बिलासपुर : हाईटेक आदर्श आदर्श पूज्य सिंधी पंचायत जूना बिलासपुर में विगत 23 अप्रैल रविवार को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ जिसमें 2 प्रत्याशी आनंद लालवानी एवं मैं विजय दुसेजा आमने-सामने थे एक प्रत्याशी के साथ पूर्व की पूरी कार्यकारिणी के लगभग 50 सदस्य और एक तरफ युवा विजय दुसेजा अकेला चुनाव मैदान में डटा रहा। चुनाव में हार जीत की परवाह किए बिना उन्होंने मुकाबला किया। समाज के चुनाव में यह पहली बार हुआ कि विजय दुसेजा ने आगामी 2 वर्षों के लिए अपना कार्य योजना एक घोषणा पत्र के माध्यम से मतदाताओं एवं पंचायत के सभी सम्माननीय लोगों के समक्ष रखी जिसमें सभी घोषणाएं , बहुत ही सराहनीय उपयोगी जनहित की घोषणाएं थी जैसे :
1-निशक्त जरूरतमंदों को प्रतिमाह मुफ्त अनाज देने के साथ-साथ ,
2- 65 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्गो पंचायत के सदस्यों को प्रतिवर्ष अलग-अलग तीर्थ स्थानों पर ले जाना
3- गरीब परिवारों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए उनकी आर्थिक रूप से मदद करना,
4- कन्या की शादी में पंचायत भवन एवं उपलब्ध पूरे सामान को निशुल्क देना
4-, सांस्कृतिक , अन्य कार्यक्रमों के लिए महिला विंग की सम्माननीय हमारी बहनों
को 50000 प्रति वर्ष देना।
6-एवं, युवा विंग के हमारे ऊर्जावान युवाओं आपसी एकता के लिए जो वह कार्यक्रम करेंगे उनके लिए ₹25000
7- सामाजिक जरूरतों को देखते हुए छोटे पड़ रहे पंचायत भवन की जगह एक नए स्थान की खोज कर सभी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से वहां एक सर्वसुविधा युक्त पंचायत भवन बनवाना।
ऐसी अत्यंत महत्वपूर्ण मूलभूत जरूरतों जिसमें हमारे सम्माननीय बुजुर्गों हमारे माताओं बहनों युवा साथियों एवं समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए जरूरतों को देखते हुए मैंने अपने घोषणापत्र में शामिल कर मैंने पंचायत के काफी परिवारों के बीच अपनी लोकप्रियता एवं कई वर्षों से किसी न किसी रूप मेंरे द्वारा समाज में की जा रही सेवा के कारण। मुझे पंचायत के विशेष रुप से मेरी माताओं बहनों एवं बुजुर्गों का आशीर्वाद एवं प्यार मिला। परंतु दुर्भाग्यवश एक ओर पूरा समूह एकजुट होकर मुझे हराने के लिए इकट्ठे हुए, समाज के कुछ धनाढ्यों लोगों ने जिन्हें यह महसूस हो रहा था कि अगर मैं चुनाव जीत गया तो उनकी सामाजिक नींव हिल जाएगी और आगे उन्हें फिर आगे आने का शायद मौका नहीं मिलेगा एवं चुनाव प्रक्रिया कुछ ऐसी थी कि मुझे अपनी बातें रखने का पूरा समय नहीं मिल पाया मैं चुनाव जरूर हारा हूं परंतु मैंने लोगों का दिल जीता है जो चुनाव जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। समाज के जिन लोगों ने भी मुझे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से अपना प्यार, आशीर्वाद, सम्मान , समर्थन एवं मत दिया है मैं उनका हृदय से आभारी हूं , मैं उन सभी को यह विश्वास दिलाता हूं कि मैंने जो घोषणा पत्र में घोषणाएं की थी अगर मुझे समुचित समय मिलता और मैं सभी को अपनी बातें पूरी तरह से बता पाता तो परिणाम शायद कुछ और होते हार जीत होती है इस बार मुझे चुनाव में जरूर हार मिली है लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने लोगों के दिलों को जीता है एवं उसमें अपने लिए जो प्यार बनाया है उनकी दुआएं मुझे हमेशा मिलती रहेंगी आगे भी मैं जरूर जरूरतमंदों को जब भी मेरी जरूरत होगी मैं सदैव उनके सेवा के लिए तत्पर रहूंगा एवं मैं चाहूंगा कि मैंने जो अपने घोषणापत्र में जो घोषणाएं की हैं अगर हो सके तो विजयी उम्मीदवार आनंद लालवानी जी उन घोषणाओं को अमल में लाते हुए समाज हित में उन्हें पूरा करने का प्रयास करें तो मुझे खुशी होगी। अगले चुनाव में फिर आमने-सामने होंगे इसी आशा और विश्वास के साथ, धन्यवाद।