अलवर. हमारे देश के फौज सीमा की सुरक्षा तक ही सीमित नही है वह एक परिवार के तौर पर भी अपना धर्म निभाने में पीछे नही है।
ऐसा ही कुछ राजस्थान के अलवर शहर से खबर है कि चार बेटियों के पिता साल 2010 में शहीद हो गए। जब पहली बेटी की शादी होने लगी तो पिता की याद में वह खूब रोई, लेकिन जब पिता के फौजी साथी विवाह स्थल पहुंचे और पिता की तरह बेटी का कन्यादान किया तो वहां पर मौजूद लोगों की आखें नम हो गई। इस शादी की चर्चा पूरे देश में हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर आर्मी के लिए लगातार कमेंट कर रहे हैं।
सीआरपीएफ में थे बेटी के पिता
दरअसल अलवर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में दुब्बी गांव में रहने वाले राकेश मीणा सीआरपीएफ में थे। वे साल 2010 में शहीद हो गए थे। गांव में उनकी एक प्रतिमा भी बनाई गई थी। परिवार में चार बेटियां थीं। पहली बेटी सारिका की शादी 23 अप्रैल को हुई। लेकिन पिता मौजूद नहीं थे। सारिका अपने पिता को याद ही कर रही थी कि फेरे से कुछ घंटों पहले बड़ी संख्या में सीआरपीफ के फौजी वहां आ पहुंचे।
उपहार में दिए रुपये,कपड़े,गहने और फ्रीज, टीवी,कूलर,वाशिंग मशीन
उन्होनें पिता की तरह फर्ज निभाया। विशेष कोष के जरिए एक लाख पचास हजार रूपए सारिका को दिए गए। उसके अलावा फौजी साथियों में से किसी ने फ्रीज, टीवी, वॉशिंग मशीन, मिक्सर समेत कपड़े और गहने दूल्हा एवं दुल्हन को उपहार में दिए। भाई की तरह दुल्हन को चुनरी ओढाई, कन्या दान सेना के अफसर ने किया। गांव में शहीद की बेटी की शादी में ऐसा माहौल देखकर लोगों की आखें नम हो गई। शादी के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।