बिलासपुर///भारत देश में वैसे तो कई तीज त्योहार मनाए जाते हैं अलग-अलग धर्म अलग-अलग समाज अलग-अलग जातियां के लोग रहते हैं 12 महीना ती ज त्यौहार मनाए जाते हैं । हर धर्म के लोगों का हर समाज के लोगों का अपना इष्ट देव अपना भगवान है अपना गुरु है जिस का अवतरण दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है पर हिंदू धर्म सनातन धर्म है इस धर्म में 33 प्रकार के देवी देवता को पूजा जाता है । पौराणिक मान्यतानुसार इनके कई अवतार हुए और हर अवतार में इन्होंने धर्म की रक्षा की पापियों का संहार किया। जब जब धरती पर पाप बढ़ा तब तब भगवान ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर अपने भक्तों की रक्षा की और पापियों का संहार किया ऐसा ही एक और सतयुग में भगवान रामचंद्र जी का अवतार हुआ और कुछ समय बाद उनके परम भक्त जिसे रूद्र अवतार भगवान शिव का अवतार माना जाता है हनुमान जी का अवतरण हुआ ।माता अंजनी के घर जन्में हनुमान जी के कई नाम हैं महावीर ,बजरंगबली ,पवन पुत्र ,वायुपुत्र अंजनी पुत्र जो बड़े भोले भाले व बलशाली थे और नटखट भी थे बालपन में कई नटखट पन में साधुओं को परेशान भी करते थे। एक बार क्रोध में आकर एक साधु ने हनुमान जी को श्राप दे दिया कि तुम अपनी शक्ति को भूल जाओगे
जैसे ही यह बात उनके पिता को पता चली उन्होंने साधु से उनके नटखट पन को क्षमा करने की प्रार्थना की तो साधु ने कहा मैं अपना श्राप तो वापस नहीं ले सकता हूं पर इतना कर सकता हूं जब आप इसे अपनी शक्ति का एहसास कराएंगे तो इसे अपनी शक्ति याद आ जाएगी। हनुमान जी ने बालपन में
एक बार सूर्य को लड्डू समझकर ग्रहण कर लिया जिससे पूरे पृथ्वी में अंधेरा छा गया तब राजा इंद्र ने बज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया जो उनकी ठुड्ढी में आकर लगा और मुंह खुला जिससे बाहर सूर्य देव बाहर निकले ।
जैसे ही हनुमान जी को व्रज लगा वे आकाश से नीचे गिरने लगे तब तुरंत उनके पिता वायु देव ने उन्हें अपने गोद में उठाकर एक गुफा में ले गए और क्रोध में आकर सारी वायु को रोक दिया जिससे पूरे पृथ्वी में हाहाकार मच गया। जीव जंतु इंसान सब मरने लगे त्राहिमाम त्राहिमाम करके देवता ब्रह्मलोक पहुंचे
भगवान ब्रह्मा ने देवताओं के साथ एक गुफा में पहुंचे और वायु देव को कहा कि वायु को छोड़ दें उसे रोके नहीं इससे पृथ्वी पर हाहाकार मच गया है ब्रह्मदेव का मान रखते हुए वायु को छोड़ा पर उन्होंने कहा जो मेरे पुत्र के साथ अन्याय हुआ है उसके लिए न्याय कीजिए तब इंद्रदेव ने अपने किये लिए माफी मांगी और हनुमान को कई वरदान मिले सारे देवी देवताओं ने उसे वरदान दिया ।महावीर बजरंगबली की तो अनंत कथाएं हैं पूरा रामायण उनके बल बुद्धि त्याग साहस से भरा पड़ा है आज तक ना ऐसा कोई राम भक्त हुआ है ना कभी होगा कहते हैं इस पृथ्वी में आज भी अगर कोई भगवान जीवित हैं और साक्षात हैं तो उनमें सर्वप्रथम हनुमानजी हैं क्योंकि सतयुग के बाद जब सभी भगवान देवी देवता अपना कर्म पूरा करके वापस देव लोग जाने लगे तब श्री हरि के अवतार भगवान रामचंद्र जी ने हनुमान जी को रोक दिया और कहा कि आप इस पृथ्वी पर रहे क्योंकि इसके बाद द्वापर आएगा वह कलयुग आएगा तब आपकी लोगों को जरूरत पड़ेगी पाप को खत्म करने के लिए सत्य की रक्षा के लिए आप यहा रहे हैं और द्वापर युग में भी भगवान हनुमान जी थे ।जिसका प्रमाण महाभारत काल में भी मिलता हैं और इस कलयुग में भी भगवान हनुमान जी जीवित है ।कहा जाता है जहां जहां रामकथा होती है वहां वहां सूक्ष्म रूप में किसी न किसी जीव जंतु कीड़े मकोड़े इंसान के रूप में हनुमान जी पहुंच जाते हैं संत तुलसीदास जी की रामचरितमानस में भी सबसे बड़ा योगदान हनुमान जी का था अपना सीना फाड़ कर लोगों को दिखाया कि राम उनके तन और मन में भी हैं और जिस वस्तु में राम नहीं वो हीरा मोती रहे मेरे कोई काम का नहीं इसलिए पूरे देश भर में जगह-जगह गलियों में सबसे ज्यादा अगर किसी का मंदिर है वह बजरंगबली के हैं और इस हनुमान जयंती के दिन जिस तरह बिलासपुर में भव्य सुंदर अद्भुत शोभा यात्रा निकाली गई वह वाकई में देखने लायक थी और लोगों का ऐसी भीड़ ऐसा रेला देखने को मिला जो सिर्फ नवरात्रि के दुर्गा विसर्जन के समय मिलता है जगह-जगह सुबह से लोगों के द्वारा स्टाल लगाए गए खीर पूरी दाल सब्जी खिचड़ी फल शरबत वितरण करते गए सुबह से ही घरों में मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ होने लगा पूजा-पाठ होने लगी पूरा शहर राम भक्त हनुमान के नाम से गुंजने लगा। जगह-जगह भजनों से भक्ति भरे भजन बजने लगे संध्या होते होते ही पूरा शहर रंग बिरंगी लाइटों से जगमग उठा ।इसी कड़ी में धर्म जागरण मंच के द्वारा बुधवारी बाजार से शोभा यात्रा निकाली गई जो नगर भ्रमण करते हुए बस स्टैंड पहुंची जगह-जगह शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया इस शोभायात्रा में एक से बढ़कर एक झांकियां थी देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा बस स्टैंड स्थित हनुमान मंदिर में भी 1100 दीपक जलाकर आरती की गई सभी समाज के लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने भी स्वागत किया जिसमें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल वर्तमान विधायक शैलेश पांडे विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ ललित मखीजा समाजसेवी डॉक्टर ओम मखीजा पार्षद मोती गंगवानी गोविंद दुसेजा विजय दुसेजा विष्णु हिरवानी कैलाश मलघानी जगदीश जगियासी दिनेश आहूजा सतराम जेठमलानी रेखा अहूजा राजू कलवानी मुकेश लालवानी सहित अन्य लोगों ने भी शोभा यात्रा का स्वागत किया वह शामिल हुए. विजय दुसेजा की रिपोर्ट