सामाजिक संस्था सेवा एक नई पहल हर तीज त्योहार को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वन वासियों के बीच मनाती है और इस बार संस्था ने चुने दो नए गांव *कुसुम खेड़ा और कोनचरा* ~ बैगा व उरांव बाहुल्य वाले इन आदिवासी गावों में सेवा एक नई पहल की टीम के सदस्य रीता टहिलयानी , रजनी मलघानी , रूपल चांदवानी तथा रिटायर्ड शिक्षक ईश्वर भारती जी ने दीपोत्सव की खुशियां बिखेरते हुए शहर के दान दाताओं यथा आर्ट ऑफ लिविंग परिवार बिलासपुर के वरिष्ठ साधक इंदर गुरबानी द्वारा प्रदत्त चरण पादुकाएं , राम हिंदुजा द्वारा खिलौने , खेल सामग्री कैरम बोर्ड बेड बॉल व बैडमिंटन , सुनील तोलानी द्वारा पटाखे अन्य सहयोगियों द्वारा प्रदत्त आंगन बाड़ी के बच्चों के बैठने के लिए दरी , कपड़े और ग्रामीणों के इस्तेमाल की अन्य वस्तुएं कपड़े आदि प्रदाय कर नन्हे मुन्ने बच्चों में चाकलेट बिस्किट का वितरण किया गया इस अवसर पर अपने संबोधन में संस्था की संयोजिका रेखा आहुजा जी ने कहा कि हमारे बड़े बुजुर्गो ने तीज त्योहार व्रत उपवास आदि की परंपराएं इसीलिए बनाई कि समाज में जिसके पास अतिरिक्त है वह उन्हें वंचितों में बांटे और यही मानव जीवन का सार हैं और यही परमात्मा को पाने का मार्ग है `~ संस्था के संयोजक सतराम जेठमलानी ने बताया कि हमारी संस्था विगत दस वर्षों से वनवासी क्षेत्रों के अलग अलग गांव चुन वहां के ग्रामीणों के साथ उत्साह उमंग के साथ घुल मिल कर त्यौहार मनाती है और आज दीपोत्सव के इस पावन कार्य में सहयोग के लिए नगर के उद्योग पति गण मुकेश पमनानी , सोनू पाहुजा जागरूक शिक्षक नारायण नायक, विष्णु केवर्त व संवेदन शील गृहणियों पल्लवी, दीपिका, प्रियंका, पूनम, नीतू के प्रति आभार व्यक्त किया।