कहते हैं जान है तो जहांन है यह कहावत वास्तव में कितनी चरितार्थ है? इसका अंदाजा हम अपनी सेहत को लेकर भली-भांति परिचित है जान और जहान तब सुरक्षित है जब हमारा शरीर स्वस्थ है.इस भाग दौड़ की जिंदगी में हर इंसान कम समय में अच्छी तरक्की की लालसा रखता है भागम भाग से हम तनाव ग्रस्त हो जाते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं उनकी रोकथाम के लिए अनेक उपचार भी है जैसे अंग्रेजी चिकित्सा ,आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक पद्धति, को अपनाया जाता है इन सब बातों को देखते हुए विगत दिवस स्थानीय एक निजी होटल मे सिक्सो आयुर्वेद दिल्ली द्वारा आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेमिनार का आयोजन किया गया था.कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम भगवान झूलेलाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन कर शुरुआत की गई एवं मंचस्थ अतिथि डा.मनोज कुमार ,भारतीय सिंधु सभा महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष विनीता भावनानी, वरिष्ठ समाजसेवी सोमराज कोटवानी, सी.एम.मखीजा, पूज्य सिंधी पंचायत सकरी के अध्यक्ष पी.एन.खत्री का पुष्पहार से स्वागत किया गया .सेमिनार में बड़ौदा गुजरात से सुप्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक डा.मनोज कुमार ने स्वास्थ्य संबंधी अनेक टिप्स दिए, नगर की सिक्सो आयुर्वेद लीडर सिमरन हरियानी ने बताया कि डा.मनोज जो कि जल पर शोध करने, अंतर्राष्ट्रीय हीलिंग, बिजनेस एडवाइजर एवं मोटिवेशनल स्पीकर में विशेष ख्याती प्राप्त है .अपने संबोधन में डा.मनोज ने बताया की अपने जीवन में आयुर्वेदिक अपनाने से जटिल से जटिल रोग भी ठीक हो सकते हैं
किंतु जो शरीर की संरचना पूरी तरह से नष्ट हो जाती है तो उस स्थिति में अंग्रेजी दवा भी कारगर साबित नहीं होती अर्थात रोग की प्रारंभिक स्थिति में यदि आयुर्वेद का उपचार किया जाए तो वह रोग आगे तो नहीं बढ़ेगा बल्कि जड़ से ही खत्म हो जाएगा यह आयुर्वेद में विशेषता है . सेमिनार में अनेक श्रोताओं ने डा.से सवाल जवाब कर अपनी समस्या साझा की जिसका डा.साहब ने अपने उद्बोधन में समाधान भी बताया.कार्यक्रम का संचालन पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कालोनी के अध्यक्ष जगदीश जज्ञासी ने किया.इस सेमिनार में भारतीय सिंधु सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष डी. डी.आहूजा , पूज्य सिंधी पंचायत देवरी खुर्द के अध्यक्ष आनंद देशर, मोहन जेसवानी ,अशोक जज्ञासी, शंकर लाल हरियानी, शत्रुघन जैसवानी, राजकुमार मनसुखानी, महिला विंग की राजकुमारी मिहानी,कंचन मलघानी, भारती सचदेव, ट्विंकल आडवानी, सोनी बहरानी, रेशमा निहलानी, कीर्ती सिरवानी,प्रिया हरियानी एवं समाज के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे तथा वक्ता को सुनने रायपुर से भी सरिता संतवाणी, आशा पमनानी उपस्थित थे.कार्यक्रम के समापन पर डॉ मनोज कुमार का शॉल ,स्मृति चिन्ह दे कर सम्मान किया गया.