संत लाल सांई ने “द केरला स्टोरी” देखने के बाद कहा : जन्नत जिहाद करने से या मरने से नहीं मिलेगी, बल्कि अच्छे कर्म करने से व भक्ति करने से मिलेगी।

चक्करभाटा/बिलासपुर : देशभर में जिस फिल्म की चर्चा है जिसने राजनीतिक पार्टियों को हिलाकर रख दिया है समाज को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है केरला का सच देश के सामने लाया है। दर्दनाक कहानी वाली फिल्म “द केरला स्टोरी” को आज श्री सिंधु अमरधाम आश्रम झूलेलाल नगर चकरभाटा के संत लाल साई जी के द्वारा समाज की युवतियो व झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप सिंधी महिला मंडल की सदस्यों को मंदिर प्रबंधन द्वारा निशुल्क फिल्म दिखाई गई। इस अवसर पर पूज्य संत लाल सांई जी ने कहा कि फिल्म समाज का दर्पण होती हैं इस फिल्म में जो भी हकीकत है उसको बया करके दिखाया गया है करोड़ों लोगों में से सिर्फ से कुछ लोग ही ऐसी घटना से वाकिफ होंगे जो घटनाएं घट चुकी हैं, यह फिल्म लोगों को जागरूक कर रही है और हमारे समाज को भी चिंतन करना चाहिए की ऐसी फिल्म को समाज की युवतियों को बहनों को बेटियों को दिखाएं ताकि पता चल सके देश में क्या चल रहा है व अपने धर्म को छोड़कर अन्य धर्म में जाने से क्या हो रहा है वह अपने माता पिता का कहना न मान कर अपने जीवन में कितनी बड़ी भूल कर रहे है.संत का काम सत्संग करना, सिमरन करना, भक्ति करना तो है लेकिन इसके साथ लोगों को जागरूक करना भी है देशभक्ति व समाज के लिए, अपने धर्म के लिए, अपनी भाषा संस्कृति के लिए उनको जगाना भी है उनको बताना भी है अच्छे बुरे का भेद भी बताना है सत्य की राह पर चलना सिखाना भी है जिससे अपना धर्म आगे बढ़े उसकी रक्षा भी हो।

हम हिंदू हैं हमें गर्व है हम सनातन धर्म से जुड़े हैं इस फिल्म में जिस तरह एक हीरोइन को अपने धर्म पर गर्व था और वह कन्वर्ट नहीं हुई। उसी तरह हम हिंदुओं को भी अपने धर्म पर गर्व होना चाहिए उन्हें अपने धर्म को छोड़कर अन्य धर्म में नहीं जाना चाहिए और जिहाद करने से, मरने से जन्नत नहीं मिलेगी अगर जन्नत चाहिए स्वर्ग चाहिए तो अच्छे कर्म करो ,भक्ति करो, सिमरन करो, सत्य के मार्ग पर चलो, अपने धर्म की रक्षा करो, अपने धर्म में जियो अपने धर्म में ही मरे कोई भी किसी भी धर्म का भगवान नहीं कहता कि मेरे धर्म में आने से तुम्हें जन्नत मिलेगी या स्वर्ग मिलेगा यह कुछ स्वार्थी लोग अपने हित के लिए इसका प्रचार करते हैं। भगवान तो सिर्फ एक ही राह दिखाते हैं भक्ति की, सिमरन की, प्रेम की व सत्य के मार्ग पर चलने की भगवान झूलेलाल चाहते तो मिरख शाह राजा को पूरे कौम के साथ अपने धर्म में शामिल कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया बल्कि उन्होंने सिखाया कि तुम अपने धर्म में रहो, अपने धर्म का प्रचार करो, अपने ईश्वर की भक्ति करो, लेकिन किसी अन्य व्यक्ति को जबरदस्ती अपने धर्म में मत मिलाओ और उसे रोको उसे अपने धर्म में रहने दो अपने अराध्य देव की पूजा करने दो उन्होंने मिरग शाह बादशाह को सही राह दिखाई व सत्य के मार्ग पर लेकर आए भगवान का काम यही है।

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हमें भी सत्य की राह पर चलना है अपने धर्म के लिए जीना है व कार्य करना है अपनी बोली, भाषा, संस्कृति से प्यार होना चाहिए उसे बढ़ाना चाहिए अपने बच्चों को बताना चाहिए भगवान के मंदिरों में ले जाना चाहिए सत्संग में लाना चाहिए ताकि बचपन से ही उन्हें अच्छे संस्कार मिल सके जिससे अपने समाज का, अपने देश का भला होगा। फिल्म समापन के बाद हमर संगवारी के प्रधान संपादक विजय दुसेजा व पत्रकार ट्विंकल आडवाणी फिल्म देखने के बाद बाहर आने वाले दर्शकों, युवतियों एव महिलाओं से उनके विचार जाना उन्होंने कहा बहुत अच्छी फिल्म है ऐसी फिल्म आज तक हमने नहीं देखी यह फिल्म देखने के बाद सच को जाना व बहुत कुछ समझने को सीखने को मिला सिर्फ माता-पिता का ही फर्ज नहीं है कि अपने बच्चों को सिखाएं बल्कि बच्चों का भी फर्ज है कि अपने माता-पिता की बात सुने सच व झूठ सही और गलत का फैसला सोच समझ कर करें हर बार हम माता-पिता को गलत नहीं बोल सकते हैं हम इतने छोटे भी नहीं हैं कि हम सही‌ व गलत को ना समझ सके अगर माता-पिता हमें सिखाते भी हैं तो हमें समझना चाहिए वे हमारे भले के लिए कुछ कर रहे हैं। आजकल सोशल मीडिया का सदुपयोग कम दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है, जिसके कारण कई सारी ऐसी घटनाएं घटी हैं जो नहीं होनी चाहिए इसकी और भी फिल्म इशारा करती है इसका सदुपयोग करो दुरुपयोग मत करो। हम आभारी हैं साई जी के उन्होंने हमें यह फिल्म मंदिर प्रबंधन द्वारा नि:शुल्क दिखाई गई और मंदिर में भी हमेशा हमें अच्छे सच्चे कर्म करने की सीख देते हैं, समझाते हैं और मंदिर के द्वारा समाज हित लोक कल्याण के कई कार्य किए जाते हैं सिंधी महिला मंडल व सभी लोग आभार व्यक्त करते हैं साईं जी का।