क्या ममता की ममता सिर्फ एक विशेष धर्म के लोगों के लिए है हिंदू धर्म के लोगों के लिए नहीं ?

विजय की ✒कलम

  बिलासपुर :-   कहने को तो हमारे देश में लोकतंत्र स्थापित है पर क्या लोकतंत्र के अनुसार संविधान के अनुसार देश चल रहा है ?
राजनीतिक पार्टियाँ क्या इसका दुरुपयोग नहीं कर रही है ?
अपने ही देश में अपने ही लोगों को पलयान करना पड़ रहा है ,शरणार्थी बनकर रहना पड़ रहा है ?
किसी एक विशेष कानून के लिए पूरे सनातन धर्म के मनने वाले लोगों पर अत्याचार करना मारपीट करना घर दुकान जालना मर्डर करना किया यह उचित है ?
अभी तक हम लोग सिर्फ बांग्लादेश और पाकिस्तान में देखते थे कि संनातन धर्म के मानने वाले लोगों पर अत्याचार हो रहा है पर अपने ही देश में एक प्रदेश है बंगाल और उसके कुछ जिले हैं जिसमें पहला जिला है मुर्शिदाबाद जहां पर हिंदू धर्म वाले और अल्प संख्यक हैं कम संख्या में हैं लेकिन दूसरे धर्म को लोगों को खुली छूट दे दी गई है कि वह संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं ?
कानून को अपने जेब में रखकर घूम रहे हैं? कानून के रखवाले के ऊपर ही अत्याचार कर रहे हैं हमला कर रहे हैं उनकी गाड़ियों पर तोड़फोड़ कर रहे हैं ?

पूरा देश आज ममता से जानना चाहता है कि क्या उसकी ममता सिर्फ एक विशेष धर्म के लोगों के लिए है स संनातन धर्म के लोगों के लिए नहीं है ?

सबसे बड़ी जो चिंता की बात है यह सब देखते हुए भी केंद्र सरकार चुप क्यों बैठी है क्यों नहीं बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाता है क्यों नहीं कानून का संविधान का रक्षा के लिए बंगाल सरकार को बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा है ?
क्या केंद्र सरकार भी वोटो के लिए राजनीति कर रही है ?
क्या उन्हें भी सिर्फ सनातन धर्म हिंदू धर्म के लोग एक वोट बैंक दिखाई दे रहे हैं कि उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया है ?
अगर ऐसा नहीं है तो तुरंत केंद्र को एक्शन लेना चाहिए और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करें या धारा 355 के तहत सेना को भेजें पूरे बंगाल को सेना के हवाले कर दिया जाए पूरा कंट्रोल केंद्र सरकार अपने हाथ में ले ?

वहां की पुलिस ममता के दबाव में काम कर रही है वह संनातन धर्म की रक्षा नहीं कर पाएगी क्योंकि उसे पावर नहीं दिया गया है सिर्फ दिखाने के लिए दंडा हाथ में दिया गया है चलाने के लिए बंदूक नहीं दी गई है ?
और ऐसे जिहादियों पर कट्टर पंक्तियों पर डंडे चलाने की जरूरत नहीं है, बल्कि तुरंत गोली मारने का आदेश देना चाहिए ?
अगर आपको देश के किसी भी कानून का या कोई मुद्दे का विरोध करना है तो आप विरोध कीजिए लेकिन विरोध के बहाने किसी धर्म के एक विशेष समुदाय के लोगों पर अत्याचार करना तोड़फोड़ करना आगजनि करना मारना या किसी भी धर्म के लोगों को अधिकार नहीं दिया गया है ?
जैसा कि अभी तक सिर्फ सुनने में आ रहा था कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोग बंगाल में आकर रहने लगे हैं अब यह सब बातें सच साबित होने लगी है और उन्हीं के इसारो पर यह सब वहीं अवैध घुसपैठिये , माहौल खराब कर रहे हैं ?
और बाकी और यहां के लोकल भी जो लोग हैं उनका साथ दे रहे हैं जिसके कारण ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घट रही है?
और सारी राजनीतिक पार्टियां सिर्फ उसका अपने-अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही हैं ?
क्योंकि बंगाल में चुनाव होने वाला है इसलिए जिस पार्टी को लगता है की विशेष समुदाय का समर्थन करना चाहिए वह शांत बैठी है पूरा इंडिया गठबंधन चुप बैठा है अब बंगाल में क्यों नहीं हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है उसका विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं क्यों चुप बैठी है कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी पार्टियां , क्यों नहीं ममता को कहा जा रहा है कि राज धर्म का और संविधान का पालन करें ?
और हिंदुओं की रक्षा के लिए पुलिस को गोली मारने का आदेश दे जो तोड़फोड़ कर रहे हैं और दंगा फसाद कर रहे हैं ?
इतिहास और देश ममता को कभी माफ नहीं करेगा सत्ता के लिए कुर्सी के लिए जिस तरह वह राजनीतिक कर रही है व पूरा देश देख रहा है अपनी कुर्सी के लिए विशेष धर्म के लोगों को पाल पोश रही है वह किसी के हित में नहीं है ?
अभी भी वक्त है राज धर्म का पालन करें ममता और जिहादियों पर कटर पंथियों पर दंगाइयों पर तुरंत गोली मारने का आदेश दे,
जहां पर हिंदुओं के मकान दुकान जल गए हैं और जो पलायन कर गए हैं उनको वापस बंगाल में बुलाए और पूर्ण स्थापना करें उनकी पुण्य उनका नया मकान दुकान और जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करें,
ओर उनकी रक्षा के लिए सेना को बुलाए, क्योंकि यहां की पुलिस अब वह काम नहीं कर पाएगी जो उसे करना चाहिए क्योंकि आपने उनहे, अपना पिट्टू बना दिया है?
जब बांग्लादेश में हिंदूओ पर अत्याचार हुआ और पूरा देश आंदोलन करने सड़कों पर उतर आया अपने देश में जब हिंदूओ पर अत्याचार हो रहा है तो संनातन धर्म के लोग चुप क्यों बैठे हैं ?
जागो उठो आगे बढ़ो और अत्याचार का विरोध करो और बंगाल में हो रहे अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर आए अपना विरोध शांति प्रिय ढ़ग से करें, ? और प्रधानमंत्री के नाम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सोपे ,
ममता सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई हक नहीं वहां राष्ट्रपति शासन लागू करें और प्रदेश में सेना को तेनात, करें और हिंदुओं की संनातन धर्म के लोगों की रक्षा करें,
कानून को संसद ने पास किया है ना कि संनातन धर्म ने ओर न आम जनता ने पास किया है, अगर आपको विरोध करना है कोर्ट में जाइए किसने मना किया है 75 साल से देश को लूट रहे हो पहले अंग्रेजों ने लूटा अब अपने ही लोग लूट रहे हैं?
अब यह सब बंद होना चाहिए (संपादकीय)