सिंधु दर्शन यात्रा 2023 लेह लद्दाख में संपन्न, सिंधु नदी के तट पर निकाला गया बहराना साहब।

लेखराज मोटवानी/उल्हासनगर (महाराष्ट्र) : सिंधु दर्शन यात्रा 2023 लेह लद्दाख में संपन्न हुई सिंधु नदी के तटपर झूलेलाल बहराना साहब का आयोजन बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ इस कार्यक्रम में भारत राज्य के रहने वाले कई सिंधी भाषा समुदाय के लोग उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए । सिंधु दर्शन यात्रा भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा लदाराम नागवानी के नेतृत्व में निकाली गई. सिंधु दर्शन यात्रा 18 जून से लेकर 21 जून तक चली।  इस यात्रा में कई राज्यों में रहने वाले सिंधी भाषी लोग शामिल हुए और यात्रा का लुफ्त उठाया. इस यात्रा में भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा लदाराम नागवानी  के नेतृत्व में सुरेंद्र लछवानी भारतीय सिंधु सभा सेक्रेटरी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के कार्य अध्यक्ष महेश सुखरामनी, राजेश वाधवानी मध्यप्रदेश सिंधी साहित्य अकादमी के निर्देशक,मुकेश लखवानी भारतीय सिंधु सभा महासचिव, दिनेश वाधवा भारतीय सिंधु सभा युवा अध्यक्ष महाराष्ट्र ,कविता इसरानी मध्य प्रदेश महिला अध्यक्ष सहित कई अन्य  सेकड़ो लोग सिंधु दर्शन यात्रा 2023 में शामिल हुए. सिंधु दर्शन यात्रा 1997 में भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने शुरू की थी तब से यह यात्रा हर साल निकाली जा रही है खासतौर में जून महीने में यह यात्रा निकाली जाती है इस यात्रा में 17 00 सौ से लेकर 1800 के बीच लोग शामिल होते है। इतनी संख्या में वहां पर रहने की व्यवस्था नहीं है इसलिए इस यात्रा को दो भाग में बांट दिया गया और अब यात्रा साल में दो बार निकाली जाती है।

1998 भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा सिंधु नदी के तट पर एक सिंधु घाट बनाया गया है जहां पर बहराना साहब का आयोजन किया गया और उसमें सभी लोग शामिल हुए. भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा राम नागवानी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि सिंधु नदी के तट पर चारों वेदों की रचना हुई थी इसलिए सिंधु नदी को देव रूप में माना जाता है और यह गंगा के समान पवित्र है जिसके दर्शन से ही पुण्य की प्राप्ति होती है इसलिए सिंधु दर्शन यात्रा हर साल निकाली जाती है। महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य एकेडमी के कार्य अध्यक्ष महेश सुखरामणी ने कहा कि 18 जून से लेकर 21 जून के बीच लेह लद्दाख में कई संस्कृतिक कार्यक्रम और संस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किए गए और इसके साथ ही सिंधु नदी के घाट पर पूजा अर्चना और हवन भी किया गया जिससे देश में खुशहाली का माहौल हमेशा बना रहे और सभी लोग हमेशा खुशहाल रहे. सुखरामणी ने कहा कि  इसके साथ ही वहां पर कई प्राकृतिक वादियों का दर्शन भी किए गए और लेह लद्दाख की वादियों में शामिल  सभी लोगों ने प्रकृतिक लुफ्त उठाया और सिंधु दर्शन यात्रा 2023 बड़े उत्साह के साथ में संपन्न हुई जो अपने आप में एक यादगार पल है।

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