भोपाल 30 अक्टूबर 2023/
अखिल भारत सिंधी बोली साहित्य सभा के वार्षिक पुरस्कार समारोह में रविवार को विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत विभूतियों को सम्मानित किया गया। पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र 50 हजार की सम्मान निधि शाल श्रीफल और प्रशस्ति पत्र से प्रत्येक सम्मानित विभूति को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। सिंधु भवन शिवाजी नगर,भोपाल में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने कहा युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और भाषा के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। कला साहित्य रंगमंच और संगीत से जुड़कर जीवन को संवारा जा सकता है। उन्होंने विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित किया जिनमें नागपुर भोपाल अहमदाबाद जयपुर और मुंबई के लेखक कलाकार शामिल है।कार्यक्रम में लेखक मोहन गेहानी,रिटायर्ड आई ए एस डा मनोहर अगनानी,राजेंद्र मनवानी,साबू रीझवानी, डा के एस बुधवानी,पत्रकार सुरेश जसवानी,समाजसेवी तुलसी नेनवानी,मोहन लालवानी,जयपाल सचदेव, सहित अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी और समाज बंधु कार्यक्रम में शामिल हुए।
समारोह में सभा की महासचिव अंजली तुलसियानी,दिल्ली,उपाध्यक्ष कैलाश बालानी,दिल्ली ,धीरज नावानी,दिल्ली,राम जहरानी मुंबई और जेठो लालवानी,अहमदाबाद विशेष रूप से उपस्थित थे।
।संयोजक अशोक मनवानी ने स्वागत संबोधन दिया। संचालन विजय मनवानी ने और आभार प्रदर्शन कविता इसरानी ने किया।
लेखक को अच्छा इंसान भी होना चाहिए
पोस्टकार्ड नाटक का मंचन भी हुआ जिसमें कविता इसरानी के निर्देशन में समीक्षा लछवानी, ऋषभ आहूजा लखन परियाणी, सुरेश पारवानी, मुकेश जग्यासी दिलीप वासवानी और अन्य कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया।मेकअप सहयोग नरेंद्र राजपूत का था।
यह कहानी एक लेखक के जीवन पर केंद्रित है जो किसी जरूरत मंद युवक का पोस्टकार्ड मिलने पर उसकी सहायता के अनुरोध पर इस मानसिक उलझन में फंसा रहता है कि इस युवक की सहायता करूं या ना करूं।द्वंद्व की स्थिति में रहता है। अंत में वह ऐसी मदद करता है जो उस युवक की जिंदगी बदल देती है। इस तरह नाटक एक सार्थक संदेश देता है। नाटक की कहानी झकझोर देती है। एक अच्छे लेखक के साथ एक अच्छा इंसान होना जरूरी है,यह संदेश नाटक में दिया गया है।