पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग तथा रायपुर सोसाइटी ऑफ पेरिनेटोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी (RSOPARB) के संयुक्त तत्वावधान में आर.एच.आइसो इम्यूनाइजेशन पर सफल सी.एम.ई. का आयोजन

राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराए गए एन्टी डी इम्यूनोग्लोबुलीन इंजेक्शन,आर.एच.नेगेटिव गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण

     रायपुर :- पंडित जवाहरलाल नेहरू रायपुर मेडिकल कॉलेज प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग तथा रायपुर सोसाइटी ऑफ पेरिनेटोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी (RSOPARB) के संयुक्त तत्वावधान में 19 अप्रैल 2025 को EMOC हॉल, पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर में Rh Isoimmunization और Fetomaternal Hemorrhage विषय पर एक उच्चस्तरीय सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रायपुर सोसाइटी ऑफ पेरिनेटोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी (RSOPARB) की
अध्यक्षा डॉ. त्रिप्ती नागरिया,
सचिव डॉ. ज्योति जायसवाल जी के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने Rh-नेगेटिव गर्भवती महिलाओं की देखभाल एवं रोकथाम के उपायों पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में विशेष रूप से एंटी-डी इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता और समय पर इसके प्रयोग को लेकर चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यक्रम में बताया गया कि सभी Rh-नेगेटिव गर्भवती महिलाओं को, जैसा कि चिकित्सा दिशा-निर्देशों में अनुशंसित है, एंटीनेटल प्रोफिलैक्सिस के तहत एंटी-डी इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन अवश्य दिया जाना चाहिए। गर्भावस्था के 28वें सप्ताह पर 300 माइक्रोग्राम की एकल खुराक देना आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त, यदि महिला की डिलीवरी हो चुकी हो और बच्चा Rh-पॉजिटिव है, तो डिलीवरी के 72 घंटों के भीतर 300 माइक्रोग्राम का एंटी-डी इंजेक्शन देना अनिवार्य होता है, ताकि भविष्य में संभावित Rh isoimmunization से बचा जा सके।

विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि पहली तिमाही में होने वाली sensitizing घटनाओं (जैसे गर्भपात, मेडिकल प्रक्रियाएं आदि) के बाद 50 से 100 माइक्रोग्राम की एंटी-डी इंजेक्शन दी जानी चाहिए।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यह एंटी-डी इंजेक्शन सीजीएमएससी के माध्यम से सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाता है।
जो की चिकित्सकों के निर्देशानुसार आरएच नेगेटिव गर्भवती महिला को उचित समय पर लगाया जाता है।

यह कार्यक्रम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा और इसमें बड़ी संख्या में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में लगभग 60 स्त्री रोग विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की, जिससे इसका शैक्षणिक स्तर और भी समृद्ध हुआ। इस अवसर की गरिमा वरिष्ठ चिकित्सकों की उपस्थिति से और बढ़ गई, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. नीरजा अग्रवाल, डॉ. अरविंद नेरल और डॉ. अभा दाहरवाल शामिल रहे।

मुख्य व्याख्यान डॉ. ज्योति जायसवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें Rh Isoimmunization और Fetomaternal Hemorrhage की जटिलताओं, निदान तथा उपचार की नवीनतम विधियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

इसके पश्चात एक संवादात्मक पैनल चर्चा का आयोजन हुआ, जिसका संचालन डॉ. रुचि किशोर और डॉ. स्मृति नाइक ने किया। पैनलिस्ट्स ने विषय पर उपयोगी और गहन विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में एक ब्रेन स्टॉर्मिंग पोस्टग्रेजुएट क्विज का आयोजन हुआ, जिसका संचालन डॉ. सुप्रिया गुप्ता, डॉ. रूमी और डॉ. श्रेया द्वारा किया गया। इस रोचक प्रतियोगिता की विजेता डॉ. राखी सचदेव रहीं।

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसे अंजुम खान द्वारा प्रस्तुत किया गया। मंच संचालन डॉ. अर्पणा वर्मा और डॉ. निहारिका सिंह ने अत्यंत प्रभावी ढंग से किया।

यह CME कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि सभी प्रतिभागियों के लिए एक प्रेरणादायक और यादगार अनुभव भी सिद्ध हुआ।