परम पूज्य स्वामी बोदाराम बालकदास साहेब उदासी जी की तीन दिवसीय 110 वीं जयंती महोत्सव मनाया गया।

खंडवा (म.प्र.) : आज मनुष्य स्वार्थी होते जा रहा है हमें अपने माता-पिता और बडे़ बुजूर्गो का हमेशा सम्मान करना चाहिये। कहते हैं हम जैसा बोयेंगें वैसा ही हम काटेंगे। जिन्होंने सेवा की है वह हमेशा सुखी और संपन्न रहेंगे। गोमाता की भी हमें सेवा करना चाहिए। कोई भी सवाली अगर विश्वास लेकर बाबा जी के द्वार पर आया है आज तक खाली नहीं गया है। यह बात सिंधी कॉलोनी स्थित बालकधाम में परम पूज्य स्वामी बोदाराम बालकदास साहेब उदासी जी की तीन दिवसीय 110 वीं जयंती महोत्सव के दिव्तीय दिवस पर आयोजित सत्संग प्रवचन के दौरान कोटा राजस्थान की सुप्रसिद्ध लख्मीचंद म्यूजिकल पार्टी के भगत लख्मीचंद ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहीं। यह जानकारी देते हुए बालक धाम प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि बालकधाम प्रमुख स्वामी माधवदास उदासी के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भगत लख्मीचंद एवं भरत द्वारा हीमेलों हीमेलों बाबा बोदाराम जो हीमेलों…, लाल आयो लाल आयो झूलेलाल आयों…, झूले झूले झुलण मिहीन्जों झुले…. अल्हाजे छा में राजी आ अल्हाये जे केंसा राजी आ आदि सहित अनेक सुंदर मनमोहक भजनों की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालुजन जमकर झूमें। इस दौरान कलाकारों द्वारा साईं बाबा की सुंदर मनमोहक संगीतमय नाटिका की प्रस्तुति दी गई। कटनी के भजन गायक राजेश कुमार उदासी म्यूजिकल पार्टी एवं संतों-महंतों द्वारा संगीतमय गीतों भजनों की सुंदर प्रस्तुतियां हुई। इस अवसर पर बुरहानपुर से डा. गोपीचंद जग्यासी, मोहन, राजल गंगनानी, ताराचंद जेठवानी, नारायण चावला, शंकर जेठवानी, संतोष मोटवानी, निर्मल मंगवानी, चंद्र कुमार वाधवा, मनोहर संतवानी, महेश मंगवानी, संजय सबनानी, चंद्रलाल मंगवानी, राजू हेमवानी, मुकेश चंचलानी, गणेश भावसार, कन्हैया सहजवानी, माता बहनों आदि सहित बड़ी संख्या में समाजजनों के साथ बाबा बोदाराम एकता मंडल के समस्त सदस्यगण उपस्थित थे।