सतगुरु बाबा थावर दास साहेब जी का 244 वा अवतरण दिवस के अवसर पर आज तोरवा स्थित मैहर दरबार में दूसरे दिन सुबह 10:00 बजे पूजा अर्चना आरती किए गई प्रसाद वितरण किया गया रात्रि 7:00 बजे पूजा अर्चना आरती कि गई प्रसाद वितरण किया गया रात्रि 9:00 बजे से 12:00 बजे तक सत्संग कीर्तन , भजन का आयोजन किया गया कटनी से आए आकाश म्यूजिकल पार्टी के द्वारा संगीत मय भक्ति मय भजनों की शानदार प्रस्तुति दी इस अवसर पर पूजनीय दादी साहिबा जी ने अपनी अमृतवाणी में सत्संग कीर्तन करके साध संगत को निहाल किया उन्होंने फरमाया कि घर की महिलाओं👩👩👩 में अगर बड़ी सांस है तो वह बहू को बेटी का दर्जा दे बेटी 🙎ओर बहू भी अपनी सांस को अपनी 👩माँ माने तो घर स्वर्ग बन जाएगा हर घर में झगड़ा ओर विवाद की वजह यही होती है कि हम अपने घर में तो अपने माता-पिता की पूजा अर्चना करते हैं उन्हें बहुत सम्मान करते हैं बहन भाई को प्यार भी करते हैं लेकिन ससुराल में आने के बाद हमारा व्यवहार बदल जाता है तो इसके कारण घर-घर में वाद विवाद की स्थिति बनती है

और महिलाओं को घर के विवाद से पुरुषों को दूर रखना चाहिए वह दिन भर अपना काम धंधा करते हैं उनको अपना ध्यान काम धंधे और बिजनेस में लगाना चाहिए ना कि घर के बातों में उनको उलझा कर उनको और परेशान ना किया जाए और घर के औरतों के हाथ में ही है कि वह अपने घर को स्वर्ग बनाएं या नरक बनाएं और थोड़ा झुकने से अगर रिश्ते टूटने से बच जाते हैं और बिखरने से अगर घर परिवार संवर जाता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है अहंकार ना करें, झुकेंगे तो आगे बढ़ेंगे पर आज के समय में देखा जा रहा है हर कोई झुकने को तैयार नहीं है मैं मैं की लड़ाई में मर गए हैं इसलिए प्रभु की भक्ति और सिमरन करेंगे सत्संग कीर्तन में जाएंगे तो कुछ बातें सीखने को मिलेगी और सिर्फ सुनना नहीं है बल्कि उसे ग्रहण भी करना है अपने जीवन में उतारना भी है तभी सत्संग में जाने का आपको लाभ मिलेगा, घर के बड़े बुजुर्गों का मान सम्मान करना सीखें उनकी छत्रछाया में ही आपका घर स्वर्ग बन सकता है

और सुंदर बन सकता है और उनके बिना घर-घर नहीं रहेगा सिर्फ चार दीवारो का मकान बनाकर रह जाएगा बड़े बुजुर्ग एक वृक्ष के समान होते हैं उनकी साया में सभी सुखी जीवन व्यतीत कर सकते हैं उनको बहुत ज्ञान अनुभव होता है अपने जीवन से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है जो हमें सीखाने की कोशिश करते हैं पर हम लोग उन्हें ध्यान नहीं देते हैं पर उनके जाने के बाद हमें उनकी बातें याद आती है

फिर हमें पछतावा होता है इसलिए ऐसा ना करें कि बाद में आपको पछतावा हो कार्यक्रम के आखिर में अरदास की गई पल्लव पाया गया प्रसाद किया गया आए हुए सभी संगत के लिए गुरु का प्रसाद आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया आज के इस पूरे कार्यक्रम को हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा ने कवर किया इस अवसर पर संत नारायण सांई जी ने गोविंद दुसेजा को मोतियों की माला पहनाकर आशीर्वाद दिया

आज के इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा थवार दास सेवा समिति बिलासपुर के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा