प्रकृति के साथ खिलवाड़ ना करें उसका अंजाम भयानक होगा कुछ नजारा आपने देखा है और कुछ नजारा देखना बाकी है ? : विजय दुसेजा

विकास के नाम पर विनाश क्यों हाल ही में जिस तरह पूरे विश्व में विकास के नाम पर विनाश की एक होड़ लगी है इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है उसका संतुलन बिगड़ा है रासायनिक गैस उत्पादन ज्यादा होना प्रदूषण बढ़ना जंगल से हजारों लाखों पेड़ काटना जिस तरह विकास के नाम पर पेड़ों की हत्या की जा रही है वह अन्य सोचे समझे कार्य किया जा रहे हैं इससे देश का वातावरण व वायुमंडल में बदलाव हो रहा है जीसके कारण कई गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं हाल ही में एक ऐसी घटना घटी उत्तराखंड में बना रहे एक टनल में 41 मजदूर फंस गए क्योंकि टनल के अंदर मालबा गिर गया जबकि इससे पहले भी उत्तराखंड में पहाड़ टूटने की घटनाएं हो चुकी है
कई जगह पहाड़ों में दरारें आ चुकी हैं लोगों का रहना वहां मुश्किल हो गया है यह सब कुछ नजारा देखने और जानने के बाद भी बगैर सोचे समझे किया जा रहे विकास के नाम पर अविनाश है कहीं ना कहीं उसका खामियाजा

हम सबको भूगतना पड़ेगा विकास होना चाहिए पर उसकी भी कुछ शर्ते होनी चाहिए कुछ संतुलन होने चाहिए जो बुद्धिजीवी वह विषयज्ञ है उनसे बात करें और जो सुझाव देते हैं तो उस पर अमल भी होना चाहिए दिल्ली का हाल देख लीजिए प्रदूषण से भरा हुआ है लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है कहीं ना कहीं नुकसान हमें ही हो रहा है आने वाली पीढ़ी को आप क्या देकर जा रहे हैं स्वस्थ सुंदर प्रदेश देश या मौत का कुआं यह सोचना आपको है बड़ी-बड़ी कंपनियां और कुछ नेता अपनी तिजोरी भरने के लिए ऐसे कार्य कर रही है जिससे मानव जाति का विनाश होना निश्चित है पहले के व्यक्तियों को देखें उनकी उम्र 100 साल होती थी और आज के व्यक्ति की उम्र ज्यादा से ज्यादा 60 साल या 40 50 साल में ही हार्ट अटैक का शिकार हो जा रहा है कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं इसका कारण क्या है इसकी वजह के पीछे आप जाएंगे तो आपको सच का पता चलेगा खानपान में भी बहुत बदलाव आया है जो हम खा रहे हैं क्या वह शरीर के लिए उपयोगी है जो अनाज पैदा हो रहा है फल फ्रूट पैदा हो रहे हैं सब में रासायनिक खाद और दवाओ का इस्तेमाल हो रहा है कम समय में ज्यादा फसल पाने के लिए और ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए इंसान ही इंसान का दुश्मन बन रहा है सरकार सब कुछ जानती है फिर भी आंखें बंद करके बैठी रहती है और यह सब विनाश की घटनाएं होने देती है

अभी कुछ दिन पूर्व ही बिन मौसम बरसात में जैसा तांडव मचाया महाराष्ट्र गुजरात और देश के अन्य प्रदेशों में देखकर सभी दंग रह गए ऐसा लगा मानव मानसून का मौसम वापस आ गया हो ठंड के मौसम में ऐसी बरसात कभी नहीं देखी इसका कारण वही है प्रकृति के साथ खिलवाड़ इसका कहीं ना कहीं भुगतान आपको ही करना होगा कितनी जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं और कितना धन का नुकसान हो रहा है उस चीज को अगर आप देखेंगे तो यह थोड़ा सा फायदा आप नहीं चाहेंगे इसलिए अभी भी वक्त है और जो भी विकास की योजनाएं चालू की जा रही है या विकास के कार्य हो रहे हैं उन सब को बगैर सोचे समझे आगे ना बढ़ाया जाए उन सभी प्रोजेक्ट के कार्य पर देश के बुद्धिजीवी विशेषज्ञ से
सलाह ली जाए ओर उस पर अमल करे फिर आगे बढ़ा जाए तभी स्वस्थ भारत साफ सुथरा भारत मजबूत भारत बनेगा