भगवान झूलेलाल जी को फिर लेना होगा अवतार पापीयों का सर्वनाश करने के लिए,,

कहते हैं जब-जब पृथ्वी पर पाप बड़ा है अत्याचार बड़ा है तब तब सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु ने किसी न किसी रूप में आकार और अवतार लेकर पापीयों का संघार किया है वह भक्तों की रक्षा की है पृथ्वी को बचाया है

सतयुग हो या त्रेता युग द्वापर हो या कलयुग भगवान का अवतार जरूर हुआ है
1080 साल पहले हमारे इस्ट देव भगवान झूलेलाल जी का भी अवतरण “हुआ” था
अपने भक्तों की रक्षा के लिए जब मिंरग शाह, बादशाह का जुल्म बड़ा अत्याचार बड़ा तब भक्तों ने सिंधु नदी के किनारे जाकर भगवान की आराधना की उनकी पूजा की भक्ति से प्रसन्न होकर सिंधु नदी के बीच से नीले घोड़े में बैठकर भगवान झूलेलाल जी बाहर निकले और उन्होंने कहा कि वह बहुत जल्द सिंध की भूमि में नशरहपुर में माता देवकी पिता रतन राय के घर 🏡 में जन्म लेंगे और आपकी रक्षा करेंगे हुआ भी ऐसे ही भगवान झूलेलाल जी चाहते तो मिंरग बादशाह को एक सेकंड में मार देते पर उन्होंने उसे मारा नहीं बल्कि उसके अहंकार को तोड़ा और उसे गलत कार्य जो कर रहे थे उसे रोका और समझाया बादशाह की आंखें खुल गई वह समझ गया कि जो वह अधर्म का कार्य कर रहा था वह गलत है किसी भी व्यक्ति को जबरन दूसरे के धर्म में परिवर्तन नहीं करना चाहिए और अपनी प्रजा पर अत्याचार नहीं करना चाहिए

संकट दूर करने के लिये संकट मोचन हनुमान जी के हनुमान चालीसा को गुनगुनाने के लिये लिंक पर क्लिक करें :https://www.youtube.com/watch?v=lv0wP9lOqMs


यह राजा का पहला कर्तव्य है कि अपनी प्रजा का सुख-दुख में हमेशा साथ रहे और उसका पालक पिता की तरह ध्यान रखें
आज भी चेटीचंड्र है जब भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था
1080 साल पहले ,बादशाह तो सुधर गया और मर भी गया अब वक्त बहुत बदल गया है अखंड भारत के कई टूकड़े हो चुके हैं भारत के भी के टुकड़े हो चुके हैं जो सिंध था पाकिस्तान के हिस्से में चला गया अब कुछ हिंदू परिवार वहां अभी भी है और बाकी भारत में आ गए,
सिंधी समाज खाली आया था अपनी मेहनत के बल पर आगे बडा़ वह पुरुषार्थी कहलाया
धर्म कहता है जिस वस्तु को छोड़कर तुम मुझे पाने के लिए आओगे वह वस्तु तुम्हें दोबारा मिलेगी समाज के लोगों ने धन दौलत जमीन जायदाद, सब छोड़ कर अपने धर्म की रक्षा के लिए खाली हाथ आ गएऔर भगवान झूलेलाल की कृपा से उन्हें धन 💰दोलत,जमीन जायदाद, खूब मिली अपनी मेहनत के बल पर भी आगे बढ़े पर जैसे-जैसे कलयुग का प्रभाव बढ़ रहा है वैसे इंसानों की प्रवृत्ति भी बदल रही है एक सत्संग में मैंने सुना था त्रेता युग में एक रावण था द्वापर में एक कंस था पर कलयुग में आपको कई रावण जैसे प्रर्वती के लोग कंश जैसे प्रवृत्ति के लोग दुर्योधन दुशासन ,जैसे प्रवृत्ति के लोग बहुत सारे मिलेंगे हर शहर में मिलेंगे हर नगर में मिलेंगे हर मोहल्ले में मिलेंगे और यहां तक की आपके घर में भी हो सकते हैं और हर समाज में भी मिलेंगे उस, संत की बात आज 100 प्रतीशत सही साबित हो रही है जिस तरह क्राइम बड़ा है उसे देखकर तो यही साबित हो रहा है हमारे समाज में भी ऐसे प्रर्वती के लोग अब सामने आ रहे हैं कुछ लोगों को इतना अहंकार हो गया है कि वह भगवान से सभी अपने आप को बड़ा मानते हैं सत्संग में जाते जरूर हैं घरों में दुकानों में अपने गुरु की बड़े-बड़े फोटो लगाकर रखते हैं सामने वाले को मूर्ख बनाने के लिए पूछने पर कहते हैं सेवा करने जा रहे हैं 10 दिन दुकान बंद रखेंगे घर बंद रखेंगे सत्संग सुनेंगे पर संत का कहना नहीं मानेंगे सत्संग में सुनने के बाद जो उसका शार है उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए उसे नहीं उतारेंगे
बातें बड़ी-बड़ी करेंगे पर काम उल्टा करेंगे अपने चेहरे पर कई चेहरे लगाकर रखे हैं जैसा मन होता है वैसा 😐चेहरा लगा देते हैं पर वह भूल गए हैं कि भगवान के घर में देर है पर अंधेर नहीं है और भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए किसी न किसी रूप में आ जाते हैं या अपने किसी को भेज देते हैं भक्त की रक्षा के लिए आज समाज में भी जिस तरह कुछ लोग अपने पैसे के घमंड से अत्याचार कर रहे हैं दुराचार कर रहे हैं झूठ फरेब धोखा कर रहे हैं लोगों को मूर्ख बना रहे हैं यह गंदगी बहुत तेजी से बढ़ रही है जहां हमारे युवा साथी कुछ लोग जुआ शराब ,सट्टे में लिप्त हैं समाज की लड़कियां अदर समाज लड़कों से शादियां कर रही है कुछ लड़कियां समाज में शादी के बाद तुरंत तलाक की नौबत आ रही है ऐसी अन्य बातें वह घटनाएं घट रही है जिन्हें हमें ठीक करना चाहिए था पर उन्हें छोड़कर जो अच्छा कार्य कर रहे हैं जो समाज हित के कार्य कर रहे हैं जो निचले तबके के लिए कार्य कर रहे हैं समाज के मथा मथादिश उन लोगों के पीछे पड़ रहे हैं उन पर अत्याचार कर रहे हैं मिरंग बादशाह की तरह जुल्म कर रहे हैं अंग्रेजो की तरह पेश आ रहे हैं और खुल्लम-खुल्ला बोल रहे हैं कि सब कुछ हमने किया है दम है तो रोक के दिखा यह अहंकार किस बात का है

नवरात्री के शुभ अवसर माता के नौ रूपों की आराधना करें , पूरा सुने यह मधुर भजन और हमारे चैनल को सब्सक्राईब करें : https://www.youtube.com/watch?v=8OLfH1w-yBw

पैसा आज है कल नहीं रहेगा कल फकीर था तू सड़क पर खड़ा था झूलेलाल की कृपा हुई तो आज तू बिल्डिंग में पहुंच गया पर यह मत भूल पाप जब बढ़ता है ना पाप की मटकी को तोड़ने के लिए भी भगवान स्वयं आते हैं जब तेरी पाप की मटकी भी फूटेगी ना तो बिल्डिंग से सड़क में आने पर टाइम नहीं लगेगा याद करो
करोना काल जब लोग पैसे लेकर घूम रहे थे पर ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल रहा था एक-एक सांस खरीदने के लिए करोड रुपए दे रहे थे पर खरीद नहीं पा रहे थे यह जानकर देख कर फिर भी तू नहीं सीखा अपने अहंकार में इतना आगे मत बढ़ की मरने के बाद भी लोग रोये नहीं बल्कि हंसे की अच्छा हुआ यह पापी मर गया
ऐसा कार्य मत कर किसी की आह मत ले और अपने किए पर पछतावा है तो क्षमा मांग,
आज मैं तो भगवान झूलेलाल से प्रार्थना करूंगा कि हे भगवान झूलेलाल आप फिर से एक बार इस भारत भूमि में जन्म लीजिए वह अपने भक्तों से रक्षा कीजिये ओर पापियों को दंड दीजिए ताकि आने वाली सात पीढ़ी भी याद रखें

( हे मनुष्य याद रख यह मिट्टी की किया है मिट्टी में मिल जाएगी )

(क्या लेकर आया था और क्या लेकर जाएगा जो इतना तू गुरुर कर रहा है मरने के बाद अकड़ जाएगा और कोई तुझे सीधा नहीं कर पाएगा )

( इसलिए इतना अहंकार मत कर चंद कागज़ के टुकड़ों पर याद कर जब नोटबंदी हुई थी तो यह कागज के टुकड़े कोई काम के नहीं रहे थे )

इसलिए धर्म के लिए कार्य कर परोपकार कर सत्य के मार्ग पर चल और समाज के हित के लिए समाज के लोगों को साथ लेकर आगे बढ ,
अगर ऐसा नहीं किया तो, तुम्हारा सर्वनाश होना निश्चित है और बहुत जल्द होगा

(जय झूलेलाल जय जय झूलेलाल)