बिलासपुर/चक्करभाटा।
श्री झूलेलाल मंदिर में आयोजित चालीहा उत्सव के अवसर पर नगर के सुप्रसिद्ध डॉक्टर परिवार से संबंध रखने वाले डॉ. रौनक कलवानी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह परिवार सिंधी समाज का पहला ऐसा प्रतिष्ठित परिवार है, जिसमें दादा, पिता, भाई, बहन, पत्नी, भाभी, बुआ – लगभग प्रत्येक पीढ़ी और सदस्य चिकित्सा सेवा से जुड़े हैं तथा अपने-अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ व सर्जन के रूप में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।

डॉ. रौनक कलवानी स्वयं M C H प्लास्टिक सर्जन हैं तथा उन्होंने अपनी उच्च चिकित्सा शिक्षा मुंबई के प्रतिष्ठित टाटा मेमोरियल अस्पताल से पूर्ण की है।
कार्यक्रम में पहुंचे डॉ. रौनक ने संत साईं लालदास जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और उपस्थित भक्तों को सरल, प्रभावी और प्रेरणादायक तरीके से स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण बातें समझाईं। उन्होंने बताया कि—
“पहले लोग भूख से मरते थे, और आज लोग अधिक व गलत भोजन के कारण मर रहे हैं।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि अत्यधिक भोजन, जंक फूड, तली-भुनी चीजें, अलग-अलग तेलों का अत्यधिक उपयोग और अनियमित खानपान ही आज की अधिकांश बीमारियों की जड़ हैं। विशेष रूप से शुगर (डायबिटीज) और बी.पी. (हाई/लो ब्लड प्रेशर) ऐसी दो बीमारियाँ हैं जो आज बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को प्रभावित कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि पहले लोग 90–100 वर्ष तक स्वस्थ जीवन जीते थे, लेकिन आज 25–50 वर्ष की उम्र में भी कई लोग गंभीर रोगों का शिकार हो रहे हैं। शुगर और बी.पी. के साथ-साथ इनसे उत्पन्न मोटापा, ब्लॉकेज, हृदय समस्याएँ, कैंसर जैसी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने गुटका, पान, सिगरेट और शराब को कैंसर का मुख्य कारण बताया।
संयमित भोजन और दिनचर्या पर जोर
डॉ. रौनक ने समझाया कि—
मांस एवं मटन का सेवन कम करें
तेल, नमक और शक्कर का उपयोग सीमित रखें
हरी सब्ज़ियाँ, सलाद और पौष्टिक भोजन अधिक लें
शरीर को मेंटेन और फिट रखना जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे बोतल में पानी अधिक भरने पर बाहर बह जाता है, लेकिन पेट में अधिक भोजन “ओवरफ्लो” नहीं होता, बल्कि शरीर के भीतर ही अनेक बीमारियों को जन्म देता है—मोटापा, चर्बी, ब्लॉकेज आदि।

नियमित दिनचर्या ही असली दवा
उन्होंने कहा कि—
समय पर सोना
समय पर उठना
समय पर खाना
कम खाना, कम बोलना, अधिक सुनना
संतों की अच्छी बातों को ग्रहण करना
—ये छोटे-छोटे नियम ही जीवन को लंबा और स्वस्थ बनाते हैं।
डॉ. रौनक ने एलईडी के माध्यम से चित्रों और उदाहरणों के साथ पूरे विषय को इतना सरल एवं प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया कि उपस्थित श्रद्धालु अत्यंत प्रभावित हुए। कार्यक्रम के अंत में संत साईं लालदास जी ने उनका सम्मान किया।

सेवादारों ने भी सभी से आग्रह किया कि डॉक्टर साहब द्वारा बताए गए नियमों को यदि 100% नहीं तो कम से कम 10% से शुरुआत जरूर करें, धीरे-धीरे स्वास्थ्य में बड़ा सुधार अवश्य होगा। कार्यक्रम के समापन पर आरती व प्रसाद वितरण किया गया तथा पूरे आयोजन का सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण भी किया गया।
इस सफल आयोजन में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति एवं झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष योगदान रहा।