चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लग गई और चुनावी शंखनंद हो गया दोनों राजनीतिक पार्टियां लगभग अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है बिलासपुर में 2018 की तरह 2023 में भी दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हैं शैलेश और अमर 2018 में 20 साल तक विधायक एवं 15 साल मंत्री रहे अमर अग्रवाल को शैलेश पांडे ने हरा दिया था इन पांच सालों में शैलेश पांडे ने जनता के बीच में रहकर जो कार्य किया है वह अपनी स्वच्छ एवं ईमानदार छवि एवं अपने मिलनसारिता हंसमुख और जुझारू कार्य शैली वाले की बनाई है करोना काल में भी उन्होंने जनता के बीच में रहकर एवं जनता के लिए कार्य करते रहे हमेशा अपने आप को जनता का सेवक कहते हैं और वैसा कार्य भी करते आए हैं भले ही उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया पर अपने कर्तव्य का पालन निष्ठा से ईमानदारी से विगत 5 सालों से करते आ रहे हैं बिलासपुर की जनता के दिलो में अपना एक अलग स्थान बनाया है सभी समाजों में अपनी एक अलग पैठ बनाई है अपने कार्य से।
अमर के लिए शैलेश पांडे की लोकप्रियता एवं उनके स्वच्छ छवि के बीच को भेद पाना आसान होगा? शायद नहीं होगा यह चुनाव इतना आसान नहीं है अमर के लिए भी और शैलेश के लिए भी क्योंकि 2018 में एक बदलाव की लहर थी वैसी लहर अभी नहीं है वोटर भी शांत है और साथ में दशहरा और दिवाली का मौका है ऐसे वक्त में चुनाव की तारीख की घोषणा कहीं ना कहीं राजनीतिक पार्टियों को परेशान करने वाली है क्योंकि इस बार किसान भी खुश है फसल अच्छी हुई है व्यापारी भी खुश हैं कि उनका व्यवसाय अच्छा होगा और नेता को चिंता है की वोट किसे मिलेगा शैलेश पांडे ने आम जनता के बीच में रहकर कार्य किया है उसका लाभ उसे जरूर मिलेगा क्योंकि उन्होंने निष्ठा और मेहनत से कार्य किए हैं उसका लाभ उसे जरूर मिलेगा।
जनता की नाराजगी भाजपा से थोड़ी ज्यादा है भली उसकी सरकार राज्य में नहीं है पर केंद्र में जरूर है और रेलवे जिस तरह सौतेला व्यवहार बिलासपुर के साथ कर रहा है वैसा कहीं और नहीं हो रहा है और
हवाई अड्डा तो बन गया पर उसे अभी तक दूसरे हवाई अड्डा की तरह विस्तार नहीं दिया गया है। पूर्ण रूप से विकसित नहीं किया गया है
4 कैटिगरी का लाइसेंस अभी तक नहीं मिला है कई शहरों से बिलासपुर की कन्वेटी अभी तक नहीं जुड़ पाई है और यहां के नेता सिर्फ भाषण दे रहे हैं कार्य नहीं कर रहे हैं इससे भी जनता नाराज है इसका फायदा भी शैलेश पांडे को जरूर मिलेगा और इस चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए आम आदमी पार्टी भी पूरा जोर लगा रही है अब वह किसके वोट काटेगी भाजपा के या कांग्रेस के यह तो वक्त ही बताएगा पर यह चुनाव बडा रोमांचक रहने वाला है अब देखना होगा शैलेश का जादू चलता है या अमर अपनी रणनीति से जनता को अपनी ओर आकर्षित कर पाते हैं कि नहीं
और आम आदमी पार्टी कितना जोर लगा सकती है इन सब सवालों का फैसला तो अभी आने वाला समय ही बताएगा पर जो भी कुछ होगा यह चुनाव इतिहास बनाएगा