सात समंदर पार से पहुंची ठंड से ठिठुरते ग्रामीण छात्रों को मदद

बिलासपुर सीपत मार्ग पर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय के नन्हे बालक जिसकी माता असमय चल बसी और पिता रोजी मजूरी कमाने परदेस चले गए और लालन पालन बुजुर्ग दादी कर रही है उसने शाला पहुंचते ही ठिठुरते हुए अध्यापक से गुहार लगाई और कहा कि उसके पास गरम कपड़ो के नाम पर एक स्वेटर तक नहीं है ~
शिक्षक चरण दास महंत ने इस बालक की व्यथा सेवा एक नई पहल की संयोजिका रेखा आहुजा को सुनाई और फिर संस्था के संयोजक सतराम जेठमलानी ने सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल किया जिसे फेस बुक पर पढ़ कर सात समंदर पार निवासी रागिनी पंजवानी ने अपनी सहयोग निधि प्रेषित की जिससे वंचित ग्रामीणों में कंवल बांटे गए और इसी प्रकार स्थानीय ग्रहणी रेशु जेठमलानी ने अपनी वैवाहिक वर्ष गांठ के उपलक्ष में शाला के सभी बच्चो के लिए स्वेटर की व्यवस्था की ~ संस्था की संयोजिका रेखा आहुजा द्वारा हाईकोर्ट एडवोकेट कंचन भोजवानी , उद्योग पति मुकेश पमनानी , शशि अग्रवाल , राम हिंदूजा , कविता मोटवानी, अंजू , स्वाति , हेमा से संकलित गरम कपड़े , वेफर बिस्किट्स , चाकलेट , श्री फल , बरतन , अनाज , आंगन बाड़ी के बच्चो को खिलौने, स्कूल के लिए दरी आदि का संस्था के सदस्यों नेहा आहुजा , अंशु पारवानी , वैभव व विशाल तंबोली द्वारा शालेय बच्चो व उनके पालक गण के बीच वितरण किया गया तत्पश्चात अभाव में भी शैषणिक प्रतिभा निखार रहे बच्चो के माता पिता को शाल श्री फल दे सम्माबित किया गया इस नेक कार्य मे विद्यालय की ओर से प्रधान पाठक बसंत जायसवाल, शिक्षिका चंद्रिका मिरी , शिक्षा सारथी राधिका साहू व पूर्णिमा सूर्यवशी का सक्रिय सहयोग रहा।