नैनपुर के नव निर्मित मंदिर में भगवान झूलेलाल के स्वरूप की स्थापना की गई

जबलपुर / नैनपुर :- पूज्य सिंधी पंचायत नैनपुर द्वारा नवनिर्मित झूलेलाल मंदिर का उद्घाटन कार्यक्रम
दिनांक 23 10 2025 दिन गुरुवार को पूज्य सिंधी पंचायत नैनपुर द्वारा नवर्निर्मित श्री झूलेलाल मंदिर में झूलेलाल साहिब जी के स्वरूप की स्थापना करने बालाघाट से आए संत श्री महेश लाल जी बालाघाट द्वारा पंचामृत से भगवान झूलेलाल जी के स्वरूप को स्नान कराया गया जल अभिषेक किया गया दूध अभिषेक किया गया अन्न से अभिषेक किया गया पूजा अर्चना की गई


विधि विधान से स्वरूप को स्थापित कराया गया,
श्री झूलेलाल सांई जी के स्वरूप को एक सुंदर रथ में विराजमान किया गया सुंदर बहराणा साहिब के साथ साथ 11 ज्योति साहिब के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई समाज के युवाओं के द्वारा सिंधी छैज करते हुए आगे बढ़ते गए जो कि बुधवारी बाजार मेंन रोड हरे माधव गेट होते हुए नवनिर्मित झूलेलाल मंदिर प्रांगण में पहुंच जगह-जगह शोभा यात्रा का आतिशबाजी के साथ फूलों की वर्षा के साथ भव्य स्वागत सत्कार किया गया तत्पश्चात


श्री झूलेलाल म्यूजिकल पार्टी चकरभाटा से आए भाई विनोद चावला के द्वारा अपनी मधुर आवाज में संगीत संध्या की शुरुवात आरती सेवा से शुरु कर शानदार भक्ति भरे भजनो व गीतों कि सुंदर प्रस्तुति दी जिसे सुनकर उपस्थित सभी भक्तजन झूम उठे साईं महेश लाल जी ने अपनी अमृतवाणी में साध संगत के उपर सत्संग की अमृत वर्षा करके निहाल किया उन्होंने फरमाया कि आप जिसे भी अपना गुरु मानते हैं उनकी वाणी और उनके वचनों को समझे उसका द्वारा दिया शब्द नाम सुमिरन करें सभी समाज के लोग अपने-अपने गुरुओं के द्वारा दिया शब्द नाम सिमरन करें नाम जपे कोई मना नहीं है और साथ साथ अपने आराध्य भगवान झूलेलाल साहिब को अपनी कुलदेवी हिंगलाज माता को अपने संनातन धर्म संस्कृती को सदैव याद रखे सभी धर्मों का हम सम्मान करते हैं सभी गुरु जनों का हम आदर करते हैं पर अपने आराध्य भगवान का सम्मान करना भी आप सभी का कर्तव्य है उनकी ही देन है जो आज सब सिंधी समाज खुश ओर साहूकार है उन्हें विधि विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करें घर और दुकान में उनका छायाचित्र जरूर रखें और इस नैनपुर नगर में जिस तरह नवनिर्मित सुंदर भव्य भगवान झूलेलाल जी का मंदिर बनाया गया है यह एक प्रेरणा है अन्य लोगों के लिए की शहर हो या प्रदेश हो या गांव हो उससे फर्क नहीं पड़ता है अगर दिल में आपको अपने आराध्य देव के प्रति प्यार है सम्मान है तो वही मंदिर बन जाता है

और मंदिर छोटा बड़े से भी फर्क नहीं पड़ता है भाव होना चाहिए भगवान 56 भोग से खुश नहीं होते हैं वह तो सिर्फ भाव के भूखे हैं थोड़ा सा हलवा या एक रोटी प्रसाद बना दो तब भी भगवान खुश हो जाते हैं क्योंकि उसमें आपका प्रेम छुपा है भगवान को प्रेम चाहिए भाव चाहिए छप्पन भोग नहीं चाहिए लाखों करोड़ों दुनिया की दौलत एक तरफ और आपका प्यार प्रेम एक तरफ भगवान श्री कृष्ण भी जब अपने महल में बैठे थे उन्हें पता चला कि उनके परम मित्र सुदामा बाहर खड़ा है तो वह दौड़ते दौड़ते हुए पहुंचे अपने मित्र के पास गले लगा लिया और उन्हें महल में लेकर अपने हाथों से उनके पांव को दूध से गंगाजल से धोने लगे सुंदर वस्त्र धारण कराया, 56 भोग खिलाया और खुद क्या खाया कंकर टूटे चावल के टुकड़े दो मुट्ठी खाई यह है भगवान का प्रेम और भाव तो भक्त का कंकर भी उन्हें 56 भोग से ज्यादा मीठा लगने लगा हमें गर्व होना चाहिए कि हम सिंधी हैं हम संनातनी हैं और हमारे आराध्य भगवान झूलेलाल जी हैं जो जल के स्वामी हैं विष्णु के अंश अवतार हैं जैसे जल सभी को एक सामान मिलता है इस तरह सिंधी भी जहां भी रहते हैं जीस हाल में रहते हैं जिन लोगों के साथ रहते हैं उनसे गुल मिल जाते हैं । और हमे पूज्य अपना अनुष्ठान बहेरना साहिब की पूजा अर्चना करना और विधि विधान के साथ उसका विसर्जन करना चाहिए बहुत अच्छी बात है । मैंने जैसे पहले भी कहा है भाव से आप जो भी पूजा करें भाव से करें आपका भाव ही आपकी आत्मा को परमात्मा से जोड़ेगा कार्तिक माह में ऐसे सुंदर आयोजन हो रहे हैं ऐसे कार्यक्रम हो रहे हैं सत्संग की अमृत वर्षा हो रही है बड़े भाग्यशाली हैं आप सभी भक्तजन जो आज आप यहां बैठे हैं सभी प्रेम से बोलो जय झूलेलाल जी.


कार्यक्रम के आखिर में प्रार्थना की गई विश्व कल्याण के लिए अरदास की गई पल्लव पाया गया आए हुए सभी भक्तजनों के लिए प्रभु का प्रसाद वितरण किया गया आम भंडारा ग्रहण कर सभी भक्तजन मुख पवित्र कर अपनी आत्मा और शरीर को तृप्ति कर धन्य महसूस करने लगे इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में पूज्य सिंधी पंचायत समिति नैनपुर के सभी सदस्य पदाधिकारी व समाज के सभी लोगों का विशेष सहयोग रहा