शक्ति उपासना के पर्व शारदेय नवरात्रि के पावन अवसर पर अखिल भारतीय सिंन्धु सन्त समाज ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री स्वामी हंसदास जी द्वारा दिव्य आयोजन किया गया।
स्वामी जी ने बताया सनातन धर्म मे नवरात्रि पर्व शक्ति जागरण, साधना, अनुष्ठान का पर्व है। माँ दुर्गा जी की निज-इच्छा से यहाँ विधि-विधान पूर्वक गौरी-गणेश, षोडशमातृका, सप्तघृतमातृका, चौसठ योगिनी, कलश-वरुण, नवग्रह स्थापना की गई और प्रतिदिन प्रातःकाल और सायंकाल उनका पूजन अर्चन,हवन और महाआरती बड़े भाव से किया गया।
साथ ही भगवान श्रीचन्द्र पूजन, गुरुदेव पूजन के साथ श्री दुर्गा सप्तशती सम्पूर्ण पाठ, दुर्गा सप्तशती बीजमन्त्रों का पाठ और श्री दुर्गा चालीसा का पाठ भी किया गया।
आज महानवमी के पावन दिवस पर विशाल हवन यज्ञ और विसर्जन पूजन सम्पन्न हुआ।
माँ दुर्गा जी से प्रार्थना है कि समस्त विश्व का कल्याण करें, सनातन धर्म की पताका सदैव गगन में लहराती रहे। और हम सभी सनातन धर्म मे दृढ़ता पूर्वक प्रतिष्ठित रहें।
अधर्म पर धर्म की विजय के पावन उत्सव विजयादशमी की बधाइयां देते हुए स्वामी जी ने कहा नवरात्रि पर्व शक्ति आव्हान और दशहरा शस्त्र पूजन का त्योहार है।
अतः सम्पूर्ण सनातनी समाज से आव्हान है कि अपने घरों में शास्त्र के साथ शस्त्र का पूजन अवश्य करें। विधर्मियों द्वारा सनातन धर्म पर किये जाने वाले प्रहारों का मुंहतोड़ जवाब हम सब को मिलकर देना है। उसके लिए हम सभी को सभी प्रकार के भेदभाव भूलकर एकजुट होना अत्यंत आवश्यक है।