संस्कृति की रक्षक नारी


शिव गुलजार भवन तोरवा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में महिलाओं का सम्मान साथ ही सुहागा एवं होली का आयोजन किया गया उक्त कार्यक्रम में लगभग 100 महिलाएं उपस्थित हुई कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बिलासपुर की महापौर श्रीमती पूजा विधानी  जी एवं भारतीय सिंधू सभा महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष विनीता भावनानी जी , साथ ही धर्म जागरण मंच एवं स्वदेशी मेला की सक्रिय कार्यकर्ता किरण जी भी उपस्थित हुई कार्यक्रम के दौरान पूजा विधानी जी ने नारी को महान बताते हुए कहा कि आज भी कहीं भी जाए किसी भी क्षेत्र में हो बहुत अग्रणी हो लेकिन उसके पश्चात भी घर की सारी व्यवस्था करके ही उस क्षेत्र में जाती है, बिलासपुर नगर की नारी शक्ति सशक्त हो गई है सोलह सिंगार में सजी हुई आप सभी चैतन्य देवियों के समान अनुभव हो रहे हैं के अंदर के मातृत्व को नमन है, शिव गुलजार भवन तोरवा की मुख्य संचालिका आदरणीय राखी दीदी जी ने बताया कि भारत बहुत ही पावन भूमि है इस भूमि को हम भारत मां भी कहते हैं और सर्वाधिक मंदिरों में भी शक्तियों की  ही मंदिर है मां दुर्गा, मां काली, मां सरस्वती आदि वास्तव में हर एक नारी के अंदर यह शक्ति विराजमान है जब हम परमात्मा शिव से  संबंध जोड़ते है तब हमारी यह सुषुप्त हुई अष्ट शक्तियां जागृत हो जाती है और हर एक नारी के अंदर अष्टभुजा धारी मां दुर्गा के सामान वो शक्तियां आने लगती  है घर को बिगाड़ना और संवारना एक नारी के हाथ में ही होता है इसलिए जब भी घर में बेटी का जन्म होता है या घर में बहू आती है तो कहते हैं घर में लक्ष्मी का आगमन हुआ लक्ष्मी अर्थात धन की देवी यह नारी को ही कहा जाता है पुरुष होते हुए भी नारी को इसकी संज्ञा दी जाती है आज देवी देवताओं में भी यदि लक्ष्मी नारायण का नाम लिया जाए तो सर्वप्रथम नारी शक्ति मां लक्ष्मी का ही नाम लिया जाता है हर एक नारी को अपनी इस शक्ति को जागृत करनी है और अपने घर को स्वर्ग समान बनाना है परिवार से समाज बनता है और समाज से राष्ट्र बनता है और राष्ट्र से विश्व बनता है तो एक परिवार को स्वर्ग समान सुंदर बनाना नारी शक्ति के हाथ में है, किरण जी ने अपने अनुभव से यह बताया, की कैसे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठानी है और अपने अधिकार हेतु संघर्ष करना है हार नहीं माननी है।। दिव्या जी ने अपने वक्तव्य से कहा की स्वयं को सम्मान दें स्वयं के लिए समय निकाले सब कुछ करें लेकिन अपनी चिंता भी करें,विनीता जी ने महिला शब्द का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए कहा मां अर्थात ममता में ही अर्थात हिम्मत वाली और लाल अर्थात लाजवाब अंत में सभी को हल्दी कुमकुम देते हुए मां दुर्गा के आगे पूजा अर्चना और  आरती की गई तत्पश्चात प्रसाद  ब्रह्मा भोजन स्वीकार कराया गया तथा सृष्टि राठौर जी ने सभी को धन्यवाद दिया परी बहन ने नृत्य प्रस्तुति की एवं उर्मिला माताजी उक्त कार्यक्रम की मुख्य सहयोगी रही इस प्रकार उक्त कार्यक्रम सर्व के सहयोग से परमात्मा शिव की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ