रायपुर : भारत में आमतौर पर हिन्दू रीति – रिवाज से ही शादी करने का चलन है, यही इस देश की मुख्य संस्कृति है, हिन्दू धर्म में वैदिक मन्त्रों से अग्नि के सामने 7 फेरे लेकर शादी की जाती है, जिसमें दूल्हा – दुल्हन की वेशभूषा पारंपरिक हिन्दू धर्म के अनुसार होती है, जहाँ दुल्हन लाल जोड़े में 16 श्रृंगार करती है, हालाँकि भारत देश विविध संस्कृतियों का देश है, जहाँ सभी को अपनी संस्कृति का पालन स्वतंत्र रूप से करने का अधिकार है, इसलिये कई राज्यों में विविध क्षेत्रीय आधार पर विवाह संपन्न होते है, लेकिन छत्तीसगढ़ शुरू से मध्यप्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्य से जुड़ा रहा इसलिये यहाँ अधिकतर विवाह पारंपरिक हिन्दू वेश – भूषा में ही संपन्न होते है, इसमें कोई दोष नहीं है, विवाह की समस्त रीतियाँ हिन्दू पद्धति के अनुसार ही संपन्न होती है, यहाँ बस इतनी ही तब्दीली की गई है की समस्त वैवाहिक रीतियाँ हिन्दू पद्धति के अनुसार ही संपन्न की गई बस विवाह में छत्तीसगढ़ी वेश-भूषा को प्राथमिकता दी गई है, जो की छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दर्शाती है।
इस गाँव क्षेत्र का है समारोह :
आरंग विधानसभा क्षेत्र के मोखेतरा गांव में अनोखी शादी देखने को मिला जहां छत्तीसगढ़ी रीति-रिवाजों से और छत्तीसगढ़ी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए युवक दुर्गेश साहू जो अभी रिम्स हॉस्पिटल में डॉक्टर है उन्होंने छत्तीसगढ़ी वेशभूषा पहनकर शादी रचाई, जिसमें पूरा साथ सजावट टूकना, सुपा, झेझरी एवं नागर बैला गाड़ी इन सब चीजों का उपयोग किया गया था। पकवान ढेढरी, खुर्मी, अरसा, बड़ा यह सब पकवान भी बना हुआ था, जिसमें बहुत सारे लोगों ने देखा और बहुत ही प्रशंसा भी की। यह हमारे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक मैसेज है कि हमें अपने छत्तीसगढ़ी वेशभूषा को बढ़ावा देना चाहिए अपने छत्तीसगढ़ी वेशभूषा के साथ ही शादी रचा कर उन्होंने प्रदेश के युवाओं को एक मैसेज पहुंचाई दूल्हा दुल्हन को देखकर गांव में भी हर्ष और उल्लास का माहौल था। सभी काफी प्रसन्न हुए हैं कि उन्हें एक नया अंदाज में शादी देखने को मिला है। इस विवाह में शादी में शामिल लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला जहाँ लोग दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो खिचवा रहे थे। दूल्हा बने दुर्गेश साहू पेशे से डॉक्टर है, जिन्होंने इंदू साहू के साथ छत्तीसगढ़ी वेशभूषा पहनकर शादी रचाई।