सिन्ध महिला शक्ति एवँ पूज्य पंचायत सिन्धी समाज धमतरी के संयुक्त तत्वावधान में 27 बुजुर्ग दंपतियों की वैवाहिक वर्षगाँठ की स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

रायपुर : 27 बुजुर्ग दंपतियों की वैवाहिक वर्षगाँठ की स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया। संभवतः छत्तीसगढ़ प्रदेश का प्रथम आयोजन है। यह सोच महिला शक्ति की थी, जिसे समाज ने अपनी सहमति देते हुए इस अद्भभुत एवँ अनुकरणीय कार्यक्रम को करने का बीड़ा उठाया।इस सोच को बारम्बार प्रणाम। इस तरह के आयोजन समाज को एक नई दिशा एवँ दशा देने में योगदान देते है..इस अनोखे आयोजन में वैवाहिक जीवन के 50 बसंत पूर्ण कर चुके छत्तीसगढ़ के भिन्न भिन्न शहरों से सिन्धी समाज के बुजुर्गों का स्वर्ण जयंती वैवाहिक वर्षगाँठ समारोह आयोजित किया गया। जीवन के पथ पर हर काम एक साथ चलकर वैवाहिक जीवन के 50 वर्ष पूरे करने वाले 27 जोड़ें एक मंच पर एक बारात में एक स्थान देने का कार्य किया है धमतरी सिन्धी समाज ने। उद्देश्य स्पष्ट था आज के व्यस्ततम दौर में जिन्दगी की भागदौड़ में हम इतने मशगूल हो जाते है कि अपने ही अपनो के सुख और दुख को दरकिनार कर देते है। ऐसे में हम उन माता पिता को भी भूल जाते है जिन्होंने हमारी परवरिश की लालन पालन किया। हमें एक जिम्मेदार एवँ सफल इंसान बनाने के अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।

इस स्वर्ण जयंती वैवाहिक वर्षगाँठ समारोह में बिलासपुर, कोरबा, कुरुद एवँ दुर्ग शहर से 1-1 तथा धमतरी से 23 जोड़ों सहित कुल 27 जोडें शामिल हुए जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक महत्व को इंगित करता है। सर्वप्रथम झूलेलाल मंदिर में पूजा अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। ई-रिक्शा को भव्य रुप से सजाया गया था। गुब्बारों से सजी धजी इलेक्ट्रिक ऑटो जिसमें 27 परिवारों के वटवृक्ष बुजुर्ग दंपतियों को विराजमान कराया गया था। आगे बैण्ड बाजा बज रहा था और सामने समाज की महिलाएं झूम नाच रही थी। विवाह शब्द से आभास होता है बैण्ड-बाजा बारात और खूब सारे मेहमान विवाह की सभी रस्में अनोखे अंदाज में देखने को मिली धमतरी में जब दूल्हा बने दादाजी और दुल्हन बनी दादीमाँ की बारात बड़े धूमधाम से निकली सामने बाराती थिरकते नजर आये तो आगे बैण्ड बाजा। इस अनोखे आयोजन में वैवाहिक जीवन के 50 बसंत पूर्ण कर चुके छत्तीसगढ़ के भिन्न भिन्न शहरों से सिन्धी समाज के बुजुर्गों का स्वर्ण जयंती उत्सव सामूहिक रुप से मनाया गया। ना केवल शहर में बारात निकाली गई वरन् पूज्य सिन्धी समाज धमतरी के पंचायत भवन में 27 बुजुर्ग दंपतियों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई, मांग में सिंदूर भरा गया और मंगल सूत्र पहनाने सहित सारी वैवाहिक रस्में अदा की गई। इस अनोखे कार्यक्रम की पूरे देश में चर्चा हो रही है और लोग इसकी तारीफ भी कर रहे है। हम सभी अन्य सभी प्रकार के कार्यक्रम तो आयोजित करते है लेकिन बुजुर्गों के लिए यह आयोजन निसंदेह एक मील का पत्थर साबित होगा। अहमदाबाद से इस आयोलाल में अपना आशीर्वाद स्वरुपी उपस्थिति देने पहुंची संत शिरोमणि साँई सेहरावाली जी सजी धजी बघ्घी में बारात की अगुवाई करते हुए इस आयोजन की प्रमुख गवाह बनी। पूज्य सिन्धी पंचायत धमतरी द्वारा…जिन बुजुर्ग माता पिता ने सुखद वैवाहिक जीवन के 50 वर्ष पूर्ण किए है इन स्वर्णिम पलों को यादगार बनाने के लिए जो यह अदभुद,अनूठा, अविस्मरणीय, एतिहासिक कार्यक्रम जो पूज्य पंचायत सिन्धी समाज, धमतरी ने किया है…उसको शब्दों मे बयान करना बेहद कठिन है।

इस कार्यक्रम मे शामिल 27 जोड़े 54 परिवार एवं दोस्त, रिश्तेदार…बेहद रोमांचित एवं शानदार अनुभव रहा। वर्तमान आधुनिक युग में सगाई और शादियाँ टूट रही है तब यह निश्चित तौर से पर प्रेरणा प्रदान करता है कि 50 वर्षों के अटूट बंधन को कैसे निभाया जाता है। हर समाज का दायित्व बनता है कि ऐसा संदेश युवा पीढ़ी तक जाना चाहिए कि विदेशों में जो पाश्चात्य परंपराएं चल रही है जहां शादी और बंधनों का कोई महत्व नही होता है और लिव इन रिलेशनशिप का दौर चल रहा है। आज के इस आधुनिक एवँ बदलते दौर में रिश्ता लंबे समय तक निभा पान अत्यंत ही कठिन एवँ दुष्कर कार्य हो गया है खासकर वैवाहिक जीवन में आपसी सामंजस्य से पूरा जीवन को निभाया जा सकता है। छोटी सी घटना अथवा लड़ाई से आज के इस युग में घर तबाह हो जाता है। एक दूसरे से अलग हो जाना यहां तक कि तलाक की नौबत आ जाना आज के इस दौर में आम बात हो गई है। लेकिन जो एक दूसरे को समझ सके, वैवाहिक जीवन में सामंजस्य स्थापित कर सकें उनका वैवाहिक जीवन हंसी खुशी चलता है। विवाह सिर्फ एक रस्म नहीं, जीवन भर का बन्धन हैं. समझौते की कोई बात नहीं, दो आत्माओं का संगम हैं… यह आयोजन उनके लिए सीख सहित एक उदाहरण है जो जीवन के तानेबाने में अपने वैवाहिक जीवन को चंद कदमों पर ही विच्छेद कर देते है। जिन दंपतियों के लिए गोल्डन जुबली कार्यक्रम आयोजित किया गया था, अपने अनुभव में इन बुजुर्ग दंपतियों ने बताया कि उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए। हालांकि उस वक्त संसाधनों की कमी थी लेकिन आज जब इस आधुनिक युग में सभी संसाधनों की उपलब्धता के साथ जब यह विवाह हुआ तो बेहद खुशी महसूस हो रही है। संसार की इस भागम-भाग में बुजुर्गों के लिए ऐसा आयोजन बेहद खुशियां,उत्साह, उमंग पैदा करता है..धन्य है कल्पना करने वाले और उसको जमीनी तौर पर क्रियान्वित करने वाले..साँई सेहरावाली जी द्वारा कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाये दी गई तथा सिन्धी समाज धमतरी के द्वारा जारी बहु आयामी समाज सापेक्ष कार्यो व अब तक प्राप्त उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उनके निरंतर सफलतापूर्वक अग्रसर होते रहने की कामना की गई l “गोल्डन जुबली” मनाने वाले सभी बुजुर्ग माताओं, पिताओं को प्रणाम..आप सभी स्वस्थ रहे .मस्त रहे…प्रभु से मंगलकामना..आपका आशीर्वाद हम बच्चों पर बना रहे..। बुजुर्गों की दुआएँ बेशकीमती होती है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सिंधी साहित्य संस्थान (अकादमी) के अध्यक्ष श्री राम गिडलानी जी दिव्यांगजन बोर्ड अध्यक्ष श्री मोहन लालवानी जी भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मंत्री श्री जगदीश रामू रोहरा जी सहित बहुत बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे। पूज्य सिन्धी पंचायत धमतरी के मुखिया श्री महेश रोहरा जी एवं उनकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाईयाँ..साधुवाद..।

शाश्वत धर्म के अनुसार विवाह पूर्णता की ओर एक प्रयाण है..!
“नर-नारी परमेश्वर की सर्वोत्तम कृति है,
विवाह बंधन उसी की स्वीकृति है.!
दो कोमल ह्रदय की एक परिणीति है,