गौ माता की आराधना एवं सनातन संस्कृति का परिचायक है गोपाष्टमी पर्व….. रुपचंद डोडवानी

बिलासपुर :-गौ माता की आराधना एवं सनातन संस्कृति के परिचायक गोपाष्टमी महापर्व के शुभ अवसर पर ममतामयी मां कलावती दुसेजा फाउंडेशन की ओर से दयालबंद स्थित श्री कृष्णा गौशाला में फाउंडेशन के सदस्यों के द्वारा हर वर्ष की तरह इस बार भी गोपष्टमी के पावन पर्व पर
गौ माता की श्रद्धा पूर्वक आरती, एवं पूजा अर्चना कर, फल, हरी सब्जी एवं हरा चारा, गुड़ खिलाया एवं सभी के परिवारों में सुख, समृद्धि निरोगी काया, एवं सर्व धर्म समाज की खुशहाली की मंगल कामना की गई
इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ फाउंडेशन के संरक्षक रूपचंद डोडवानी ने
गौ माता के आराधना एवं सनातन संस्कृति के परिचायक गोपाष्टमी महापर्व के बारे में बताया कि…..
गोपाष्टमी का पावन पर्व भगवान श्रीकृष्ण के प्रथम गौचारण उत्सव के रूप में मनाया जाता है। आज के पावन दिन मैयां यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार करके उन्हें गौ चारण के लिए प्रथम बार भेजा था। जिस ब्रह्म की चरण रज के लिए ब्रह्मा-शंकर तक तरसते हैं वो चरण गौमाता की सेवा के लिए कंकड़ पत्थर और कुंज-निकुंजों में विचरण करते हैं।
गौमाता भगवान श्री कृष्ण को सबसे ज्यादा प्रिय हैं। गौ माता की सेवा के कारण ही प्रभु का नाम गोपाल पड़ा। गाय हमारे आराध्य की भी आराध्या हैं। गौ माता में समस्त देवी-देवता निवास करते हैं। गौ माता की सेवा परिवार में सुख-शांति, समृद्धि एवं पूर्वजों को सद्गति प्रदायक होती है।
गोपाल के साथ-साथ गौमाताओं की सेवा हम समस्त सनातन धर्मावलंबियों का प्रधान कर्तव्य है। गोपाल को रिझाने का एक ही मूल मंत्र है और वह है गौमाता की सेवा। यथा सामर्थ्य गोपाष्टमी के इस पावन दिवस पर गौमाताओं की सेवा के संकल्प के साथ इस पर्व को सार्थक बनाने का प्रयास अवश्य करें।
इस अवसर पर फाउंडेशन के अध्यक्ष विजय दुसेजा एवं महामंत्री जगदीश जज्ञासी ने भी गोपाष्टमी महापर्व के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी

इस अवसर पर गौशाला में रूपचंद डोडवानी, विजय दुसेजा, जगदीश जज्ञासी, इंद्रकुमार गंगवानी, नानक नागदेव, गोविंद दुसेजा, गुंजन दुसेजा, एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे
आज के इस आयोजन में संस्था के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा
उपरोक्त जानकारी फाउंडेशन के अध्यक्ष विजय दुसेजा के द्वारा दी गई