भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा सम्पन्न


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अंतर्राष्ट्रीय गायत्री परिवार द्वारा आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा वर्तमान में भारत के 22- प्रान्तों के
11- भाषाओं में आयोजित होती है, जिसके अंतर्गत जिला बिलासपुर के शासकीय- अशासकीय विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कुल – 195 आबंटित परीक्षा केंद्रों से लगभग 9500 परीक्षार्थियों ने भाग लिया।
श्री द्वारिका प्रसाद पटेल ने बताया कि यह परीक्षा नैतिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का एक रचनात्मक अभियान है और इसमें विश्ववन्द्य महापुरुष के साथ भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, विज्ञान, नशा उन्मूलन, धर्म – दर्शन और नीति की विषय वस्तुओं के साथ समसामयिक सामान्य ज्ञान एवं हमारे भारत के गौरवगाथा को बढ़ाने वाले महामानवों के बारे में प्रश्न पूछा जाता है। परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के अनुसार भारतीय संस्कृति को विश्व- संस्कृति का पर्याय माना गया है और संपूर्ण विश्व को भारत के अजस्र अनुदान प्राप्त हैं। ” वसुधैव कुटुम्बकम् ” की भावना आगे बढ़ेगी, जिसमें आचार्यजी की घोषणा है कि इक्कीसवीं सदी में एक धर्म, एक संस्कृति और एक ही भाषा सर्वोपरि होगी। सन् 1994 से चल रही इस परीक्षा के माध्यम से युवा आंदोलन का उद्देश्य स्वस्थ युवा- सबल राष्ट्र, शालीन युवा – श्रेष्ठ राष्ट्र, स्वावलंबी युवा -संपन्न राष्ट्र, सेवाभावी युवा – सुखी राष्ट्र की कल्पना साकार होगी। बिलासपुर जिला के जिला संयोजिका श्रीमती जागेश्वरी साहू ने इस परीक्षा में सहयोग करने वाले सभी प्राचार्यों- शिक्षकों,
शक्तिपीठ -प्रज्ञापीठ के व्यवस्थापकों ,मंडलों , सक्रिय कार्यकर्ताओं के लिए आभार व्यक्त किया।