डॉ. कृतिका रोहरा ने कुष्ठ पीड़ितों के बीच मनाया अपना जन्म दिन

जन्म मरण दोनों ईश्वर के हाथ में है हमारे हाथ में नहीं है पर अच्छे संस्कार बच्चों को देना यह हमारे हाथ में हैं जब किसी का जन्म दिन आता है हर कोई अपने अपने हिसाब से उसे मनाता है कोई होटलों में जाता है कोई अलग शहरों में जाता है तो कोई विदेशों में जाता है और कोई मंदिर गुरुद्वारे में जाता है और आज की युवा पीढ़ी तो अलग हिसाब से इसे सेलिब्रेट करती है पर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दिए हैं अच्छी शिक्षा दी है ऐसे ही हैं हमारे बिलासपुर शहर के जाने-माने समाजसेवी
अमर रोहरा की बेटी और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ कृतिका रोहरा ने अपना जन्म दिवस किसी होटल रेस्टोरेंट में न मनाकर ब्रम्ह विहार स्थित कुष्ठ पीड़ित आश्रम में जाकर उनके साथ सादगीपूर्ण मनाया जिस स्थान में कोई जाना नहीं चाहता जिस बीमारी का नाम सुनकर ही लोग अलग ही व्यवहार करते हैं उनके बीच जाकर अपने जीवन का सबसे अनमोल पल समय व्यतीत करना वह उन से चर्चा करना बात करना प्रेम करना उनके जीवन का हाल जानना यह सब हर कोई नहीं कर सकता है पर पैछे से वह एक डॉक्टर भी है समाजसेवी पिता की एक बेटी भी है उनमें संस्कार कूट-कूट कर भरे हुए हैं और जो आज सामने भी आ रहे हैं
कृतिका ने कुष्ट पीड़ित महिलाओ से उनकी स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके दैनिक जीवन के उपयोग की वस्तुएं सोया बड़ी , प्याज , गुड़, फेनॉल इत्यादि प्रदान की डॉ कृतिका ने बताया कि य़ह एक बेकटेरिया जनित रोग है

जो असाध्य नहीं है और प्रारम्भिक अवस्था में इसे कंट्रोल किया जा सकता है यहा रह रहे 35 लोग इस संक्रामक रोग की वज़ह से अपने दूरस्थ गांवों से एवं परिवार से अलग रह रहे हैं इन्हें आपके समय और सहयोग की हमेशा आवश्यकता रहती है अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय हमें इनके हितार्थ भी निकालना चाहिए सभी के स्वास्थ्य की जानकारी भी ली गई और आवश्यक दवाईयां भी उपलब्ध करायी गयी
कृतिका ने अपने डॉक्टर होने का फर्ज भी पूरी ईमानदारी से निभाया और यहां पहुंच कर अपना जन्मदिन भी उनके बीच मनाया और जो खुशी उनके चेहरे पर देखी गई और खुद भी अनुभव किया गया वह कुछ अलग ही थी आज के इस
कार्यक्रम को सफल बनाने में सेवा एक नई पहल के संयोजक श्री सतराम जेठमलानी विश्व सिंधी सेवा संगम के अध्यक्ष अमर रोहरा के अतिरिक्त ट्विंकल आडवाणी हमर संगवारी के प्रधान संपादक पत्रकार विजय दुसेजा सोना रोहरा, गोविंद दुसेजा सुनील चिमनानी, हेमलता जीवनानी और रीता रोहरा का सहयोग रहा