बिलासपुर। रायपुर रोड स्थित रामा वैली रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी के सचिव पीव्हीआर नायडू, उपाध्यक्ष सी पी शर्मा,मनोज गर्ग,शोभन दत्ता ने सोमवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा के दौरान 14एकड़ शासकीय भूमि में गड़बड़ी का आरोप प्रकाश ग्वालानी पर लगाते हुए बताया कि रामावैली कॉलोनी के विकास एवं निर्माण मे किए गए अनियमितताओं से करोड़ों की हेरा फेरी की गई है। इसके निराकरण के लिए समिति चाहती है कि पूरी कॉलोनी का एक बार सीमांकन शासन को करना चाहिए जिससे कॉलोनी में हुए अनियमितता और गड़बड़ी उजागर हो.


बिल्डर के द्वारा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के स्वीकृत नक्शे के विरुद्ध कई गड़बड़ियां की गई है
1) कॉलोनी के ग्रीनलैंड में व्यावसायिक परिसर बना दिया गया है।
2)व्यावसायिक परिसर की जगह को बेच दिया गया है।
3)कॉलोनी मे कोटवार को आबंटित शासकीय भूमि 0.943 एकड़ है जो कि बैंक मे बंधक रखा गया है। जिसमे से 19200 स्क्वेयर फिट भूमि को बिल्डर प्रकाश ग्वालानी द्वारा बी 1 खसरा मे अपने नाम दर्ज करवा लिया है।
4)कॉलोनी के मध्य 57,285 स्क्वेयर फिट मे 5000 X4 =20,000 sqft मे 4 (चार )गार्डन निर्मित किए गए हैं,
5) शेष बचे लगभग 37,000 स्क्वेयर फिट ग्रीन लैंड (पार्क) की भूमि मे अवैध व्यवसायिक परिसर और पार्किंग बनाकर बेच दिया गया।
6)यह कि कॉलोनी के 32646 स्क्वेयर फिट ग्रीन लैंड (पार्क) की भूमी मे से करीब 12,000 स्क्वेयर फिट मे अवैध क्लब का निर्माण कर
दिया गया है।
7)यह कि खसरा क्र.10 से लगा हुआ पूर्व और दक्षिण मे खसरा क्र.55 जिसका रकबा 1,007 हेक्टर और खसरा क्र.56 जिसका खसरा रकबा 4.684 हेक्टर है जो कि राजस्व रिकॉर्ड मे शासकीय भूमि और शासकीय तालाब है। कुल रकबा 5,691 हेक्टर(14,063 एकड़) है। जिसे बिल्डर के दवारा हेरा फेरी कर फर्जी दस्तावेजों से विक्रय कर दिया गया है।
इस संबंध में कलेक्टर, निगम आयुक्त, एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई है जिसके लिए आयुक्त ने एक जांच कमेटी बनाई थी जिसकी जांच रिपोर्ट प्रार्थियों को नहीं दी गई। बाद में निगम आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में आयुक्त कार्यालय से जो जानकारी दी गई है उसमें राजस्व मामले की जो शिकायत की गई थी उसकी जांच ही नहीं की गई है। उल्टा जाँच कर्ता अधिकारी शिकायतकर्ता को ही जांच रिपोर्ट में गलत बताया जा रहा है। और यह कहा जा रहा है कि वहां की दो सोसाइटी में आपसी विवाद, झगड़ा है जिससे कॉलोनाइजर को कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो शॉपिंग मॉल अंदर बनाया गया है जिसमें 32 दुकान तैयार किए गए हैं उन दुकानों में फावड़ा, गैती और फिनायल रखने की जगह बताई जा रही है जबकि भौतिक स्थिति ऐसी नहीं है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए समिति के पदाधिकारियो ने कहा कि उनका यह निजी मामला नहीं है और न हीं उनका किसी तरह का कोई विवाद और झगड़ा है। सिर्फ और सिर्फ शासकीय जमीन जो शासन की जमीन है उसे बिल्डर द्वारा बेचा गया है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने जांच को जरूरी बताते हुए हुई गड़बड़ियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।