रोम रोम में राम कण-कण में कृष्ण, स्वास स्वास में शिव, बनकर हमेशा हमारे दिलों में विराजमान रहेंगे ब्रह्मालीन संत सांई चांडूराम साहेब जी,- संत सांई लालदास ….





चक्करभाटा ,जिला बिलासपुर:-  शिव शक्ति आश्रम लखनऊ के संत परम पूजनीय मर्यादा पुरुषोत्तम सांई चांडूराम साहब जी का विगत दिनों उनका स्वर्गवास हो गया वह पंच तत्वों में विलीन हुए प्रभु के चरणों में पहुंचे आज उनके अस्थि कलश को उनके सेवादारों के द्वारा देश भर के 25 शहरों में भक्तों के दर्शनार्थ के लिए लखनऊ से निकले हैं जिसमें छत्तीसगढ़ के रायपुर के बाद चक्करभाटा    और बिलासपुर पहुंचे चक्कर भाटा में श्री झूलेलाल मंदिर से उनका नाता पुराना है संत सांई लाल दास जी को वह भी अपना सुपुत्र मानते थे और उन्हें बहुत स्नेह और प्यार देते थे और दो बार वह चक्कर भाटा श्री झुलेलाल मंदिर में उनका आगमन हुआ था और अपना दर्शन और अपने अमृतवाणी से सत्संग से भक्तों को रसपान  कराया था  जैसे ही उनका अस्थि क्लश  झुलेलाल मंदिर में भक्तों के द्वारा लाया गया वैसे ही उपस्थित कई लोगों की आंखें भर आई कि अभी तक बाबा जी को हमने  साक्षात- देखा था आज यह भी दिन देखना पड़ेगा किसने सोचा नहीं था पर जैसा की इसे मृत्यु लोग कहा जाता है राजा हो या रंक हो देवी हो या देवता हो सभी  को  जो यहां पर अवतरण लेते हैं सबको एक दिन अपनी यात्रा पूरी करके प्रभु के चरणों में वापस जाना पड़ता है और कहते हैं कि संत जन्म नहीं  “लेते हैं  अवतरण लेते हैं इसलिए उन्हें ब्रह्मलीन कहा जाता है और ऐसे ही संत बाबा सांई चांडूराम साहब जी थे उन्होंने अवतरण लीया  था

उनका जन्म 9-9-
1947 को सिंध  के  सख्खर  जिले के पन्नों अकिल में हुआ था और 1979 में वह सिंध से भारत देश के उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पहुंचकर शिव शक्ति आश्रम की स्थापना की वह गीता भागवत पुराण व कई कथाओं व  गृंथों  का अध्ययन किया और ज्ञान प्राप्त किया गरीबों की सेवा करना परोपकार के कार्य करना उनकी प्रतिदिन की  दिन चर्चा में शामिल था  जब तक वह यह कार्य नहीं करते थे तब तक उन्हें आराम नहीं आता था सबका भला करना सेवा कार्य करना उनके दिन चर्चा में था और सत्संग में भी हमेशा वह यही कहते थे की प्रभु का नाम जपो नाम से बड़ा कोई 💰धन नहीं और कोई सच्चा साथी नहीं तो राम का नाम जपो आज जैसे ही उनका  अस्थि कलश को भक्तों के   दर्शनाथ के लिए रखा गया
सभी ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की , आरती की  लखनऊ से आए हुए भक्त मंडली के द्वारा भजन कीर्तन किया गया चंदन भाई साहब के द्वारा बाबा जी के जीवन के बारे में प्रकाश डाला गया इस अवसर पर बरखा भाभी मां ने अपने उन दिनों को याद किया जब वह सांई जी के सात-सात जन्मों का रिश्ता जोड़कर चक्करभाटा नगरी में पहुंचे थी और उन्होंने कहा मैं बड़ी भाग्यशाली हूं कि मुझे दो बार बाबा जी का इसी मंदिर में दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और मुझे आशीर्वाद भी मिला और सपने में भी नहीं सोचा था कि आज बाबा जी को तीसरी बार देखेंगे तो हम इस रूप में देखेंगे,
उनका स्नेह प्यार मुझे मिला जो बहुत कम लोगों को मिलता है

मैं बड़ी भाग्यशाली हूं भाविनी बाबाजी को श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर पूज्य  सिंधी पंचायत चकरभाठा के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश जैसवानी मनोहर लाल मलघानी जी के द्वारा भी श्रद्धांजलि के दो फूल अर्पण किए गए सांई लालदास जी यहां उपस्थित नहीं थे वह कटनी की यात्रा पर थे पर फोन के माध्यम से उन्होंने  भी श्रद्धांजलि अर्पित की और अपने अमृत वचनों में बाबा जी को याद किया कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई आए हुए सभी भक्तजनों के द्वारा पुष्प अर्पण कर मथा टेक कर बाबा जी को  श्रद्धांजलि अर्पित   की वह उन्हें याद किया , बाबा जी के द्वारा अपने अमृत वचनों में जो सत्संग रूपी ज्ञान की वर्षा की गई थी उनकी वह रिकॉर्डिंग मोबाइल के द्वारा भक्तों को सुनाई गई उस सत्संग में भी बाबा जी यही कह रहे हैं कि जितना हो सके नाम का सिमरन करें प्रभु को याद करें सेवा कार्य करें धर्म के कार्य करें उनकी अमृत वचनों का रसपान किया गया, आखिर में प्रसाद वितरण किया गया एवं आए हुए सभी भक्तजनों के लिए प्रभु का प्रसाद आम भंडारा का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्त जनो ने  भंडारा ग्रहण किया आज के इस पूरे कार्यक्रम को सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के इस पूरे कार्यक्रम को देखा इस पूरे  आयोजन को कवर करने के लिए हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा चक्करभाटा पहुंचे और कार्यक्रम को कवर किया

वह हमर संगवारी परिवार की ओर से भी बाबा जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की इस पूरे आयोजन में अपनी सेवा देने वालों में प्रमुख हैं, पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाठा के संरक्षक श्री राधेश्याम नथानी रामचंद नथानी, प्रकाश जैसवानी
अध्यक्ष सुरेश फोटानी, ,रीयासती  पंचायत के अध्यक्ष मनोहर मलघानी, नगर पालिका अध्यक्ष नीलम विजय वर्मा, राजा जैसवानी, बल्लू आडवाणी,वाद्यु राम रोहरा अशोक छाबड़ा विनोद चावला अनिल पंजवानी सिंधी महिला मंडल से अंजनी रोचवानी,  मीनाक्षी जैसवानी, चंदा मतानी ,रेखा बुलानी सखी सहेली ग्रुप व बाबा गुरमुख दास सेवा समिति से कालू मलघानी  दिलीप आडवाणी राजेश विरानी विजय कलवानी  एवं अन्य लोगों का सहयोग रहा