्व है पर सबसे पहले जिनका नाम आता है वह है होली दिवाली होली का नाम आते ही आंखों के सामने रंग 🎨 भीन, रंगीन कलर गुलाल हाथों में पिचकारी नजर आती है और एक ही
नजरा आंखों के सामने में आता है कि भगवान कृष्ण राधा के संग ब्रिज में होली खेल रहे हैं प्यार भरे रंगों का त्योहार होली रंग के साथ-साथ अगर नगाड़ों की गूंज ना हो तो होली का मजा फीका हो जाता है खासकर छत्तीसगढ़ में बिलासपुर शहर में जब नगाड़े बजते हैं वह होलिका दहन होता है तो मोहल्लेवासी सब इकट्ठा होते हैं बच्चे बूढ़े हो या जवान सब शामिल होते हैं नगाड़ों के बजने से एक अलग ही संगीत का आनंद अनुभूत होता है होली का एक अलग ही वह रंग है पर अब वह रंग धीरे-धीरे खत्म होते जा रहा है इस बार बिलासपुर शहर में नगाड़े की दुकान मात्र एक लगी है उस दुकानदार ने बताया कि वह खेड़ागढ़ से आकर नगाड़े यहां पर बेच रहा है विगत वर्ष 15 से 20 परिवार आकर नगाड़े बैच रहे थे

पर माल नहीं बीका जिसके कारण बहुत नुकसान हुआ इसकी वजह से ईस बार वो सभी परिवारों ने नगाड़े बनाना , बेचना बंद कर दिया धीरे-धीरे हमरी संस्कृति विलुप्त होती जा रही है इसका कारण हम खुद ही हैं विदेशी संस्कृति के रंग-ढंग को हम अपना रहे हैं और अपने देश की अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं आजकल लोग डीजे की धुन में नाचते हैं गाते हैं लोगों का उत्साह भी अब कम होते जा रहा है आज की जो खासकर यूवा पीढ़ी है उनको नंगाडो़ के बारे में अधिक महत्व नहीं पता है जीसके कारण धीरे-धीरे इनका महत्व कम होते जा रहा है मात्र एक दुकान नगाड़े की लगी है

, उन्होंने बताया कि महंगाई के कारण इस बार नगाड़े के रेट भी ज्यादा है डमरू ₹200 जोड़ी ताशा 250 रुपए नग वह बड़े नगाड़े 2000 से लेकर 4000 तक के जोड़ी तक उपलब्ध है साइज के हिसाब से दुकान दार ने बताया कि उन्ही कि एक ही दुकान है वह एक दुकान और मेरे भाई की लगेगी तो मेरा माल बिक जाएगा , सरकार को भी सोचना होगा वह ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देना होगा नहीं तो हमारी संस्कृति विलुप्त होते-होते खत्म हो जाएगी और आज कि पीढ़ी को भी हम कहना चाहेंगे भली जितना भी डीजे बजा लो पर नंगाडो़ की गूंज होली में जब नहीं होगी तो वह रंग भी मजा नहीं आएगा इसीलिए डीजे की जगह नगाड़े ही खरीदे और नगाड़े के बजने से जो आनंद आता है वह आनंद अलग ही अनुभव होता है उसका भी आप अनुभव लीजिए बिलासपुर में रफ्ता चौक शनीचरी बजार के पास नगाड़े की दुकान लगी है