मां का प्रेम और समर्पण परिवार को एकता और प्रेम के सूत्र में बांधता है – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

ब्रह्मा कुमारीज़ टिकरापारा में स्वस्थ और सुखी परिवार के लिए माता की भूमिका विषय पर मातृ दिवस मनाया गया…

प्रभु दर्शन भवन, टिकरापारा :-माँ हमारे लिये सुरक्षा कवच की तरह होती है क्योंकि वो हमें सभी परेशानियों से बचाती है। वो कभी अपनी परेशानियों पर ध्यान नहीं देती और हर समय बस हमें ही सुनती है। मां का त्याग, प्रेम और समर्पणता ही वर्तमान समय में परिवार में बढ़ रही विकृतियों को खत्म कर परिवार को एकता व प्रेम के सूत्र में बांधकर रखता है। मां के महत्व को समझने, सम्मान देने के लिये ही हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ-दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह दिन तो स्मृति मात्र के लिए है क्योंकि मां का सम्मान तो हर क्षण हर कर्म में होना चाहिए।

यह बातें रविवार को ब्रह्माकुमारीज़, प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा में मातृ दिवस पर एकत्रित सभा को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कही। उन्होंने कहा की देना ही लेना है, परिवार में हम जितना सभी सदस्यों की तारीफ करते हैं, आभार व्यक्त करते हैं, उतना ही अच्छा घर का वायुमंडल बनता है, घर में आपसी प्रेम बढ़ता है। माँ वह ठंडी छाँव है जिसकी गोद में हम सुख का अनुभव करते हैं, मां के जैसा रोल इस दुनिया में किसी का नहीं हो सकता, उसकी पूर्ति कोई नहीं कर सकता।

*एकल परिवार में मां-बाप की छत्रछाया नहीं होती, संपूर्ण परिवार में रहकर ही हम अपना दुख दर्द एक दूसरे से बाँट सकते हैं।* जहां आपसी प्रेम हो उसे ही परिवार कहा जाता है, परिवार को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहनशक्ति को बढ़ाना होगा।

ब्रह्मा कुमारी बहनों ने तिलक व पुष्प लगाकर सभी बहनों व माताओं का सम्मान किया।