जन्म जन्म का साथ हो तुम्हारा ओर हमारा,, झुलेलाल साई
बिलासपुर –::–इस अवसर पर श्री झूलेलाल मंदिर झुलेलाल नगर चकरभाटा में भी गुरु पूर्णिमा उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 8:00 बजे संत लाल साई जी के द्वारा भगवान झूलेलाल एवं बाबा गुरमुख दास जी के मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराया गया नए वस्त्र धारण कराए गए आभूषण पहनाए गए चंदन का तिलक लगाया गया धूप अगरबत्ती दिखाई गई वह आरती की गई प्रसाद वितरण किया गया 10:00 बजे झंडा वंदन किया गया 11:00 आए हुए बाहर से भक्तजनों को नाम दान की दीक्षा दी गई 12:00 पूज्य बहराणा साहब की अखंड ज्योत प्रज्वलित की गई कटनी से आए आकाश म्यूजिकल पार्टी के द्वारा भक्ति भरे भजनों की शानदार प्रस्तुति दी गई दोपहर 1:00 भक्तों के द्वारा संत लाल साईं जी के चरणों को पंचामृत से स्नान कराया गया चरण पादुका पहनाई गई फूल अर्पण किए गए साई जी को फूलों की माला पहनाई गई चंदन का तिलक लगाया गया आरती की गई वह गुरु दक्षिणा स्वरूप भैटा दी गई
अब उस षण का इंतजार सबको था जब इस पावन अवसर पर पावन धरती पर पावन नगरी में पावन स्थान में पावन मंदिर में भगवान रूपी संत जी के अमृत वाणी सुनने का वक्त पूरा हुआ संत लाल साई जी ने अपनी अमृतवाणी में आए हुए सभी भक्तजनों को आशीर्वचन में गुरु पूर्णिमा की अनंत अनंत बधाइयां और शुभकामनाएं दि और कहा कि बड़े भाग्यशाली हैं वह लोग जो इस अवसर पर आज यहां आए हैं और वह भी भाग्यशाली हैं जिन्होंने आज गुरु दक्षिणा ग्रहण किए हैं और वह भी भाग्यशाली हैं जो नहीं आ पाए पर सोशल मीडिया के माध्यम से आज के इस कार्यक्रम को देख रहे हैं और वह भी भाग्यशाली हैं जो किसी कारण वंश नहीं पहुंच सकते हैं पर अपने घरों में बैठकर गुरु का नाम सिमरन कर रहे हैं साइ जी ने कई ज्ञानवर्धक प्रसंग सुनाए
गुरु शिष्य का नाता अनमोल है इसके बारे में प्रकाश डाला ज्ञानवर्धक कथा सुनाएं साई जी ने
बताया कि सत्संग का महत्व क्या होता है गुरु का शिक्षय का महत्व क्या होता है
एक गुरु ने शिक्षय को बताया कि बेटा 8 दिन के बाद तुम्हारा स्वर्गवास हो जाएगा यह सुनकर बड़ा निराश हो गया उसने कहा गुरु जी अगर जब मुझे यमदूत लेने आए तो मैं उन्हें क्या कहूं मुझे जब ले जाएंगे गुरु ने प्यारा सा जवाब दिया बेटा मरना तो 1 दिन सबको है कोई आगे कोई पीछे पर ऊपर जाने के बाद अपने कर्मों का हिसाब तो सबको देना है जब तुम्हें लेने आए तुम एक बात जरूर कहना कि मैंने यहां एक घंटा बैठकर सत्संग गुरु का सुना है मुझे जो उसका फल मिला है उसके लिए आप मुझे फिर से एक घंटा उसी गुरु के पास उसी गुरु के स्थान पर ले चलिए फिर से सत्संग सुनना चाहता हूँ आठवें दिन यमदूत लेने आए और उसे लेकर गए ऊपर अब वहां पर पाप पुण्य का लेखा जोखा हो राह था उससे पूछा गया कि तुमने जो पुण्य का काम किया है एक घंटा सत्संग सुना है तो उसके लिए पहले तुम्हें क्या स्वर्ग में जाना है उसने कहा नहीं मुझे उसका का फल देना है तो मुझे वापस उसी गुरु के स्थान पर उसी जगह पर ले चलिए जहां पर गुरु सत्संग कर रहे हैं वापस उसी स्थान उसी गुरु के जगह पर ले गए जहां गुरु सत्संग कर रहे थे एक घंटा हो गया पर वह भक्त बाहर नहीं निकल रहा था और यमदूत बाहर खड़े होकर भक्त को इशारा कर रहे थे कि वापस आ समय हो गया है भक्त बहुत चतुर था वह तो कह रहा था आप अंदर आओ क्योंकि गुरु ने उसे बता दिया था जब तुम यहां पर हो तुम सुरक्षित हो तुम्हें हम मरने नहीं देंगे अगर यहां से चले जाओगे तो वह तुम्हारी मर्जी है इसलिए जब तक यहां पर हो प्रभु का नाम सिमरन करते रहो नाम में इतनी ताकत है कि यमदूत भी कुछ नहीं कर पाएगा
इसका तात्पर्य है कि गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलकर
व सत्संग को सुनकर आपके सारे कष्ट दूर हो सकते हैं सारे तकलीफ दूर हो सकती हैं अगर आप सत्संग में आए वह गुरु के बातें सुने और अमल करें तो पर आज लोग नाम की दीक्षा तो ले लेते हैं पर घर में जाकर नाम का सिमरन नहीं करते हैं और दुख तकलीफ आने पर गुरु के पास आते हैं गुरु ने नाम का दान किस लिए दिया है ताकि तुम्हें दुख तकलीफ ना आए अगर आए तो यह नाम का जाप ही उसकी दवा है डॉक्टर भी कहता है ना कि हमने तो अपना काम कर लिया है अब बाकी ऊपर वाले की मर्जी ऊपर वाले को याद करो आखरी समय हमें याद करने से अच्छा है कि हम शुरू से ही भगवान को याद करते चले ताकि हमें अंत समय में पछताना न पड़े इस अवसर पर वरुण साईं ने भी कई भक्ति भरे भजन गाए जिसे सुनकर उपस्थित सभी भक्तजन झूम उठे कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई प्रार्थना की गई तो पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आए हुए सभी संगत के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्तजनों ने भंडारण ग्रहण किया इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में लोगों ने आज का कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे आयोजन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के कई शहरों से पहुंचे थे कार्यक्रम के आखिर में बहराणा साहब को ढोल बाजे के साथ बैंड बाजे के साथ आतिशबाजी के साथ मंदिर से निकल तलाब पहुंचे विधि विधान के साथ बहराणा साहब किया को विसर्जन गया अखंड ज्योत को तराया गया इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का सहयोग रहा. विजय दुसेजा की रिपोर्ट